वोटर आईडी से आधार लिंक करने क्यों डर रहे लोग?:क्या लीक हो जाएगी आपकी निजी जानकारी, जानिए ऐसे 10 सवालों के जवाब
वोटर कार्ड से आधार लिंक करवाने से कहीं प्राइवेट जानकारी पब्लिक तो नहीं हो जाएगी? अगर नहीं करवाया तो क्या वोट डालने नहीं दिया जाएगा? कहीं ऐसा करने से हमारा वोट हैक हो जाएगा? आपके मन में भी ऐसे कई सवाल होंगे? क्योंकि वोटर कार्ड से आधार लिंक करवाने को लेकर चुनाव आयोग जितना तेज प्रचार कर रहा है, उतनी ही तेजी से लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं।
आपकी ऐसी शंकाओं और सवालों का जवाब हमने एक्सपर्ट और चुनाव आयोग के अधिकारियों से बातचीत कर लिया।
राजस्थान में भी वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने की कवायद तेजी से जारी है। चुनाव आयोग की ओर से आधार से वोटर लिंक करने की प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य 31 मार्च 2023 तक का रखा गया है। तो सबसे पहले जान लीजिए आधार को वोटर कार्ड से लिंक करने की जरूरत क्यों पड़ी….
10 महीने पूर्व वोटर ID कार्ड को आधार से लिंक करने वाला चुनाव कानून (संशोधन) बिल, 2021 राज्य सभा में पास हुआ था। ये बिल 20 दिसंबर को लोकसभा और 21 दिसंबर को राज्यसभा से पास हुआ। सरकार के तर्क और बिल की खास बातें…
- चुनाव प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए ये बिल जरूरी है।
- फेक वोटर्स का वोट रद्द करने में मदद मिलेगी, क्योंकि एक ही व्यक्ति के नाम अलग-अलग राज्यों व जिलों में दर्ज होते हैं। इससे डुप्लीकेसी रुकेगी।
- एक ही व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग जगहों पर बने कई वोटर ID से कई तरह के क्राइम होते हैं, जो इस प्रक्रिया के बाद खत्म होंगे।
- एक बार आधार के वोटर लिस्ट से लिंक होने के बाद, कोई व्यक्ति नए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करेगा तो वोटर लिस्ट डेटा सिस्टम पिछले रजिस्ट्रेशन के बारे में तुरंत अलर्ट कर देगा।
नुकसान से बचना जितना ज्यादा जरूरी है उतना ही जरूरी उसका फायदा जान लेना भी है। अगर आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करवाते हैं तो इसके क्या क्या फायदे हो सकते हैं। आइए जानते हैं….
युवाओं को अधिक फायदा, चार बार मिलेंगे मौके
भारत में वोट करने का अधिकार 18 वर्ष के बाद ही मिलता है। ऐसे वोटरों को वोटर आईडी बनाने के लिए पहले साल में एक ही बार मौका मिलता था, लेकिन संशोधन कानून से 18 पार कर चुके युवा अब साल में चार बार संशोधन या रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
पहले केवल एक बार 1 जनवरी को ही रजिस्ट्रेशन कराने का अधिकार था, लेकिन संशोधन बिल के तहत साल में चार बार 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को वोटर लिस्ट में रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
आर्मी वोटर्स के लिए नियम को बनाया जेंडर न्यूट्रल
संशोधन बिल में अब महिला सैन्यकर्मी के पति को भी सर्विस वोटर माना जाएगा। अभी तक पुरुष सैन्यकर्मी की पत्नी को ही सर्विस वोटर माना जाता था। चुनाव आयोग ने इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में आर्मी वोटर्स के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘पत्नी’ शब्द को बदलकर ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) करने का सुझाव दिया था।
…जब सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
संशोधन कानून, 2021 से पहले चुनाव आयोग ने वर्ष 2015 में भी वोटर ID को आधार से लिंक करने का कैंपेन चलाया था। तब इसे राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम (NERPAP) नाम दिया गया था। इस कैंपेन के तहत 30 करोड़ से अधिक वोटर्स के ID को आधार से लिंक किया गया था, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम वोटर डेटाबेस से हट गए थे।
वोटर लिस्ट से हटे नामों को असंवैधानिक बताते हुए ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया और 26 सितंबर 2018 को आधार को लेकर दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने वोटर ID और आधार को लिंक करने से रोक लगा दी। इसके बाद आयोग की ये प्रक्रिया रुक गई।
सुप्रीम कोर्ट का तर्क था कि सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं के अलावा आधार को किसी भी सेवा के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि फिलहाल वोटर आईडी से आधार लिंक करने की प्रक्रिया वोटर पर ही निर्भर करती है, इसलिए चुनाव आयोग की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अव्हेलना नहीं हो रही है।
मन में उठ रहे सवाल और उनके एक्सपर्ट जवाब
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता, मतदाता जागरूकता अभियान के को-ऑर्डिनेटर डॉ. सुधीर सोनी, राज्य निर्वाचन प्रशिक्षक डॉ. राधाकिशन सोनी (एसएलएमटी – स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर) सहित निर्वाचन विभाग से जुड़े अधिकारियों से बातचीत के आधार पर आपके इन सवालों के जवाब
1. यदि मैं वोटर कार्ड बनवाने की अपील करूं और आधार नंबर नहीं देना चाहूं तो…
– संशोधन कानून, आयोग और केंद्र सरकार के अनुसार वोटर आईडी से आधार लिंक करना स्वेच्छा पर निर्भर है, फिलहाल यह अनिवार्य नहीं है। इसे अनिवार्य करने की अभी किसी तरह की कोई प्रक्रिया भी नहीं चल रही है। कोई भी निर्वाचन अधिकारी आधार नंबर नहीं देने पर वोटर कार्ड बनाने की अपील को निरस्त नहीं कर सकता।
2. यदि मैंने अपने वोटर आईडी से आधार लिंक नहीं किया तो क्या मैं वोट डाल सकूंगा?
