राजस्थान में मंत्री-विधायकों की पसंद के अफसर बनेंगे कलेक्टर:दीपावली के बाद होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल; कई जिलों में RAS को मिलेगी जिलों की कमान
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में जल्द ही प्रमोटी आईएएस अफसरों को जिलों की कमान सौंपी जा सकती है। इसके साथ ही पिछले कार्यकाल की तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत कुछ सीनियर आरएएस अफसरों को भी कलेक्टर बना सकते हैं। खास बात यह है कि जल्द होने वाले बड़े प्रशासनिक फेरबदल में विधायकों और मंत्रियों की पसंद के अफसरों को कलेक्टर बनाया जाएगा।सूत्रों का कहना है कि दीपावली के बाद प्रमोटी आईएएस और सीनियर आरएएस अफसरों को बेहतरीन पोस्टिंग का तोहफा मिल सकता है। फिलहाल राजस्थान के किसी भी जिले में किसी आरएएस अफसर को कलेक्टर नहीं लगाया गया है।
जल्द ही कुछ जिलों में पहले आरएएस से प्रमोट होकर हाल ही आईएएस बने अफसरों को कलेक्टर लगाया जाएगा और फिर संभव है कि सेवानिवृत्ति के पास पहुंच चुके कुछ अबॉव सीनियर स्केल के आरएएस अफसरों को भी कलेक्टर बनने का मौका मिल सकता है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कार्यकाल (2008-2013) में भी करीब 8-10 जिलों में आरएएस अफसरों को कलेक्टर लगाया था। आरएएस एसोसिएशन लंबे अर्से से यह मांग भी कर रही थी है कि आरएएस काडर के लिए तय पदों पर आरएएस अफसरों को ही लगाया जाए न कि किसी आईएएस या किसी विभागीय सेवा के अफसर को।
हाल ही सरकार ने जोधपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त पद से युवा आईएएस अफसर अवधेश मीणा को एपीओ कर वरिष्ठ आरएएस अफसर नवनीत कुमार को लगाया है। आईएएस काडर में इसे लेकर कोई असंतोष तो नहीं, लेकिन आश्चर्य जरूर है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के स्तर पर बहुत से विधायकों-मंत्रियों ने आरएएस अफसरों को पर्याप्त तरजीह देने की सिफारिशें की हैं।
प्रमोटी आईएएस को जल्द मिल सकती है नियुक्ति
हाल ही 4 आरएएस अफसरों मुकुल शर्मा, पुखराज सेन, श्रुति भारद्वाज, अरुण कुमार पुरोहित को प्रमोट कर आईएएस काडर में शामिल किया गया है। उन्हें वर्ष 2013 बैच की वरिष्ठता मिली है। उनसे पहले अजय सिंह राठौड़, पुष्पा सत्यानी, सुनील शर्मा, मनीषा अरोरा, कल्पना अग्रवाल, इकबाल खान, महावीर प्रसाद मीणा, रामावतार मीणा, खजान सिहं, एम.एल. चौहान, रश्मि शर्मा, एल. एन. मंत्री भी आईएएस काडर की तुलनात्मक रूप से बेहतर मानी जानी वाली पोस्टिंग मिलेगी।
इनके अतिरिक्त कुछ सीनियर प्रमोटी आईएएस और हैं, जो अभी तक कलेक्टर के पदों पर नहीं लगे हैं। ऐसे में उन्हें भी कुछ जिलों में कलेक्टर बनने का अवसर मिल सकता है।
पहले भी बनाया कलेक्टर
राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों के पहले भी जिला कलेक्टर के पद पर लगाया गया है। इनमें लालचंद असवाल को टोंक, ओंकार सिंह को भीलवाड़ा, प्रमिला सुराणा को बूंदी, श्रीराम चोरडिया को श्रीगंगानगर, जीपी शुक्ला को जैसलमेर और शिवकुमार को सिरोही कलेक्टर रहे।
नए जिले बनने पर और अफसरों को भी मिलेगा मौका
राजस्थान में नए जिले बनाने की कवायद चल रही है। करीब 60 उपखंड मुख्यालयों को जिला बनाने के प्रस्ताव राज्य स्तर पर गठित कमेटी को मिले हैं। यह कमेटी रिटायर्ड आईएएस अफसर रामलुभाया की अध्यक्षता में गठित है। कमेटी को मार्च-2023 तक अपनी रिपोर्ट देनी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द ही देने वाली है।चूंकि राजस्थान में अंतिम नया जिला 2008 में प्रतापगढ़ को बनाया गया था, तो अब बहुत से राजनीतिक व प्रशासनिक कारणों से 10-12 नए जिले बनाना बहुत आवश्यक हो गया है। ऐसे में नए जिले जो बनेंगे वे जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से अपेक्षाकृत छोटे जिले होंगे। उनमें कलेक्टर प्रमोटी आईएएस या आरएएस काडर के अफसरों को ही बनाया जाएगा।
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