रूसी सैनिकों ने 6 साल की बच्ची से रेप किया:कई यूक्रेनी महिलाओं ने बच्चों को बचाने के लिए खुद को फौजियों के हवाले किया
मॉस्को/कीव
यूक्रेन सरकार ने रेप विक्टिम्स को ट्रॉमा से निकालने के लिए कई काउंसलिंग सेंटर शुरू किए हैं। किसी विक्टिम की पहचान उजागर नहीं की जाती।
रूस और यूक्रेन की जंग डेढ़ साल से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद जारी है। इस जंग में भी महिलाएं और बच्चे हर तरह के जुल्म का शिकार बन रहे हैं। ब्रिटिश अखबार ‘द डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक- रूसी सैनिकों ने 6 साल की बच्ची का रेप उसकी मां के सामने किया।
इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कई यूक्रेनी महिलाओं ने बच्चों को बचाने के लिए खुद को रूसी सैनिकों के हवाले कर दिया और इनके साथ गैंग रेप तक किया गया।
रेप को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे रूसी सैनिक
- इस रिपोर्ट में सेक्शुअल वॉयलेंस या रेप के 230 मामलों का जिक्र है। ये सिर्फ वो आंकड़ा या मामलात हैं, जो सामने आ सके हैं। इसके अलावा ऐसे कितने मामले होंगे, इसका अंदाजाभर लगाया जा सकता है। अंदाजा इस बात का भी लगाया जा सकता है कि इस मानसिक और शारीरिक शोषण का इन महिलाओं और बच्चों पर कितना भयावह असर हुआ होगा।
- एक विक्टिम के मुताबिक- रूसी सैनिक घर में घुसे और गन पॉइंट पर उसे बिस्तर पर पटक दिया। पहले महिला के साथ रेप किया और बाद उसकी ही आंखों के सामने 6 साल की बच्ची को दरिंदगी का शिकार बनाया गया। इस घटना के 30 मिनट बाद पड़ोस के एक घर में एक और महिला के साथ भी रेप हुआ। पड़ोस से भी चीखने की आवाजें आती रहीं।
- कीव के इस इलाके में उस रात रूसी सैनिकों ने लगभग हर यूक्रेनी महिला के साथ रेप किया। अब यह महिलाएं असहनीय मानसिक और शारीरिक दर्द से गुजर रही हैं। ये उस खौफनाक रात को शायद ही कभी भूल पाएंगी।
रिपोर्ट में 19 साल की एक लड़की की कहानी भी है। इसके साथ रूसी सैनिकों ने रेप किया। बाद में उसके बॉयफ्रेंड ने उसके साथ रिश्ता रखने से इनकार कर दिया।
स्कूल को भी नहीं बख्शा
खारकीव भी रूसी सैनिकों की दरिंदगी का गवाह बना। यहां रूसी सैनिकों ने एक महिला के साथ खाली पड़े स्कूल के क्लासरूम में कई बार रेप किया। इस दौरान उसके टीनएजर बेटे को यह सब देखने को मजबूर किया गया।
इसी इलाके में एक रात रूसी सैनिक नशे की हालत में एक घर में घुसे। एक महिला को उठाया और उसे एक खंडहर में हवस का शिकार बनाया। एक फैमिली फाउंडेशन चैरिटी से जुड़ी अन्ना ओरेल कहती हैं- रूसी सेना ने रेप को हथियार बना लिया है। वो यूक्रेन की महिलाओं को फिजिकली और मेंटली तबाह कर देना चाहती है। ये इस दर्द से कब और कैसे उबर सकेंगी, कोई नहीं जानता।
रेप के बाद कुछ महिलाओं की जान तो बच गई, लेकिन जिंदगी बदतर हो गई। एक महिला तो ऐसी है जिसे खाने, सोने और रूटीन लाइफ को एडजस्ट करने में भी परेशानी हो रही है।
बच्चों पर असर
- रिपोर्ट के मुताबिक- ज्यादातर महिलाओं का रेप उनके पति और बच्चों के सामने किया गया। आने वाली जेनरेशन इस सदमे में जिंदगी कैसे गुजारेंगी। पति खुद को गुनहगार महसूस करेंगे, क्योंकि वो पत्नी की हिफाजत नहीं कर पाए।
- रेप के बाद कुछ महिलाओं की जान तो बच गई, लेकिन जिंदगी बद से बदतर होती जा रही है। एक महिला तो ऐसी है जिसे खाने, सोने और रूटीन लाइफ को एडजस्ट करने में भी परेशानी हो रही है।
- इसके अलावा यूक्रेन में सामाजिक व्यवस्था कुछ ऐसी है कि ये महिलाएं न चाहते हुए भी चुप हैं, क्योंकि उन्हें समाज में बदनामी का डर सताता है। यही वजह है कि न जाने कितने ऐसे मामले हैं जो अब तक सामने नहीं आ सके हैं। अब अन्ना ओरेल का चैरिटी ऑर्गनाइजेशन रेप की शिकार महिलाओं और कुछ बच्चों को इस सदमे से उबारने की कोशिश कर रहा है।
- यूक्रेन का कानून मंत्रालय भी मानता है कि करीब 230 सेक्शुअल वॉयलेंस के मामले रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह आंकड़ा सही नहीं है और दर हकीकत ऐसे केसेज का तादाद बहुत ज्यादा होगी।
यूक्रेन सरकार अब विक्टिम्स को सदमे से निकालने के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद ले रही है। इसका फायदा ये हुआ कि कई विक्टिम अब मदद हासिल करने के लिए आगे आ रही हैं।
ICC के सामने चैलेंज
सेक्शुअल क्राइम के जो मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC डील कर सकता है। वो इन महिलाओं को इंसाफ दिलाने वाली जिम्मेदार संस्था है। हालांकि, यह लीगल प्रॉसेस मुश्किल होने के साथ बहुत वक्त भी लेता है।
यूक्रेन सरकार अब विक्टिम्स को सदमे या ट्रॉमा से निकालने के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद ले रही है। इसका फायदा ये हुआ कि कई विक्टिम अब मदद हासिल करने के लिए आगे आ रही हैं।
कई मामले तो ऐसे हैं, जहां रूसी फौजियों ने महिलाओं से रेप किया और बाद में इनके पति को गोली मार दी या फिर पति को मार डालने की धमकी के बाद रेप किया।
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