राइट टू हेल्थ को लेकर बड़ा अपडेट, सरकार और डेलिगेशन के बीच रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक चली वार्ता, यहां लागू होगा बिल!
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर बड़ा अपडेट है, आपको बता दें कि देर रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक सरकार और डॉक्टर्स के डेलिगेशन के बीच वार्ता हुई है. सूत्रों कि मानें तो अब जल्द ही इन संस्थानों में राइट टू हेल्थ बिल लागू हो सकता है.
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल विरोध को लेकर चल रहे आंदोलन में देर रात अचानक एक बड़ा घटनाक्रम हो चुका है.निजी डॉक्टर्स के एक डेलिगेशन और सरकार के बीच देर रात 2:00 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक वार्ता चली है, इस वार्ता में कुछ बिंदुओं पर सरकार के साथ सहमति भी बन चुकी है. एक समझौता पत्र तैयार होने की जानकारी भी सामने आ रही है.
इस समझौता पत्र में अगर सूत्र सूचना की माने तो सरकारी अस्पताल, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज वाले हॉस्पिटल और सरकार से सहायता मिलने वाले संस्थानों में RTH लागू किया जाएगा.
उधर इस पूरे मामले में सरकार के साथ वार्ता करने वाला डेलिगेशन फिलहाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.वही, इस आंदोलन को शुरुआत से आगे बढ़ा रहे प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष सामने रखा है. उन्होंने कहा कि देर रात जो भी कुछ हुआ उसके बारे में मुझे जानकारी है. इस दौरान मैं काफी दबाव में था, लेकिन मैं अपने घर से बाहर नहीं निकला हूं और घर पर ही रहा हूं.
डॉक्टर विजय कपूर ने स्पष्ट किया कि डॉक्टर कि आज होने वाली महारैली जारी रहेगी और हड़ताल भी फिलहाल जारी है. बहरहाल इस पूरे मामले में अब ऐसा प्रतीत होता है कि रैली के बाद संभावित तौर पर तमाम निजी डॉक्टर आपसी चर्चा करेंगे और अगर आपस में सहमति बनती है. तो सरकार के पास जाकर हड़ताल खत्म करने की घोषणा की जा सकती है.
अन्य डॉक्टर समझौते पत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.राजस्थान में निजी डॉक्टर्स और अस्पतालों की हड़ताल खत्म होने की देर शाम तक अच्छी खबर मिल सकती है.
आपको बता दें कि निजी डॉक्टर्स के डेलीगेशन और सरकार के बीच वार्ता मुख्य सचिव उषा शर्मा के सरकारी आवास पर हुई और इस वार्ता का पूरा अपडेट फोन पर मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को दिया है.
- 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है।
- सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई है और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।
- ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे-
- निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल
- पीपीपी मोड पर बने अस्पताल
- सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति उनके अनुबंध की शर्तें)
- अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं(भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
- राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा
नमूना - आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
- अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा
- फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में करवाया जाएगा
- नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा
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