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राजस्थान का बदला अगर चुनावी इतिहास तो ‘जादूगर गहलोत’ का नहीं, इस शख्स की जादूगरी का होगा कमाल

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राजस्थान का बदला अगर चुनावी इतिहास तो ‘जादूगर गहलोत’ का नहीं, इस शख्स की जादूगरी का होगा कमाल

राजस्थान की सत्ता इस बार किसके हाथ में होगी यह जानने के लिए लोगों को बेसब्री से इंतजार है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां चुनाव में अपनी जीत होने के दावे ठोक रही है। इसी बीच अगर राजस्थान का रिवाज और चुनावी इतिहास बदला तो इसके पीछे ‘गहलोत की जादूगरी’ नहीं बल्कि एक ऐसे शख्स का हाथ होगा जिसने कर्नाटक से लेकर राजस्थान तक तहलका मचा रखा है।

हाइलाइट्स

  • राजस्थान चुनाव में दिखेगा नरेश अरोड़ा का जादू
  • अशोक गहलोत की जादूगरी इनके आगे पड़ सकती फीकी
  • कर्नाटक चुनाव में दिखाया था अरोड़ा ने अपना दम
  • राजस्थान का रिवाज बदलने की कोशिश में हैं नरेश अरोड़ा

जयपुर : राजस्थान में 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के मतदान का परिणाम आएगा। इसको लेकर अब सियासत की नजरें बेसब्री से इस दिन का इंतजार कर रही है। कांग्रेस बार-बार यही दांवा कर रही है कि सरकार फिर से रिपीट होगी। ऐसे में अगर राजस्थान का रिवाज और चुनावी इतिहास बदला तो, इसके पीछे ‘राजस्थान के जादूगर’ अशोक गहलोत के जादू की जगह किसी और का जादू होगा। अगर राजस्थान में सरकार रीपीट होगी, तो यह किसी खास शख्स का कमाल होगा। जिसके दम पर कांग्रेस एक बार फिर राजस्थान फतेह करने की सोच रही है। यह शख्स कोई मामूली इंसान नहीं, बल्कि कांग्रेस उनके दम पर कर्नाटक चुनाव फतेह कर चुकी है। कांग्रेस के यह ‘थिंक टैंक’ नरेश अरोड़ा हैं। यह नाम सुनकर आप भी चौंक गए होंगे। अब हम बताते हैं कि कौन है नरेश अरोड़ा ? जिसके दम पर कांग्रेस ने कर्नाटक जीता और अब राजस्थान में जीत की तैयारी कर रही है।

कौन है कांग्रेस की रणनीति के आधार नरेश अरोड़ा ?

कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है। इसको लेकर कांग्रेस चार राज्यों में चुनाव जीतने का दांवा कर रही है। कर्नाटक के चुनाव जीतने की योजना बनाने वाले थिंकटैंक नरेश अरोड़ा है। जो डिजाइन बॉक्स के सह संस्थापक है। कर्नाटक चुनाव के बाद उन्हें राजस्थान की भी जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस को भी नरेश अरोड़ा की योजना को लेकर काफी भरोसा है। कर्नाटक चुनाव में इलेक्शन से पहले कांग्रेस ने मैनेजमेंट कंपनी डिजाइन बॉक्स को हायर किया था। इसी के चलते नरेश अरोड़ा ने कर्नाटक की जीत के लिए कांग्रेस का मैनेजमेंट किया और उसका क्या परिणाम रहा। यह सबको पता है। हालांकि कर्नाटक की जीत का श्रेय डीके शिवकुमार और सिद्ध कुमार रमैया को दिया जा रहा है। लेकिन वास्तव में यह कारनामा नरेश अरोड़ा की मैनेजमेंट कंपनी का रहा है।

