राजस्थान भाजपा में वसुन्धरा राजे का विकल्प कहे जाने वाली राजकुमारी दीया कैसे पहुंची डिप्टी सीएम की कुर्सी तक? जानें सफर
जयपुर। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी BJP ने सबको चौकाते हुए मुख्यमंत्री के तौर पर नए चहरे को उतारा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ प्रेम चंद बैरवा और दिया कुमारी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। दीया इस चुनाव के लड़ने तक केंद्रीय सत्ता में लोकसभा की कार्यवाही का हिस्सा थीं। पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन पर दांव खेला और वह जीतकर आईं। आइये जानते है कौन हैं राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी?
बता दें कि भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 199 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें से दीया कुमारी समेत 3 वो राजनैतिक शख्सियत हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में जीतकर संसद में पहुंचे थे। इनके अलावा एक राज्यसभा सदस्य पर भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में दांव खेला, जो जीतकर विधानसभा में बैठेंगे।
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद पार्टी नेतृत्व के सामने विधायक दल का नेता और उनके सहयोगियों को चुनना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। यह वजह रही कि इस प्रक्रिया के लिए केंद्रीय चुनाव समिति को पर्यवेक्षक भी नियुक्त करने पड़े। मंगलवार को विधायक दल की बैठक में सांगानेर के विधायक भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री, जयपुर राजघराने की पूर्व लोकसभा सदस्य दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।
दिल्ली और लंदन से हुई पढ़ाई
राजकुमारी दीया सिंह की प्रारंभिक शिक्षा मॉर्डन स्कूल, नई दिल्ली में हुई। इसके बाद वो जयपुर आ गईं और आगे की पढ़ाई महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक से पूरी की। बाद में वो लंदन चली गईं। लंदन में उन्होंने डेकोरेटिव आर्ट का अध्ययन पूरा किया और भारत वापस आईं।
विरोध के बाद की लव मैरिज नहीं रही आसान
दीया ने लव मैरिज की थी। 1997 में उन्होंने नरेंद्र सिंह को अपना जीवनसाथी चुना था। दीया का ये फैसला लोगों को रास नहीं आया, लिहाजा उनका वैवाहिक जीवन आसान नहीं रहा। गौत्र नहीं मिलने के कारण समाज ने उनकी शादी का काफी विरोध किया। इस विरोध का असर उनके पिता पर भी हुआ। विरोध के चलते राजपूत सभा के अध्यक्ष पद से उन्हें हटा दिया गया था। ये शादी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई। 2018 में राजकुमारी दीया का तलाक हो गया।
इतनी संपत्ति की मालकिन हैं दीया कुमारी
उपमुख्यमंत्री बनीं 52 राजकुमारी दीया कुमारी के दादा मान सिंह-2 अंग्रेजों के राज के वक्त जयपुर के आखिरी शासक रहे हैं। आजादी के बाद यह रियासत भारतीय संप्रुभता का हिस्सा बन गई। जयगढ़ और अंबर किलों की मालकिन दीया कुमारी महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट, जयपुर पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के अलावा दो स्कूल भी चला रही हैं। इस संपत्ति की वैल्यू 16 करोड़ से ज्यादा आंकी गई है।
2013 में पहली बार विधायक बनीं
अगर दीया कुमारी के राजनैतिक सफर की बात करें तो 2013 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद पार्टी ने उन्हें सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया। वह जीती भी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया। हालांकि 6 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव में राजसमंद सीट से उम्मीदवारी मिली तो जीत दर्ज करके संसद पहुंचीं।
अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने एक और बड़ा दांव खेला और सेफ मानी जा रही जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से दीया कुमारी को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया। हालांकि मौजूदा समय में उनका नाम मुख्यमंत्री के रूप में बड़ी दावेदारी में सामने आ रहा था, लेकिन संगठनात्मक फैसला उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का ही हुआ है। यह यह बात भी उल्लेखनीय है कि दीया कुमारी राजनैतिक विवादों से दूर ही रहती हैं।
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