राजस्थान में बीजेपी 100 नए मीडिया-पैनलिस्ट तैनात करेगी:पार्टी की पॉलिसी और मुद्दों की जानकारी रखने वालों युवाओं को जोड़ेंगे
भारतीय जनता पार्टी पूरे राजस्थान में अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए नए मीडिया पैनलिस्ट तैयार कर रही है। ये पैनलिस्ट अब प्रदेश के साथ-साथ जिला स्तर पर भी पार्टी के प्रवक्ताओं के रूप में काम करेंगे। अब तक बीजेपी के पास अपनी बात रखने के लिए प्रदेश स्तर पर इस तरह के पैनलिस्ट हुआ करते थे। यहीं से जिलों को जो सूचना या मैसेज जाते थे उन्हीं को जिला स्तर पर मीडिया कॉर्डिनेटर या को-कॉर्डिनेटर सामने रखा करते थे।
अब बीजेपी लगभग 100 नए मीडिया पैनलिस्ट पूरे प्रदेश में नियुक्त करने जा रही है। इसके लिए गूगल पर ऑनलाइन फॉर्मेट भी तैयार करवाया है। इसे भरकर सब्मिट करना होगा। इसकी आखिरी तारीख 22 अक्टूबर तय की गई है। मीडिया पैनलिस्ट के लिए खास तौर पर युवाओं को जोड़ा जा रहा है। जो युवा बोलने, बातचीत करने और अपनी बात रखने में सक्षम हैं। उन्हें इसमें जोड़ा जा रहा है।
पूछा जा रहा-किस विषय के विशेषज्ञ हो?
मीडिया पैनलिस्ट से उनके स्पेशलाइजेशन के विषय पूछे जा रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि वे किस विषय के विशेषज्ञ हैं। ताकि उसी अनुसार उन्हें विषय से संबंधित मामले पर डिबेट के लिए भेजा जाए।
भाषा के अनुसार तय होगी जिम्मेदारी
मीडिया पैनलिस्ट के लिए आवेदन करने वाले युवा नेताओं को उनके डिबेट की भाषा भी पूछी जा रही है। उनसे पूछा जा रहा है कि वे डिबेट के लिए किस भाषा में खुद को पारंगत मानते हैं। इसमें हिंदी, अंग्रेजी और मायड़ को खास महत्व दिया गया है। इसके अलावा अन्य भाषाओं का विकल्प भी दिया गया है।
चुनाव लड़ा हो, डिबेट किया हो, उसकी भी जानकारी मांगी
पार्टी इसके अलावा पूर्व में लड़े गए चुनावों की जानकारी भी मांग रही है। साथ ही किसी सामाजिक संगठन में किए गए काम के बारे में भी पूछा गया है। पुराने टीवी डिबेट, लेख या ब्लॉग के बारे में भी बात हुई। साथ ही यह भी पूछा गया कि यह व्यक्ति कब से पार्टी से जुड़ा है। उसी अनुसार अनुभव के आधार पर जिम्मेदारियां तय की जाए। इनसे शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ इनके सोशल अकाउंट की जानकारी भी मांगी गई है।
नाॅलेज के अनुसार जिम्मेदारी, इंटरव्यू होगा
भाजपा नेताओं को कहना है कि इसमें मीडिया पैनालिस्ट की नियुक्ति उनकी नॉलेज के अनुसार तय होगी। अगर कुछ पैनालिस्ट को प्रदेश या राष्ट्र स्तरीय मसलों की अच्छी नॉलेज होगी तो उन्हें प्रदेश स्तर पर पैनलिस्ट बनाया जाएगा। जबकि अन्य को अपने क्षेत्र की नॉलेज के अनुसार जिलों में लगाया जाएगा। इसमें खास तौर से युवाओं को जोड़ा जा रहा है। इनका चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा। इसके बाद जिला स्तर पर भी पैनलिस्ट अपनी बातें पब्लिक प्लेटफॉर्म पर प्रदेश स्तर की तरह रख सकेंगे।
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