कर्नाटक में नरेश ने इस तरह दिखाया अपना दम

डिजाइन बॉक्स के निदेशक नरेश अरोड़ा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि वह पिछले दो साल से कर्नाटक के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने अपने सर्वे से डीके शिवकुमार को आश्वस्त किया था कि कांग्रेस 140 सीटें जीतेंगी। यह नंबर करीब-करीब बिल्कुल सटीक निकला है। अब तक के नतीजों में कांग्रेस को 136 सीटें आई हैं। नरेश बताते हैं कि 140 का मैजिक फिगर दो साल की मेहनत का नतीजा था। हमने कोई घर में बैठकर अनुमान नहीं लगाया था। जो बातें ग्राउंड से मिल रही थी, उसी के आधार पर हम पहले से ही 140 सीटों की बात कर रहे थे। अरोड़ा का कहना था कि अगर गारंटी आप दे रहे हैं तो, उसके पीछे एक विश्वसनीयता, प्लान और रोडमैप भी होना जरूरी होता है। जब आप किसी के पास कोई प्लान लेकर जाते हैं तो हो सकता है कि केवल हेडिंग देखकर आपको समझने में दिक्कत हो, लेकिन जब आपको आसान शब्दों में रोडमैप समझाने की क्षमता रखता हूं।

राजस्थान में भी प्रचार का काम देख रहे नरेश अरोड़ा

कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है। वहीं नरेश अरोड़ा पर भी कांग्रेस का विश्वास बढ़ा है। बीते दिनों अशोक गहलोत और उनकी टीम के साथ नरेश अरोड़ा की कई बैठके हुई। इसके अलावा नरेश अरोड़ा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सचिन पायलट के साथ काम कर रहे थे। राजस्थान सरकार को ‘बचत, राहत, बजट का साथ’ बजट प्रचार का सुझाव नरेश अरोड़ा की डिजाइन बॉक्स ने ही दिया था। इसके चलते राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी नरेश अरोड़ा की सक्रिय भूमिका देखने को मिली है।

राजस्थान का रिवाज बदलने की कोशिश में है नरेश अरोड़ा

डिजाइन बॉक्स के सह संस्थापक नरेश अरोड़ा के लिए राजस्थान का चुनाव काफी चुनौती पूर्ण है। हालांकि कांग्रेस ने उनके मैनेजमेंट प्लान के तहत काम किया हैं। लेकिन राजस्थान में अब तक यही रिवाज है कि एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस सत्ता में आती है। लेकिन इस बार कांग्रेस और नरेश अरोड़ा भी यही दांवा कर रहे हैं कि राजस्थान में कई दशकों से चल रहा रिवाज और इतिहास इस बार बदलेगा और राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। शायद कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस को नरेश अरोड़ा के मैनेजमेंट प्लान पर पूरा भरोसा है कि उन्होंने फिर से राजस्थान में जीत मिलेगी।

नरेश अरोड़ा ने ही कांग्रेस को दिया सबसे पहले ‘गारंटी’ शब्द

नरेश ने कहा कि असम के चुनाव में कांग्रेस को पहली बार गारंटी शब्द दिया गया। असम के चुनाव में प्रचार के लिए समय का अभाव था। इस वजह से असम में कांग्रेस जीत तो नहीं पाई, लेकिन वह यह मूलमंत्र हासिल कर पाई कि इसे आगे कैसे ले जाया जा सकता है। इसी गारंटी शब्द को आम आदमी पार्टी ने पंजाब में यूज किया, जहां उनकी बात को पसंद किया गया और उनकी सरकार बनी। हालांकि आम आदमी पार्टी ने वही बात गुजरात में की, जहां कुछ दूसरी वजहों से उन्हें उतनी सफलता नहीं मिल पाई। उसके बाद हमने ऑरिजनली कर्नाटक चुनाव में गारंटी शब्द को यूज किया।

नरेश अरोड़ा और डोटासरा का विवाद बना सुर्खियों में

बीते दिनों डिजाइन बॉक्स के सह संस्थापक नरेश अरोड़ा और पीसीसी चीफ डोटासरा के बीच विवाद को लेकर मीडिया में काफी खबरें चली। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि दोनों के बीच 23 सितंबर को राहुल गांधी की सभा से एक दिन पहले बंद कमरे में खूब तनातनी हुई। इस दौरान आगामी चुनाव में कैम्पन और नारों के स्लोगन को लेकर दोनों के बीच जमकर विवाद होने की बातें सामने आई। बाद में जब यह बातें ज्यादा सुर्खियों में आई तो, डोटासरा ने बयान दिया कि हमारा किसी कंपनी और वेंडर से कोई भी बात नहीं है। हम रोजाना चर्चा करते हैं और आइडिया लेते हैं। जो पसंद आता है, उसे लागू कर देते हैं। हमारा कोई भी विवाद नहीं है।

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