यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित डिजिटल पत्रकारिता कार्यशाला में पत्रकार मोहम्मद रफीक पठान ने राजस्थान का किया प्रतिनिधित्व : पराली के मुद्दे पर प्रस्तुतिकरण देने वाले प्रथम पुरस्कार विजेता दल में रहे शामिल
बीकानेर। अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला, जलवायु परिवर्तन और COVID-19 टीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डिजिटल पत्रकारिता का लाभ उठाने के लिए नई दिल्ली में आयोजित की गई।
कार्यशाला में शारदा विश्वविद्यालय, गलगोटिया विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार के 50 से अधिक छात्रों, अमर उजाला के पत्रकारों, तथा देश के ख्यातिनाम पत्रकारों ने बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और वे डिजिटल पत्रकारिता, विशेष रूप से मोबाइल पत्रकारिता का लाभ कैसे उठा सकते हैं, इसके बारे में सीखा।साथ ही COVID-19 के लिए टीकाकरण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने और टीकों के खिलाफ गलत सूचना से लड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। इस कार्यशाला में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करके लौटे मोहम्मद रफीक पठान ने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान जलवाऊ परिवर्तन और कोरोना टीकाकरण जैसे मुद्दों पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस दौरान पराली की समस्या को रेखांकित करने वाले समूह ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। इनमे साकिब शेख (संकाय, शारदा विश्वविद्यालय),परीक्षित निर्भय (अमर उजाला टीम),पूजा नेगी (शारदा विश्वविद्यालय),प्रेरणा सिंह (गलगोटिया विश्वविद्यालय),आकांक्षा सिंह (गलगोटिया विश्वविद्यालय),अंजलि कुमारी (शारदा विश्वविद्यालय),हर्षित चौधरी (गलगोटिया विश्वविद्यालय),स्वास्तिका सरकार (एमिटी यूनिवर्सिटी) तथा अक्षत सुंदरानी (एमिटी यूनिवर्सिटी) शामिल रहे। बीकानेर के मोहम्मद रफ़ीक़ पठान ओर पीलीभीत से आये सतीश मिश्रा के मार्गदर्शन में इस पराली जैसी समस्या को लेकर इस पर प्रेसेंटेशन दिया ।
जिसे महत्वपूर्ण मानते हुए इस समूह को प्रथम स्थान दिया गया।कार्यक्रम में यूनिसेफ इंडिया की ओर से कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट अल्का गुप्ता और कम्युनिकेशन ऑफिसर सोनिया सरकार मौजूद थीं। विशेषज्ञों ने कोरोना टीकाकरण, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल पत्रकारिता को लेकर चर्चा की। कार्यशाला में बीकानेर राजस्थान से मोहम्मद रफीक पठान और पीलीभीत से सतीश मिश्रा ने दलों का प्रतिनिधित्व किया।
कार्यशाला को पर्यावरणविद् विमलेन्दु, श्री आदित्य पटेल, सहायक निदेशक, डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कार्यशाला में सम्मिलित प्रशिक्षणार्थियों से संवाद करते हुए बताया कि वास्तविक जीवन के अनुभवों का उपयोग कैसे किया जा सकता है। पर्यावरण के मुद्दों पर जागरूकता को प्रोत्साहित करने और छात्रों के ज्ञान को मापने के लिए एक ग्रीन क्विज का भी आयोजन किया गया।
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