बीकानेर, 14 फरवरी। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से सोमवार को अकादमी सभागार में सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर की स्मृति में श्रद्धांजलि-सभा आयोजित की गई।
इस अवसर पर अकादमी सचिव शरद केवलिया ने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर ने फिल्म संगीत को नई गरिमा व ऊंचाई दी। लताजी ने छत्तीस भाषाओं में हजारों गाने गाए व उनका नाम गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकाॅर्ड में दर्ज हुआ। साहित्यकार कमल रंगा ने कहा कि लताजी ने राजस्थान का सुप्रसिद्ध लोकगीत केसरिया बालम भी गाया था। कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि लताजी ने बीकानेर के प्रसिद्ध गीतकार पंडित भरत व्यास के लिखे अनेक गीतों को अपने सुर दिए। डाॅ. मिर्जा हैदर बेग ने लताजी की संगीत यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। डाॅ. मोहम्मद फारुक चैहान ने कहा कि लता मंगेशकर ने भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया। डाॅ. नमामीशंकर आचार्य ने कहा कि लताजी अपने अमर गीतों के माध्यम से सदा हमारे बीच रहेंगी। सुनील गज्जाणी ने बताया कि लताजी ने बीकानेर के संगीतकार गुलाम मोहम्मद व चांद परदेशी के संगीत निर्देशन में अनेक सदाबहार गाने गाए। कासिम बीकानेरी, व्यास योगेश ‘राजस्थानी’ ने लताजी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर प्रकाश डाला।
गानों-कविताओं से अर्पित किए श्रद्धासुमन- इस अवसर पर अहमद हारुन कादरी, अनवर अजमेरी व एम. रफीक कादरी ने लताजी के गानों तथा साहित्यकार डाॅ. शंकरलाल स्वामी, राजाराम स्वर्णकार, जुगलकिशोर पुरोहित, गिरिराज पारीक ने अपनी कविताओं के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान अमित कुमार मोदी, मीतू पोपली, कानसिंह, मोहित गज्जाणी ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।
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