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मैं किसी की पत्नी नहीं, मेरा तलाक हो चुका है:बीकानेर राजपरिवार की प्रॉपर्टी पर सिद्धी कुमारी की बुआ का पलटवार, कहा- ​हमें बहुत तंग किया गया

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मैं किसी की पत्नी नहीं, मेरा तलाक हो चुका है:बीकानेर राजपरिवार की प्रॉपर्टी पर सिद्धी कुमारी की बुआ का पलटवार, कहा- ​हमें बहुत तंग किया गया

बीकानेर राजपरिवार में चल रहे प्रॉपर्टी विवाद को लेकर राज्यश्री ने पहली बार पलटवार किया है। - Dainik Bhaskar

बीकानेर राजपरिवार में चल रहे प्रॉपर्टी विवाद को लेकर राज्यश्री ने पहली बार पलटवार किया है।

बीकानेर राजपरिवार में विधायक सिद्धि कुमारी और उनकी बुआ के बीच चल रहा प्रॉपर्टी विवाद बढ़ता जा रहा है। सिद्धि कुमारी की ओर से बुआ समेत उनके स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद पहली बार राज्यश्री ने पलटवार करते हुए इसका जवाब दिया है।

वे बोलीं- पहले तो मैं ये कहना चाहती हूं कि मैं किसी की पत्नी नहीं हूं…। दरअसल, सिद्धि कुमारी ने एफआईआर में राज्यश्री के साथ उनके पूर्व पति मयूरध्वज सिंह गोहिल का नाम भी जोड़ा था। इसी का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- मेरा 1996 में तलाक हो चुका है और सिंगल लेड़ी हूं।

दरअसल, बुधवार को लालगढ़ में पूर्व महाराजा करणी सिंह के जन्म शताब्दी वर्ष की शुरुआत को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसी आयोजन में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि- इस मामले को लेकर हमें काफी परेशान और तंग किया गया है।

माउंट आबू की प्रॉपर्टी है, जिस पर सिद्धि कुमारी ने अपना हक जताया है।

माउंट आबू की प्रॉपर्टी है, जिस पर सिद्धि कुमारी ने अपना हक जताया है।

मैं महाराजा करणी सिंह की बेटी, परिवार की सीनियर मेंबर

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं महाराजा करणी सिंह की बेटी हूं। मेरी मां के निधन के बाद मैं करणी सिंह जी के परिवार में सबसे बड़ी और सीनियर मेंबर हूं। मेरी मां के मार्च 23 में निधन के बारह दिन के बाद सिद्धि ने हम सभी पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ केस किए थे।

ये केस न सिर्फ हम दो बहनों के खिलाफ बल्कि हमारे बच्चों के खिलाफ भी है। पिछले साल बिना किसी मुद्दों के हम लोगों को काफी परेशान और तंग किया गया। हम नहीं चाहते कि राजपरिवार की बातें सार्वजनिक हो इसलिए हमने ऐसा कुछ नहीं किया है।

विधानसभा चुनाव के समय जब सिद्धि ने अपना नॉमिनेशन फाइल उसमें फाइनेंशियल डिक्लेरेशन किया तो सौ करोड़ रुपए की सम्पति बताई थी। इस पर जब हमने प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट की जांच करवाई तो पता चला कि जो प्रॉपर्टी उन्होंने खुद की बताई है उसका फ्री टाइटिल उनके पास नहीं है। अपने लीगल राइट्स की सुरक्षा के लिए हमें चुनाव आयोग में एक शिकायत करनी पड़ी, जो पूरी तरह कानूनी तरीके से की गई थी।

सि​द्धि कुमारी के एफआईआर को लेकर वे बोलीं- सारे आरोप और बातें पूरी तरह झूठी हैं। ये सभी विचलित करने वाली है, लेकिन हम विचलित नहीं होने वाले। मेरे पिता जो जिम्मेदारी मुझे सौंपकर गए हैं, उनको मैं जिम्मेदारी से पूरा करुंगी।