– वोटर कार्ड से आधार लिंक नहीं करने पर आपका मताधिकार सुरक्षित रहेगा। मतलब यह कि आधार लिंक नहीं होने के बावजूद आप सभी चुनावों में वोट डाल सकेंगे। आपको वोट डालने से कोई नहीं रोक सकता।
3. मेरा आधार कार्ड बैंक अकाउंट और पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है। अब वोटर आईडी से आधार लिंक करने से क्या मेरी प्राइवेट जानकारी पब्लिक तो नहीं हो जाएगी?
– ये बिल्कुल काल्पनिक बात है, जो लोगों के बीच फैलाई जा रही है या मन में उठ रही है। वोटर कार्ड को आधार से लिंक करने पर किसी की भी आधार संख्या सार्वजनिक नहीं होगी। बैंक अकाउंट की जानकारी भी लीक नहीं होगी। आपकी आधार संख्या, वोटर कार्ड की डिटेल किसी भी दूसरे प्लेटफार्म पर शेयर नहीं होगी।
4. फिर भी आधार संख्या कहीं प्रदर्शित हो गई तो…
– आयोग के अधिकारियों के मुताबिक इस बात का पूरा ध्यान जाएगा कि आधार संख्या कहीं भी प्रदर्शित नहीं हो। विशेषज्ञों का मानना है कि फिर भी भविष्य में जरूरी हुआ तो क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ही आधार कार्ड के लिए भी अंतिम चार डिजिट ही देखे जा सकेंगे।
5. यदि आधार संख्या के अंतिम चार डिजिट भी दिखे, तो क्या मेरा नुकसान नहीं हो सकता?
– एक्सपर्ट के अनुसार इससे कोई नुकसान नहीं हो सकता। क्योंकि अंतिम चार डिजिट लाखों लोगों के समान होते हैं। इससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह आधार नंबर किसका है।
6. आयोग से भी सूचना लीक हो सकती है?
– व्यक्तिगत सूचना की सुरक्षा के तहत आयोग ‘आधार वैधता अधिनियम 2016’ के प्रावधानों का पूरी तरह पालना करेगा। राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल, वोटर पोर्टल, वोटर हेल्पलाइन ऐप आदि के जरिए आधार संख्या की ऑनलाइन फीडिंग का प्रावधान है। ऐसी स्थिति में न तो आधार कार्ड दिखाने की जरूरत है न ही उसकी फोटो कॉपी किसी को उपलब्ध करवाने की।
7. जो आधार संख्या ऑनलाइन फीड नहीं कर सकते, उन्हें क्या करना होगा?
– सही बात है कि देश में कई ऐसे मतदाता हैं, जो खुद ऑनलाइन जाकर आधार संख्या फीड नहीं कर सकते। ऐसे मतदाताओं को जरूर बीएलओ तक जाना होगा। वहां जाकर मतदाता को खुद अपने आधार कार्ड की कॉपी बीएलओ को उपलब्ध करवानी होगी, लेकिन ये प्रक्रिया भी व्यक्तिगत सूचना की सुरक्षा के कानून के अंतर्गत रहेगी।
8. यदि मैं वोटर कार्ड को आधार से लिंक नहीं करूं, तो मुझे क्या नुकसान है?
– फिलहाल किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है। आप आधार लिंक नहीं भी करेंगे तो भी आपको किसी भी चुनाव में वोट डालने से नहीं रोका जाएगा। फिलहाल यह अनिवार्य नहीं है।
9. क्या सरकार भविष्य में इस प्रक्रिया को अनिवार्य कर सकती है?
– यदि विशेषज्ञों की मानें, तो भविष्य में ये प्रक्रिया अनिवार्य की जा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल भले ही आधार को वोटर ID कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया स्वैच्छिक है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और सुधार के लिए धीरे-धीरे ये कुछ अन्य सेवाओं की तरह ही अनिवार्य बन जाएगा।
10. मैं घर बैठे अपने आधार को वोटर कार्ड से कैसे लिंक कर सकता हूं?घर बैठे कोई भी अपने मोबाइल से ही आधार को वोटर कार्ड से लिंक करवा सकता है। इसके तीन तरीके हैं।
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