राज्यसभा से दिल्ली बिल पास, अब राष्ट्रपति के पास जाएगा:लोकसभा से आज 49 सांसद सस्पेंड, दोनों सदनों से अब तक 141 सांसद निलंबित
नई दिल्ली
संसद के मकर द्वार के बाहर मंगलवार को विपक्षी नेताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संसद के शीतकालीन सत्र का आज (19 दिसंबर) 12वां दिन है। राज्यसभा में नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ डेल्ही लॉज (स्पेशल प्रोविजंस) सेकेंड (अमेंडमेंट) बिल 2023 पास हो गया। ये बिल मानसून सत्र में लोकसभा में पास हो गया था। अब बिल को दस्तखत के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
वहीं, लोकसभा में 3 बिलों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता पर चर्चा हुई। इस पर गृह मंत्री अमित शाह जवाब दे सकते हैं।
इससे पहले सांसदों के निलंबन को लेकर दोनों सदनों में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सदन के गेट और परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन किया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह से 3 बार स्थगित की गई।
इसके बाद लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस तरह अब कुल 141 सांसद सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। यही नहीं, लोकसभा की प्रश्नसूची से 27 सवाल भी हटा दिए गए हैं। ये सवाल निलंबित सांसदों की तरफ से पूछे गए थे।
किस-किस तारीख को कितने सांसद निलंबित हुए
तारीख | लोकसभा | राज्यसभा |
14 दिसंबर | 13 | 1 |
18 दिसंबर | 45 | 33 |
19 दिसंबर | 49 | कोई नहीं |
कुल | 107 | 34 |
सबसे ज्यादा 57 कांग्रेस के सांसद सस्पेंड
14 दिसंबर, 18 दिसंबर और 19 दिसंबर को कुल 141 सांसद सस्पेंड हुए। इनमें कांग्रेस के 57 (लोकसभा से 40, राज्यसभा से 17), एनसीपी के 4 (लोकसभा से 3, राज्यसभा से 1), डीएमके के 21 (लोकसभा से 16, राज्यसभा से 5), सीपीआई-एम के 5 (लोकसभा से 2, राज्यसभा से 3), सीपीआई के 3 (लोकसभा से 1, राज्यसभा से 2), जेडीयू के 14 (लोकसभा से 11, राज्यसभा से 3), नेशनल कॉन्फ्रेंस के 2 (लोकसभा से), तृणमूल कांग्रेस के 21 (लोकसभा से 13, राज्यसभा से 8), सपा के 4 (लोकसभा से 2, राज्यसभा से 2), बसपा का एक (लोकसभा से), आरजेडी के 2 (राज्यसभा से), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के तीन (लोकसभा से), आप का एक (लोकसभा से), केरला कांग्रेस का एक (राज्यसभा से), झामुमो का एक (राज्यसभा से), वीसीके का एक (लोकसभा से) और आरएसपी का एक (लोकसभा से) सांसद हैं।
आजादी के बाद पहली बार इतने सांसद सस्पेंड हुए
सोमवार यानी 18 दिसंबर को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए हैं। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे। पिछले हफ्ते भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।
फोटोज में देखिए… विपक्ष का प्रदर्शन…
विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। इसका राहुल गांधी ने वीडियो बनाया।
विपक्षी नेताओं ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने ‘मोदीशाही मुर्दाबाद’, ‘तानाशाही मुर्दाबाद’ और ‘मोदी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए।
मिमिक्री पर धनखड़ नाराज; कहा- भगवान इन्हें सद्बुद्धि दे
राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने TMC सांसद कल्याण बनर्जी के मिमिक्री वाले वीडियो को लेकर सदन में नाराजगी जताई। उन्होंने सदन में कहा कि एक सांसद ने टीवी पर गिरावट की हद पार कर दी। उन्होंने कहा कि हद होती है। चैनल के सामने सदन की मर्यादा को तार-तार किया गया है। भगवान इन्हें सद्बुद्धि दे।
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना ठीक नहीं है। देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते। लोकसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनका सुरक्षा में चूक मामले से कोई संबंध नहीं है।
सस्पेंशन के बाद लोकसभा में विपक्ष के 102, राज्यसभा में विपक्ष के 94 सांसद बचे
लोकसभा में इस समय 538 सांसद हैं। इसमें एनडीए के 329 सांसद हैं। विपक्ष के 14 दिसंबर को 13, 18 दिसंबर को 45 और 19 दिसंबर को 49 सांसद निलंबित किए गए। अब तक लोकसभा से 107 सांसद सस्पेंड किए जा चुके हैं। लिहाजा सदन में अब विपक्ष के 102 सांसद बचे है।
राज्यसभा में इस समय 245 सांसद हैं। भाजपा और सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं। 34 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है। सस्पेंशन के बाद सदन में विपक्ष के 106 सांसद बचे।
मंगलवार को संसद से निलंबित हुए सांसदों की सूची
लोकसभा सांसद | पार्टी | |
1 | सुप्रिया सुले | एनसीपी |
2 | शशि थरूर | कांग्रेस |
3 | कार्ति चिदबंरम | कांग्रेस |
4 | वी वेंथिलिंगम | कांग्रेस |
5 | गुरजीत सिंह औजला | कांग्रेस |
6 | सप्तगिरि उलाका | कांग्रेस |
7 | अदूर प्रकाश | कांग्रेस |
8 | अब्दुल समद समदानी | इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग |
9 | मनीष तिवारी | कांग्रेस |
10 | प्रद्युत बोर्दोलोई | कांग्रेस |
11 | गिरधारी यादव | जनता दल यूनाइटेड |
12 | गीता कोड़ा | कांग्रेस |
13 | फ्रांसिस्को सारदिन्हा | कांग्रेस |
14 | जगत रक्षम | डीएमके |
15 | एसआर पार्तिविवन | डीएमके |
16 | फारूक अब्दुल्ला | जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस |
17 | ज्योत्सना महंत | कांग्रेस |
18 | ए गणेश मूर्ति | डीएमके |
19 | माला रॉय | तृणमूल कांग्रेस |
20 | वेलुसामी | डीएमके |
21 | ए चंदकुमार | डीएमके |
22 | सुदीप बंद्योपाध्याय | तृणमूल कांग्रेस |
23 | डिंपल यादव | समाजवादी पार्टी |
24 | हसनैन मसूदी | जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस |
25 | दानिश अली | बसपा |
26 | राजीव रंजन सिंह | जनता दल (यूनाइटेड) |
27 | डीएनवी सेंथिल कुमार | डीएमके |
28 | संतोष कुमार | जनता दल (यूनाइटेड) |
29 | दुआल चंद्र गोस्वामी | जनता दल (यूनाइटेड) |
30 | रवनीत बिट्टू | कांग्रेस |
31 | दिनेश यादव | जनता दल (यूनाइटेड) |
32 | के सुधाकरन | कांग्रेस |
33 | मोहम्मद सादिक | कांग्रेस |
34 | एमके विष्णु प्रसाद | कांग्रेस |
35 | पीपी मोहम्मद फैजल | एनसीपी |
36 | साजदा अहमद | तृणमूल कांग्रेस |
37 | जसवीर सिंह गिल | कांग्रेस |
38 | महाबली सिंह | जनता दल (यूनाइटेड) |
39 | अमोल कोल्हे | एनसीपी |
40 | सुशील कुमार रिंकू | आम आदमी पार्टी |
41 | सुनील कुमार सिंह | जनता दल (यूनाइटेड) |
42 | एचटी हसन | समाजवादी पार्टी |
43 | एम धनुष कुमार | डीएमके |
44 | प्रतिभा सिंह | कांग्रेस |
45 | थोल थिरुमावलवन | वीसीके |
46 | चंद्रेश्वर प्रसाद | जनता दल (यूनाइटेड) |
47 | आलोक कुमार सुमन | जनता दल (यूनाइटेड) |
48 | दिलेश्वर कामत | जनता दल (यूनाइटेड) |
49 | खलीलुर रहमान | तृणमूल कांग्रेस |
संसद से सोमवार को निलंबित 78 सांसदों की सूची
लोकसभा सांसद | पार्टी | |
