मोदी और गहलोत सरकार के बीच हुआ समझौता, अब नहीं आएगी कोयले की परेशानी
Modi-Gehlot Gov. : नरेंद्र मोदी और अशोक गहलोत सरकार के बीच समझौता हुआ जिसके बाद अब फसली सीजन में कोयले की परेशानी नहीं आएगी.
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Modi-Gehlot Gov. : राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम का कोल इंडिया लिमिटेड के साथ 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना के लिए एमओयू हुआ. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की मौजूदगी में पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश से जुड़े प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हुए. 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना से राज्य सरकार द्वारा थर्मल पॉवर प्लांटों में कोयले की बचत और प्रदूषण में कमी करने में मदद मिलेगी. सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सरकारी उपक्रम राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को 2000 मेगावाट सोलर पार्क को विकसित करने का जिम्मा दिया गया है. इसके लिए राज्य सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में 4846 हैक्टेयर भूमि आवंटित की है और इस पार्क में 810 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्वयं उत्पादन निगम द्वारा स्थापित की जाएगी और 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा स्थापित की जाएगी.
राजस्थान को हमेशा करते हैं सहयोग
राज्य सौर ऊर्जा को लेकर नई हर रोज नई उड़ान भरने की तैयारी कर रहा है. इसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए राजस्थान विधुत उत्पादन निगम ने महत्वपूर्ण MOU साइन किये. निगम का पूगल, बीकानेर में बनेगा 2000 मेगावाट का सोलर पार्क 1190 मेगावाट क्षमता के लिए कोल इंडिया लिमिटेड से MOU हुआ. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी और ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी की मौजूदगी में ये MOU हुआ. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम राजस्थान को हमेशा सहयोग करते रहे है , हालांकि उन्होंने इस बात की ओर से भी इशारा किया राजस्थान के पास अब सिर्फ 7 दिन का कोयला ही शेष है .
केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी कहा कि प्रहलाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया की पहली प्राथमिकता है कि राज्य को कोयले की कमी नही आने दी जाए . कोल इंडिया अब सौर ऊर्जा पर भी विशेष जोर दे रहा है . ताकि पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सकता है. जोशी ने कहा कि कोविड में हमने राज्यो को कहा था कि कोयला स्टॉक कीजिये, लेकिन अधिकांश राज्यो ने ऐसा नही किया , जिससे दिक्कते हुई . हालांकि जोशी ने कहा कि राजस्थान में कोयले की दिक्कत की जानकारी है.
नहीं आएगी कोयले की दिक्कत
मेरे रिकॉर्ड के हिसाब से राजस्थान में 7 दिन तक का कोयला है. मैं विश्वास दिलाता हूं कि आगे भी कोयले की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी . इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था को ओर बेहतर करने के प्रयास हो रहे है. जोशी ने पारसा माइनिंग की दिक्कतों को लेकर CM गहलोत से हस्तक्षेप के लिए आग्रह किया . उन्होंने कहा कि हमको समझना चाहिए कि देश की ज़रूरत क्या है, विश्वभर में इस बात की चर्चा है कि रिन्युएबल एनर्जी का ग्रोथ कैसे हो,
अन्य देशों के मुक़ाबले रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत की रफ़्तार बेहद धीमी, राजस्थान के साथ हमने तीन एमओयू किए लेकिन यह एमओयू केवल रिन्युएबल एनर्जी से जुड़ा है, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोयले का भविष्य अभी पचास साल का और है , लेकिन हमें रिन्युएबल एनर्जी पर काम करना होगा . कोल इंडिया अपने टार्गेट के अनुसार काम कर रहा है . बिना प्रदूषण फैलाए हमें उर्जा का उत्पादन करना है . उन्होंने कहा कि सड़क और समुंद्र के रास्ते भी कोयला भेजने का काम हम कर रहे है . राजस्थान की पुरी टीम मेहनत कर रही है कोयला संकट दूर करने में पीएम मोदी की सोच है हर स्टेट का डेवलपमेंट होता है तभी देश का डवलपमेंट होता है.
जोशी ने कहा कि कोयला ट्रांसपोर्ट से ज़्यादा आसान बिजली ट्रांसपोर्ट करना होता है . अगर राजस्थान चाहे तो केंद्र के साथ एग्रीमेंट कर सकता है . में मंच से खुला ऑफ़र दे रहा हू राजस्थान, मध्यप्रदेश के साथ हम बिजली ट्रांसपोर्ट की एमओयू कर रहे है.
गहलोत ने जताया केंद्रीय मंत्री का आभार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की मौजूदगी में आज राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्थापित करने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए. भारत सरकार के उपक्रम के साथ हुए इस समझौत-पत्र पर हस्ताक्षर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान के लिए उपलब्धि इससे पहले कोल इण्डिया का राजस्थान में सौर ऊर्जा को लेकर कोई खास प्रोजेक्ट नहीं है . राज्य सरकार ने थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की बचत और प्रदूषण में कमी करने के साथ सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने राज्य के सरकारी उपक्रम राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को 2000 मेगावाट सोलर पार्क को विकसित करने का जिम्मा दिया गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला मामले में केंद्र सरकार की ओर से मिले सहयोग पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया. उन्होंने कहा कि यह सही है कि जब जब भी राजस्थान को लेकर सकट आया तब तक कोयला मंत्रालय ने हमारा पूरा सहयोग किया है. गहलोत ने कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य हैं. यहां पर सौर ऊर्जा की भी और ज्यादा संभावना है. गहलोत ने कहा कि अगर सौर ऊर्जा उपक्रम तैयार करने के प्रोजेक्ट राजस्थान में ही लगे तो और अच्छे से हम सौर ऊर्जा को आगे बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे लिए. राज्य सरकार ने पूगल तहसील, बीकानेर में 4846 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है औरइस पार्क में 810 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना स्वयं उत्पादन निगम कीओर से स्थापित की जाएगी और 1190 मेगावाट क्षमता का प्रोजेक्ट कोल इंडिया लिमिटेड कीओर से स्थापित की जाएगी . इससे राज्य के विद्युत क्षेत्र का विकास होगा और आमजन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सकेगी.
कोयले पर कम करना है निर्भरता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा को लेकर अपार संभावना है यही वजह कि 7 और 8 अक्टूबर को राजस्थान निवेश में सम्मेलन में सबसे ज्यादा समझौता-पत्र सौर ऊर्जा को लेकर किए गए हैं. इसमें अडाणी ग्रुप से लेकर टाटा जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं. सरकार ने सौर ऊर्जा की नीतियों में भी नरमी दिखाते हुए बदलाव किया हुआ है . इसके पीछे मुख्य उद्देश्य राजस्थान की भौगलिक क्षमताओं का उपयोग करते हुए कोयले पर निर्भरता कम करना है.
राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के थर्मल, हाइडल एवं गैस आधारित विद्युत गृहों की ओर से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिसमें कोयले पर आधारित 23 थर्मल इकाइयों से 7580 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है . इन इकाइयों को कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न खदानों से पिछले 40 वर्षों से की जा रही है . वर्तमान में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम बीकानेर जिले के पूगल तहसील में 2000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित कर रहा है, जिसमें से 1190 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना को कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जाएगा.

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