शानदार स्कूल परिसर, सर्वाधिक नामांकन और शैक्षिक नवाचारों के दम पर दूसरे राज्यों को पीछे छोड़ प्रदेश बना सिरमौर
टीम एजूकेशन के समर्पित प्रयासों से राष्ट्रीय स्तर मिली विशेष सफलता
सभी चयनित सरकारी स्कूलों को मिलेगी दो-दो करोड़ रुपये की सौगात
जयपुर, 12 अप्रेल। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की स्थापना, नामांकन में उत्तरोत्तर प्रगति, विद्यालयों के ढांचागत विकास एवं शैक्षिक नवचारों की सतत पहल एक बार फिर रंग लाई है। देश में शैक्षणिक विकास के कई पैरामीटर्स में अनवरत अव्वल प्रदर्शन के गौरव के बाद अब राजस्थान ने पीएम श्री योजना में भी सर्वाधिक सरकारी स्कूलों को चयन कराते हुए देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस योजना में प्रदेश के 21 हजार 356 सरकारी स्कूलों को बैंचमार्क विद्यालय माना गया है। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर वैरीफाइड विद्यालयों की श्रेणी में भी राजस्थान ने देश के अन्य बड़े राज्यों को काफी अंतर से पीछे छोड़ा है।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी कल्ला, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा श्रीमती अपर्णा अरोड़ा, राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव एवं शिक्षा निदेशक श्री गौरव अग्रवाल ने प्रदेश की इस विशिष्ट उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में नवाचारों से नामांकन में बढ़ोतरी एवं समग्र शैक्षणिक विकास के लिए लगतार प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में यह उपलब्धि मील का पत्थर है, जो टीम एजूकेशन-राजस्थान के समर्पित एवं सतत प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने बताया कि पीएम श्री योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के सबसे ज्यादा 402 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है, इनमें माध्यमिक शिक्षा के 346 और प्राथमिक शिक्षा के 56 सरकारी स्कूल शामिल है। प्रदेश के कुल 718 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, इसमें से राजस्थान ने पहले चरण में ही 56 प्रतिशत विद्यालयों का चयन कराते हुए विशेष सफलता प्राप्त की है। जुलाई माह में द्वितीय चरण में शेष स्कूलों का चयन प्रस्तावित है।
इन बैंचमार्क पर अव्वल प्रदेश के सरकारी स्कूल
शिक्षा मंत्री डॉ कल्ला ने बताया कि इस योजना के सरकारी स्कूलों के चयन के लिए जो बैंचमार्क निर्धारित किए गए है, उनमें एलीमेंट्री सेटअप (कक्षा 1 से 5 एवं 1 से 8 तक) तथा सैकेण्डरी सेटअप (कक्षा 6 से 12 तक) में स्कूलों में नामांकन राज्य के औसत नामांकन से अधिक, अच्छी कंडीशन में विद्यालयों का पक्का भवन, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, हाथ धोने के लिए अलग से सुविधा, सभी शिक्षकों के पास गाइडलाइन के अनुरूप आईडी कार्ड, बैरियर फ्री एक्सेस रैम्प, सुरक्षा पर फोकस, विद्युत कनेक्शन, लाइब्रेरी एवं खेलकूद गतिविधियों के लिए आवश्यक सुविधाएं जैसे पैरामीटर्स शामिल है। इनमें राजस्थान के सरकारी स्कूलों की स्थिति,योजना की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिक स्क्रूटनी (21 हजार 356 स्कूल), प्रथम चरण (402 स्कूल) और कुल चयन (718 स्कूल) में पूरे देश में अव्वल रही है, जो प्रदेश के लिए गौरव की बात है।
स्क्रूटनी में 21 हजार 356 सरकारी स्कूलों को मिला बैंचमार्क
डॉ. कल्ला ने बताया कि इस योजना में चयन के मानदंडों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों के चयन के लिए स्क्रूटनी की गई तो प्रदेश के 21 हजार 356 विद्यालय बैंचमार्क पाए गए। राज्य के सरकारी विद्यालयों में नामांकन और नवाचारों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक सुविधा एवं संसाधनों से परिपूर्ण स्कूल परिसर जैसे पैरामीटर्स पर यह संख्या भी पूरे देश में अव्वल थी। स्क्रूटनी में इतनी बड़ी संख्या में राज्य के सरकारी स्कूलों की पात्रता के बाद शिक्षा विभाग की टीम द्वारा एक खास मुहिम चलाते हुए योजना के ऑनलाइन पोर्टल पर प्रदेश इन 21 हजार 356 बैंचमार्क विद्यालयों में से 21 हजार 317 सरकारी स्कूलों के स्वयं के स्तर से ही आवेदन कराया गया। इसके लिए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के तहत अधिकारियों की एक विशेष टीम द्वारा सतत मॉनिटरिंग की गई।
वैरीफाइड स्कूलों में भी राजस्थान ने अन्य राज्यों को काफी पीछे छोड़ा
शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती जाहिदा खान ने बताया कि इस योजना का ऑनलाइन पोर्टल 3 नवम्बर 2022 को शुरू हुआ था, इस पर आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2022 तक स्क्रूटनी में प्रदेश के बैंचमार्क सरकारी स्कूलों (21 हजार 356) की ओर से आवेदन कराने में भी राजस्थान देश में अव्वल रहा। इतना ही नहीं ऑनलाइन आवेदन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान ने 13 हजार 931 सरकारी स्कूलों का सत्यापन कराते हुए देश के अन्य बड़े राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया। राजस्थान के बाद आंध्र प्रदेश के 7892, आसाम के 7776, उत्तर प्रदेश के 7054, महाराष्ट्र के 4848, कर्नाटक के 4700, पंजाब के 4632, मध्य प्रदेश के 3483, गुजरात के 2163 तथा उत्तराखण्ड के 1704 स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन के बाद वैरीफाइड किया गया। मगर देश के ये राज्य इस मामले में राजस्थान से काफी पीछे रह गए।
प्रथम चरण में जिलों के चयनित सरकारी विद्यालय
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