1 | कल्याण बनर्जी | तृणमूल कांग्रेस |
2 | ए राजा | द्रमुक |
3 | टी सुमति | द्रमुक |
4 | दयानिधि मारन | द्रमुक |
5 | अपारूपा पोद्दार | तृणमूल कांग्रेस |
6 | प्रसून बनर्जी | तृणमूल कांग्रेस |
7 | ईटी मोहम्मद बशीर | मुस्लिम लीग |
8 | जी सेल्वम | द्रमुक |
9 | सीएन अन्नादुराई | द्रमुक |
10 | अधीर रंजन चौधरी | कांग्रेस |
11 | असीत कुमार मल | तृणमूल कांग्रेस |
12 | कौशलेंद्र कुमार | जद यू |
13 | एंटो एंटनी | कांग्रेस |
14 | एसएस पलानीमिनिकम | द्रमुक |
15 | थिरूनावुक्करासर | कांग्रेस |
16 | प्रतिमा मंडल | तृणमूल कांग्रेस |
17 | काकोली घोष | तृणमूल कांग्रेस |
18 | के मुरलीधरन | कांग्रेस |
19 | सुनील मंडल | तृणमूल कांग्रेस |
20 | एस रामालिंगम | द्रमुक |
21 | के सुरेश | कांग्रेस |
22 | अमर सिंह | कांग्रेस |
23 | राजमोहन उन्नीथन | कांग्रेस |
24 | गौरव गोगोई | कांग्रेस |
25 | टीआर बालू | द्रमुक |
26 | के कानी नवास | मुस्लिम लीग |
27 | के वीरस्वामी | द्रमुक |
28 | एनके प्रेमचंद्रन | आरएसपी |
29 | सौअत राय | तृणमूल कांग्रेस |
30 | शताब्दी राय | तृणमूल कांग्रेस |
लोकसभा के इन सांसदों के सस्पेंशन का मामला प्रिविलेज कमेटी को सौंप दिया गया है-
सांसद का नाम | पार्टी | |
31 | अब्दुल खलीक | कांग्रेस |
32 | के जयकुमार | कांग्रेस |
33 | नीरज दांगी | कांग्रेस |
राज्यसभा सांसद | पार्टी | |
34 | प्रमोद तिवारी | कांग्रेस |
35 | जयराम रमेश | कांग्रेस |
36 | अमी याजनिक | कांग्रेस |
37 | नरेंद्रभाई जे. राठवा | कांग्रेस |
38 | सईद नासिर हुसैन | कांग्रेस |
39 | फूलो देवी नेताम | कांग्रेस |
40 | शक्ति सिंह गोहिल | कांग्रेस |
41 | के सी वेणुगोपाल | कांग्रेस |
42 | रजनी अशोकराओ पाटिल | कांग्रेस |
43 | रंजीत रंजन | कांग्रेस |
44 | इमरान प्रतापगढ़ी | कांग्रेस |
45 | रणदीप सिंह सुरजेवाला | कांग्रेस |
46 | सुखेंदु शेखर रे | तृणमूल कांग्रेस |
47 | मोहम्मद नदिमुल हक | तृणमूल कांग्रेस |
48 | अबीर रंजन विश्वास | तृणमूल कांग्रेस |
49 | सांतनु सेन | तृणमूल कांग्रेस |
50 | मौसम नूर | तृणमूल कांग्रेस |
51 | प्रकाश चिक बराइक | तृणमूल कांग्रेस |
52 | समिरुल इस्लाम | तृणमूल कांग्रेस |
53 | एम. षणमुगम | द्रमुक |
54 | एनआर इलेंगो | द्रमुक |
55 | कनिमोझी एनवीएन सोमू | द्रमुक |
56 | आर गिरिराजन | द्रमुक |
57 | मनोज कुमार झा | राजद |
58 | फैयाज अहमद | राजद |
59 | वी सिवासदन | माकपा |
60 | अजित कमार भुयान | निर्दलीय |
61 | रामनाथ ठाकुर | जदयू |
62 | अनिल प्रसाद हेगड़े | जदयू |
63 | वंदना चव्हाण | एनसीपी |
64 | रामगोपाल यादव | सपा |
65 | जावेद अली खान | सपा |
66 | महुआ मांझी | झामुमो |
67 | जोस के मनि | केरला कांग्रेस(एम) |
राज्यसभा के इन सांसदों के सस्पेंशन का मामला प्रिविलेज कमेटी को सौंप दिया गया है-
सांसद का नाम | पार्टी | |
68 | जेबी माथेर हिशाम | कांग्रेस |
69 | एल हनुमंथैया | कांग्रेस |
70 | नीरज दांगी | कांग्रेस |
71 | राजमणि पटेल | कांग्रेस |
72 | कुमार केतकर | कांग्रेस |
73 | जी सी चंद्रशेखर | भाकपा |
74 | बिनॉय विस्वाम | भाकपा |
75 | संदोश कुमार पी | जदयू |
76 | एम. मोहम्मद अब्दुल्ला | द्रमुक |
77 | जॉन ब्रिट्टास | माकपा |
78 | ए ए राहिम | माकपा |
किस नियम के तहत स्पीकर सांसदों पर कार्रवाई कर सकते हैं
