लॉरेंस के इंटरव्यू पर ADGP का HC में जवाब:पंजाब की जेल में नहीं हुआ, उस वक्त दिल्ली-राजस्थान पुलिस की कस्टडी में था
चंडीगढ़
गैंगस्टर लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च की शाम को ब्रॉडकास्ट किया गया था।
जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू मामले में गुरुवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान पंजाब की जेल के ADGP अरुणपाल सिंह ने कहा कि एसआईटी को पंजाब की जेल या जेल से बाहर पूरे पंजाब में कहीं भी लॉरेंस के इंटरव्यू का कोई सबूत नहीं मिला हैं।
इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या हरियाणा में इंटरव्यू के होने की संभावना है तो एडीजीपी ने इस संभावना से इन्कार करते हुए कहा कि इंटरव्यू के समय वह दिल्ली और राजस्थान की पुलिस की कस्टडी में था।
हाईकोर्ट ने कहा कि आठ महीनों बाद यह बताया जा रहा है कि पंजाब की जेल में यह इंटरव्यू नहीं हुआ। आखिर एसआईटी ने क्या किया और एसआईटी को क्या आदेश दिया गया था? अगली सुनवाई पर यह बताया जाए कि इंटरव्यू अगर पंजाब की जेल में नहीं हुआ तो किस जेल में हुआ और कब हुआ। हाईकोर्ट ने कहा कि यह बेहद गंभीर विषय है और इस मामले में सुनवाई करना इसलिए जरूरी है ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में इंटरव्यू मामले में हुई सुनवाई के बारे में जानकारी देते हुए एडीजीपी अरुणपाल सिंह।
पिछली सुनवाई पर एफिडेविट सौंपा गया था
इससे पहले बीती सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से एफिडेविट सौंपा गया था। जिसमें कहा गया कि जेलों में मोबाइल की स्मगलिंग और उनका इस्तेमाल रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में जांच कर रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए जांच कमेटी को थोड़ा और समय चाहिए।
सरकार ने एफिडेविट में इतना जरूर कहा कि कमेटी ने यह पता लगा लिया है कि लॉरेंस का दूसरा इंटरव्यू 26 फरवरी 2023 से 17 मार्च 2023 के बीच रिकॉर्ड किया गया। इसलिए कमेटी के लिए इंटरव्यू की तारीख, समय और रिकॉर्डिंग की जगह तय करना मुश्किल नहीं होगा।
इसके जवाब में HC ने कहा था कि इंटरव्यू की जांच के लिए 29 मार्च 2023 को कमेटी बनी। इंटरव्यू के वक्त वह ज्यूडिशियल कस्टडी में था। 8 महीने बाद भी कमेटी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी। हाईकोर्ट जांच की गति से संतुष्ट नहीं है। इस मामले में जवाब चाहती है कि रिपोर्ट सब्मिट करने में देरी क्यों हो रही है?।
14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था पहला इंटरव्यू
एक निजी चैनल पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने इंटरव्यू दिया था। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मास्टरमाइंड लॉरेंस के इंटरव्यू से पूरे पंजाब में सनसनी फैल गई थी। लॉरेंस का दूसरा इंटरव्यू भी उसी चैनल पर चला दिया गया। इस इंटरव्यू के बाद पंजाब सरकार व DGP दोनों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
गैंगस्टर लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च की शाम को ब्रॉडकास्ट किया गया था। जिसके बाद से ही AAP सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई थी। 15 मार्च को ही CM भगवंत मान ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल कर दिया। बीते दिनों हुए गोइंदवाल जेल और अब लॉरेंस पार्ट-1 के बाद सीएम भगवंत मान ने जेल विभाग को मंत्री हरजोत बैंस से अपने हाथों में ले लिया था।
पंजाब के DGP ने भी पहले इंटरव्यू के बाद साफ तौर पर लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब से बाहर होने की बात कही थी। 16 मार्च को DGP गौरव यादव को खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इंटरव्यू पार्ट-1 पर सफाई देनी पड़ी कि यह पंजाब की जेल में नहीं हुआ। इंटरव्यू पार्ट-2 आने के बाद फिर से पंजाब पुलिस और जेल विभाग पर सवाल खड़े हुए।
बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
इंटरव्यू पार्ट-2 में लॉरेंस ने जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी, जबकि बठिंडा को पंजाब की सबसे सेफ जेल कहा गया है, जो जैमर से इंस्टॉल है। DGP तो दावा कर चुके हैं कि बैरक में गार्ड रोजाना सिग्नल न होने की जांच भी करने आते हैं।
जेल की कमजोरियां भी गिनाई
लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में जहां जेल की बैरक से इंटरव्यू देने का सबूत दिया, वहीं जेल की कमजोरियों को भी उजागर किया। लॉरेंस का कहना है कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।
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