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राजस्थान में PFI के ठिकानों पर फिर से NIA के छापे:तलाशी में डिजिटल डिवाइस, एयर गन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट जब्त

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*राजस्थान में PFI के ठिकानों पर NIA के छापे:जयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर और कोटा में संगठन के कई सदस्यों को पकड़ा*


टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी की है। NIA ने शनिवार सुबह राजस्थान में 7 जगहों पर फ्रंट के सदस्यों के घरों पर रेड की और कई मेंबर्स को पकड़ा है।
जयपुर, बूंदी, सवाईमाधोपुर और कोटा में कार्रवाई चल रही है। कोटा में तीन जबकि जयपुर, सवाईमाधोपुर, बूंदी व भीलवाड़ा में एक-एक PFI सदस्य के यहां छापे मार गए।
*भीलवाड़ा में रात को मारी रेड, सुबह कोटा पहुंची टीम*
NIA ने देर रात करीब एक बजे भीलवाड़ा की गुलनगरी में रहने वाले वाले इमरान रंगरेज के घर पर छापा मारा। इमरान रंगरेज एसडीपीआई का सोशल एक्टीविस्ट है और PFI का पूर्व कार्यकर्ता भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि एनआईए की टीम ने लोकल पुलिस को इस संबंध में कोई अपडेट ही नहीं दी।
कोटा में एनआईए की टीम सुबह जल्दी पहुंची। इस दौरान टीम ने रामपुरा थाना क्षेत्र में दबिश दी है। कोटा में कुल तीन जगह छापे मारे गए।
*तलाशी में मिल चुके हथियार, आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट*
NIA के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में पहले की गई रेड में बारां के रहने वाले आरोपी सादिक सर्राफ पुत्र समर निवासी और मोहम्मद आसिफ पुत्र अशफाक मिर्जा को पकड़ा गया था।
तब पूछताछ में सामने आया कि दोनों PFI के पदाधिकारियों, मेंबर्स और कैडर के साथ PFI के कोटा जिले में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं।
NIA की ओर से 19 सितंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद NIA की ओर से PFI पदाधिकारियों के संदिग्ध आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की गई।उस समय तलाशी में डिजिटल डिवाइस, एयर गन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट जब्त किए गए थे। उसी कड़ी में आज की कार्रवाई की गई है।
*2007 में बना, 20 राज्यों में फैला PFI*
PFI की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुसलमानों के विभिन्न आंदोलनों से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी।
धीरे-धीरे NDF ने केरल में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं और समय-समय पर इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आई है।
2003 में कोझिकोड के मराड बीच पर 8 हिंदुओं की हत्या में NDF के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद BJP ने NDF के ISI से संबंध होने के आरोप भी लगाए। हालांकि, यह कभी साबित नहीं किया जा सका।केरल के अलावा दक्षिण भारतीय राज्यों में मुसलमानों के लिए काम कर रहे संगठन सक्रिय थे। कर्नाटक में कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी यानी KFD और तमिलनाडु में मनिथा नीति पसाराई (MNP) नाम के संगठन जमीनी स्तर पर मुसलमानों के लिए काम कर रहे थे।
इन संगठनों का नाम भी हिंसक गतिविधियों में सामने आता रहा। इसी क्रम में नवंबर 2006 में दिल्ली में एक बैठक हुई। इस बैठक में NDF, KFD और MNP ने विलय कर नया संगठन PFI बनाया। ऐसा भी कहा जाता है कि यह प्रतिबंधित संगठन सिमी जैसा ही है। यह फ्रंट आज देशभर के 20 राज्यों में एक्टिव है।

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