जिस संसद की कार्यवाही को आप टीवी में देखते हैं उसके लिए नियमों की पूरी एक किताब है। सदन को इसी रूल बुक के जरिए चलाया जाता है। इसी बुक के रूल 373 के तहत यदि लोकसभा स्पीकर को ऐसा लगता है कि कोई सांसद लगातार सदन की कार्रवाई बाधित कर रहा है तो वह उसे उस दिन के लिए सदन से बाहर कर सकता है, या बाकी बचे पूरे सेशन के लिए भी सस्पेंड कर सकते हैं।
वहीं इससे ज्यादा अड़ियल सदस्यों से निपटने के लिए स्पीकर रूल 374 और 374 ए के तहत कार्रवाई कर सकते हैं। कांग्रेस के सांसदों पर रूल 374 के तहत ही कार्रवाई की गई है। ऐसे में इस रूल के बारे में जानते हैं…
- लोकसभा स्पीकर उन सांसदों के नाम का ऐलान कर सकते हैं, जिसने आसन की मर्यादा तोड़ी हो या नियमों का उल्लंघन किया हो और जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाई हो।
- जब स्पीकर ऐसे सांसदों के नाम का ऐलान करते हैं, तो वह सदन के पटल पर एक प्रस्ताव रखते हैं। प्रस्ताव में हंगामा करने वाले सांसद का नाम लेते हुए उसे सस्पेंड करने की बात कही जाती है।
- इसमें सस्पेंशन की अवधि का जिक्र होता है। यह अवधि अधिकतम सत्र के खत्म होने तक हो सकती है। सदन चाहे तो वह किसी भी समय इस प्रस्ताव को रद्द करने का आग्रह भी कर सकता है।
अब जानते हैं कि नियम 374ए क्या कहता है
5 दिसंबर 2001 को रूल बुक में एक और नियम जोड़ा गया है। इसे ही रूल 374ए कहा जाता है। यदि कोई सांसद स्पीकर के आसन के निकट आकर या सभा में नारे लगाकर या अन्य प्रकार से कार्यवाही में बाधा डालकर जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर इस नियम के तहत कार्रवाई की जाती है।
लोकसभा स्पीकर द्वारा ऐसे सांसद का नाम लिए जाने पर वह 5 बैठकों या सत्र की शेष अवधि के लिए (जो भी कम हो) स्वतः निलंबित हो जाता है।
सांसद के सस्पेंशन को खत्म करने की प्रकिया क्या है?
स्पीकर को किसी सांसद को सस्पेंड करने का अधिकार है, लेकिन सस्पेंशन को वापस लेने का अधिकार उसके पास नहीं है। यह अधिकार सदन के पास होता है। सदन चाहे तो एक प्रस्ताव के जरिए सांसदों का सस्पेंशन वापस ले सकता है।
क्या इस दौरान सांसदों को सैलरी मिलती है
सदन में व्यवधान पैदा करने के लिए सस्पेंड किए गए सांसद को पूरा वेतन मिलता है। केंद्र में लगातार सरकारों द्वारा ‘काम नहीं, वेतन नहीं’ की नीति दशकों से विचाराधीन है। हालांकि इसे अभी तक पेश नहीं किया गया है।
क्या ये पहली बार है कि सांसद को सस्पेंड किया गया है
सांसदों के निलंबन का पहला उदाहरण 1963 में मिलता है। 1989 में सबसे बड़ी निलंबन कार्रवाई हुई थी। राजीव गांधी सरकार के दौरान सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर हंगामा कर रहे थे।
इसके बाद विपक्ष के 63 सांसदों को हंगामा करने पर निलंबित किया गया था। वहीं जनवरी 2019 में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने 2 दिन में 45 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया था।
2014 में कांग्रेस ने अपने ही सांसद को किया था सस्पेंड
13 फरवरी 2014 को लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने 18 सांसदों को सस्पेंड किया था। सस्पेंड हुए कुछ सांसद अलग तेलंगाना बनाने की मांग का विरोध कर रहे थे, जबकि कुछ अलग राज्य की मांग कर रहे थे।
इस दौरान बहुत ही अप्रत्याशित घटना देखने को मिली थी, क्योंकि सस्पेंड होने वाले एक सांसद एल राजगोपाल कांग्रेस के थे। राजगोपाल पर सदन में पेपर स्प्रे प्रयोग करने का आरोप लगा था।
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