राजस्थान में पिछले कई दिन से चल रही कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी छींटाकशी पर आज शनिवार (25 नवंबर) को विराम लग जाएगा।राज्य की 200 में से 199 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 1,875 कैंडीडेट्स की किस्मत का फैसला जनता आज मतदान के जरिये EVM में बंद करेगी, जो 3 दिसंबर को मतगणना के बाद सामने आएगा। इनमें 183 महिला उम्मीदवार भी शामिल है. श्रीगंगानगर की करनपुर सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया है। यहां मतदान रोकने का फैसला मौजूदा विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर के असामयिक निधन के बाद लिया गया है. बाकी 199 विधानसभाओं पर 5,26,90,146 मतदाताओं के वोट डालने के लिए 51,507 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिन पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान चल रहा है। इस दौरान सभी की नजर सरदारपुरा, टोंक, झालरापाटन, नाथद्वारा, झूंझुनू, जोतवाड़ा और चुरू सीटों पर रहेगी, जिन्हें इस चुनाव की VIP SEAT कहा जा सकता है।
राजस्थान में सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. पीएम मोदी, अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेताओं ने मतदाताओं से अपील की है कि लोग बढ़चढ़कर वोटिंग में हिस्सा लें।
इन 9 VIP सीटों पर रहेगी सबसे ज्यादा नजर
सरदारपुरा सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 1998 से लगातार जीत रहे हैं, जिन्हें घेरने की जिम्मेदारी इस बार कांग्रेस खेमे से भाजपा में आए महेंद्र सिंह राठौड़ को दी गई है.
झालरापाटन सीट से पूर्व मुख्यमंभी वसुंधरा राजे चुनाव लड़ रही हैं. BJP की यह हैवीवेट लीडर यहां 2003 से जीतती रही है. साल 2018 में उन्होंने 54% वोट हासिल कर कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह को हराया था.
मानवेंद्र सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर सिवाना सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. पहले बाड़मेर का हिस्सा रही यह विधानसभा सीट अब नवगठित जिले बालोतरा का हिस्सा है.
टोंक सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है, जहां से कांग्रेस के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भाजपा के अजीत सिंह मेहता चुनौती दे रहे हैं. 2018 में पायलट ने यहां भाजपा के यूनुस खान को 54,179 वोट से हराया था.
लक्ष्मणगढ़ सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भाजपा के सुभाष मेहरिया की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
उदयपुर सीट 2003 से भाजपा का मजबूत किला रही है, जिस पर भाजपा के ताराचंद जैन और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ के बीच मुकाबला हो रहा है.
जोतवाड़ा सीट से भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उतारा है. ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज राठौड़ को कांग्रेस के अभिषेक चौधरी से चुनौती मिलेगी. इस सीट पर 2018 में कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने राठौड़ को हराया था.
नाथद्वारा सीट पर भाजपा ने महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ को उतारा है, जिनके सामने राजस्थान विधानसभा के मौजूदा स्पीकर और कांग्रेस के वेटरन नेता सीपी जोशी की चुनौती है.
झूंझुनू सीट पर तीन बार के विधायक व कांग्रेस नेता ब्रजेंद्र ओला के सामने भाजपा के निशीत कुमार खड़े हैं. ओला ने 2018 में 76,177 वोट से जीत हासिल की थी.
भाजपा और कांग्रेस, दोनों की तरफ से बहुत सारे विद्रोही नेताओं ने नामांकन कराया था. इनमें से अधिकतर ने बाद में अपना नाम वापस ले लिया, लेकिन अब भी दोनों पार्टियों की तरफ से 45 विद्रोही उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े हैं. इनमें मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी पदाधिकारी हैं. ये विद्रोही उम्मीदवार चुनावी मैदान का खेल पलटने में सक्षम हैं.
यह नंबर गेम भी है दिलचस्प
सबसे ज्यादा 18 उम्मीदवार जोतवाड़ा सीट पर खड़े हैं, जबकि राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ और पुष्कर सीट पर 17-17 उम्मीदवार हैं.
सबसे कम उम्मीदवार लालसोत सीट पर हैं, जहां महज 3 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला हो रहा है.
2018 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों की संख्या 419 कम है.
पिछले चुनाव में 2,294 उम्मीदवार चुनाव में खड़े थे, जबकि इस बार 1,875 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.ॉ
51,507 पोलिंग स्टेशन में से 10,501 शहरी इलाकों में और बाकी को ग्रामीण इलाकों में बनाया गया है.
इस बार 26,393 पोलिंग स्टेशन पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा दी गई है.
65,277 बैलेट यूनिट्स, 62,372 कंट्रोल यूनिट्स और 67,580 VVPAT मशीन वोटिंग के लिए दी गई हैं.
1 लाख से ज्यादा सुरक्षाकर्मी किए गए हैं तैनात
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए 1,02,290 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इनमें 69,114 पुलिसकर्मी हैं, जबकि 32,876 होमगार्ड, फारेस्ट गार्ड व RAC के जवान हैं. केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी 700 कंपनियां तैनात की गई हैं.
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