फोटो बुधवार को लालगढ़ में आयोजित हुए कार्यक्रम का है। इसमें बीकानेर के पूर्व महाराजा करणी सिंह के जन्म शताब्दी पर आयोजित कार्यक्रम का है।

फोटो बुधवार को लालगढ़ में आयोजित हुए कार्यक्रम का है। इसमें बीकानेर के पूर्व महाराजा करणी सिंह के जन्म शताब्दी पर आयोजित कार्यक्रम का है।

बुआ का आरोप, वे मिस यूज कर रही है

मीडिया से बातचीत के दौरान जब पत्रकारों ने सिद्धि कुमारी के पॉलिटिकल पावर यूज के सवाल पर राज्यश्री ने कहा पॉलिटिक्स पर मैं कुछ नहीं कह सकती लेकिन उसने हमें बहुत सताया है, बहुत तंग किया है, हर तरीके से। वे इसे मिस यूज कर रही है।

एफआईआर के एक्शन पर उन्होंने बताया कि हम कुछ नहीं करेंगे। बिना सोचे समझे। हम जिम्मेदार लोग हैं। हमे अपने परिवार की गरिमा को ध्यान में रखते हुए आगे कार्रवाई करेंगे।

इस एफआईआर में राज्यश्री के स्टाफ मेंबर का भी नाम है। इस पर भी राज्यश्री ने पलटवार करते हुए कहा कि- सबसे ज्यादा इसी से दुख हुआ है कि जो हमारे स्टाफ इतनी ईमानदारी से काम कर रहे हैं, उन्हें इन चीजों में घसीटा गया।

पॉलिटिक्स जॉइन करने पर उनका कहना था कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, मैं तो सेमी रिटायर्ड पर्सन हूं। मैं, मेरे पिता के ट्रस्ट की जिम्मेदारी निभा रही हूं। राजनीति में जाना होता तो कभी भी जॉइन कर लेती। मैं नहीं समझती कि अब मेरी ये उम्र है कि राजनीति में जाऊं।

वहीं कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की बात है तो मेरी कांग्रेस या ​राजनीति से जुड़े किसी भी व्यक्ति से मुलाकात नहीं हुई है। मैं तो अपने ऑ​फिस के काम में बिजी रहती हूं।

इसलिए हुआ विवाद?

सिद्धि कुमारी ने 2018 के चुनाव में एफिडेविट लगाकर अपनी संपत्ति करीब 8.89 करोड़ बताई थी। लेकिन 2023 के चुनाव के उन्होंने खुद को करीब 102 करोड़ की संपत्ति की मालकिन बताया है। इसमें उन्होंने करणी भवन, प्राचीना और माउंट आबू की एक प्रॉपर्टी को अपना बताया।

विधानसभा चुनाव से पहले बीकानेर की पूर्व राजमाता और दिवंगत करणी सिंह की पत्नी सुशीला कुमारी का निधन हो गया था। वे विधायक सिद्धि कुमारी की दादी और राज्यश्री कुमारी की मां लगती थीं। बताया जा रहा है कि राजमाता 80 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सिद्धि कुमारी के नाम कर गई हैं। असल में अब विवाद इसी बात का है कि उस संपत्ति पर किसका हक है?

राज्यश्री कुमारी के पक्ष का तर्क है कि राजमाता की वसीयत जिस तरीके से ओपन होनी चाहिए थी, अब तक नहीं हुई है। अधिकृत तौर पर खुलने के पहले राजमाता की संपत्ति को एक पक्ष ने अपने नाम शो कर दिया है।

राज्यश्री ने करणी भवन, प्राचीना और माउंट आबू की सम्पति से जुड़े दस्तावेज पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को एक शिकायत दर्ज कराई। उनका दावा है कि प्राचीना का व्यवसायिक उपयोग गलत हो रहा है। इस पर उनका भी अधिकार है। इसी तरह करणी भवन और माउंट आबू की सम्पति पर भी अकेली सिद्धि कुमारी का अधिकार नहीं है।

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