राजस्थान में वोटिंग के बाद गहलोत का बड़ा बयान, कहा- 30 वर्षों से चल रहा ‘रिवाज’ जरुर बदलेगा
राजस्थान में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद वोटिंग परसेंटेज में वृद्धि देखी गई है। इस बार मतदान दर 74.96% रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि इससे सत्ता पक्ष को फायदा होगा। वोटिंग परसेंटेज के बढ़ने से चुनाव प्रचार के दौरान यहां रहने वाले बीजेपी नेताओं को लोग भूल जाएंगे और वह दुबारा राजस्थान में नजर नहीं आने वाले हैं।
जयपुर : राजस्थान में शनिवार को विधानसभा चुनाव संपन्न हुए। इसमें आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 74.96% मतदान दर्ज किया गया। इधर, वोटिंग परसेंटेज बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि सत्ता के विरोध में कोई लहर नहीं है। राजस्थान में जो माहौल है, उसके अनुसार हम कह सकते हैं कि सरकार हमारी बनेगी। राजस्थान में सत्ता के पक्ष में लहर है। उन्होंने यह भी दावा किया है की वोटिंग परसेंटेज बढ़ने के पीछे सत्ता को फायदा मिलेगा।
मोदी की गारंटी फेल हो गई है : गहलोत
गहलोत ने कहा है कि इस बार राजस्थान में 30 वर्षों से चल रहा रिवाज निश्चित रूप से बदलेगा। जो फीडबैक और रुझान मिले हैं, उनसे निश्चित रूप से हमारी सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि हमारी गारंटियों की साख बहुत अधिक है। हमारी गारंटी काम करेगी। मोदी की गारंटी फेल हो गई है। इसलिए सरकार फिर से हमारी बनेगी। उनका मानना है कि वोटिंग परसेंटेज बढ़ने से सत्ता पक्ष को फायदा मिलेगा। लोगों ने कांग्रेस की योजनाओं से उत्साहित होकर बढ़ चढ़कर मतदान किया है।
गहलोत का निशाना- आज के बाद नजर नहीं आएंगे मोदी
गहलोत ने पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान ये लोग राजस्थान में रहे। लेकिन मैं कहता हूं कि आज के बाद यानी मतदान के बाद ये लोग वापस राजस्थान नहीं आएंगे। अब यह लोग सब गायब हो जाएंगे। 5 साल बाद ही देखने को मिलेंगे। हम लोग यही रहेंगे। जनता के बीच जाएंगे और उनके सुख-दुख मव भागीदार रहेंगे। गहलोत का दांवा है कि राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बन रही है।
वोटिंग परसेंटेज बढ़ने से सियासत में चर्चाएं शुरू
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार करीब 1% वोटिंग परसेंटेज बढ़ा है। इस बार 74.96% मतदान हुआ है। जिसने पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव के रिकॉर्ड को तोड़ा। पिछली बार राजस्थान में 74.06% मतदान हुआ था। इस बार बढ़े परसेंटेज को लेकर सियासत में नई बहस शुरू हो गई है। राजनीतिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि परसेंटेज बढ़ने से सत्ता पक्ष को नुकसान होगा। वहीं कई एक्सपर्ट्स वोटिंग के अधिक होने को सत्ता के पक्ष की लहर मान रहे हैं। अब यह तो 3 दिसंबर को ही पता चल पाएगा कि बढ़े परसेंटेज से सत्ता वापस हुई या रिवाज बदला।
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