राजस्थान और एमपी के तीन शहर बनेंगे वेटलैंड सिटी:उदयपुर के साथ भोपाल और इंदौर भी होंगे शामिल, केंद्र सरकार ने भेजा प्रस्ताव
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय देश के तीन शहरों को वेटलैंड घोषित करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रस्ताव स्विट्जरलैंड रामसर संस्था को भेजा है। इसमें राजस्थान के उदयपुर शहर के साथ मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर शहर भी शामिल है।
यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो ये तीनों भारत के पहले वेटलैंड सिटी एक्रिडिटेशन होगा। इसके बाद इन शहरों को आर्द्रभूमि (वेटलैंड) वाले शहर का टैग मिलेगा।
इस प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने X अकाउंट पर जानकारी शेयर की है। पोस्ट में केंद्रीय मंत्री यादव ने लिखा- देश के पहले तीन शहरों इंदौर, भोपाल और उदयपुर को रामसर साइट के नामांकन के लिए पेश कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लक्ष्य शहरी क्षेत्र से सटे आर्द्रभूमि के संरक्षण और उचित उपयोग के साथ स्थानीय आबादी के लिए सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देना है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने X अकाउंट पर बताया कि तीनों शहरों को वेटलैंड सिटी बनाने का प्रस्ताव भेज दिया हैं।
उदयपुर को वेटलैंड सिटी का प्रस्ताव अक्टूबर में अनुमोदित हुआ
9 अक्टूबर 2023 को उदयपुर की जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उदयपुर को वेटलैंड सिटी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। समिति अध्यक्ष जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उदयपुर शहर को वेटलैंड सिटी घोषित कराने के प्रस्ताव पर चर्चा कर अनुमोदन किया था। इसके बाद यह प्रस्ताव राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण को भेजा गया और वहां से प्रस्ताव केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया था।
उदयपुर शहर झीलों और तालाबों से घिरा है
उदयपुर शहर और जिला झीलों और तालाबों से घिरा है। उदयपुर शहर के अंदर ही फतहसागर, पिछोला और शहर के पास उदयसागर झील और बड़ी तालाब है। इसके अलावा जिले में जयसमंद झील भी है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में कई जलाशय है। मेनार बर्ड विलेज उदयपुर जिले की सबसे बड़ी पहचान है। मेनार के दोनों तालाब मिलाकर मेनार साइट पहले ही वेटलैंड घोषित हो चुकी है और अब उदयपुर को वेटलैंड सिटी का दर्जा देने का प्रस्ताव दिल्ली से आगे बढ़ा है।
उदयपुर जिला कलेक्टर ने बर्ड विलेज मेनार का पूर्व में दौरा भी किया है।
वेटलैंड सिटी के यह फायदे होंगे
- जिले में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा
- वॉटर बॉडी के संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा
- इको ट्यूरिज्म बढ़ेगा
- झीलों और जलाशयों में दूसरी गतिविधयां रुकेगी
- जैव विविधता व पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता प्रदर्शित होगी
- शहरी विकास और पर्यावरण से संबंधित अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में प्राथमिकता
- जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए स्थानीय निकायों की प्रतिबद्धता।
वेटलैंड से प्रवासी पक्षियों की आवाजाही बढे़गी, जिससे ईको ट्यूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
भारत से एक भी वेटलैंड सिटी नहीं
डीएफओ अजय चित्तौड़ा के अनुसार भारत से एक भी शहर वेटलैंड सिटी में शामिल नहीं है। वे कहते है- चूंकि उदयपुर प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध है। उदयपुर के जलस्त्रोत वेटलैंड सूची में नामित हैं। ऐसे में वेटलैंड सिटी घोषित होने पर जलस्त्रोतों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा। जलस्त्रोतों के कैचमेंट मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, इको ट्यूरिज्म, एग्रो ट्यूरिज्म आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
मेनार वेटलैंड का मेप
हमारा मेनार तालाब वेटलैंड घोषित हो चुका
अगस्त 2023 में उदयपुर जिले के मेनार के दोनों तालाबों को मिलाकर वेटलैंड घोषित किया गया। तब राज्य सरकार ने राज्य के 44 वेटलैंड के लिए अंतिम अधिसूचना जारी की थी, जिसमें मेनार भी था। उदयपुर जिले के बर्ड विलेज मेनार गांव के वेटलैंड को अधिसूचना में मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स नाम दिया गया। मेनार गांव में ब्रह्म तालाब और ढंड तालाब स्थित है और इनको मिलाकर ही मेनार तालाब वेटलैंड कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। इसमें ढंड-ब्रह्म वेटलैंड कॉम्प्लेक्स का कुल क्षेत्रफल 132 हेक्टेयर है। इसमें 80 ढंड और 52 हेक्टेयर ब्रह्म तालाब का है।
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