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सॉरी मम्मी-पापा, आई एम लूजर:यही लास्ट ऑप्शन, मैं नहीं कर पाई; नोट लिखकर कोटा में JEE मेन एग्जाम से पहले छात्रा ने सुसाइड किया

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सॉरी मम्मी-पापा, आई एम लूजर:यही लास्ट ऑप्शन, मैं नहीं कर पाई; नोट लिखकर कोटा में JEE मेन एग्जाम से पहले छात्रा ने सुसाइड किया

कोटा

छात्रा के कमरे से ये सुसाइड नोट मिला है। - Dainik Bhaskar

छात्रा के कमरे से ये सुसाइड नोट मिला है।

30 जनवरी को होने वाले JEE मेन एग्जाम से पहले कोटा में सोमवार को छात्रा ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया। उसके कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने लिखा है, ‘मम्मी-पापा सॉरी, आई एम लूजर, मैं JEE नहीं कर पाई, इसलिए मैं सुसाइड कर रही हूं। यही लास्ट ऑप्शन

12वीं क्लास की स्टूडेंट निहारिका JEE की तैयारी कर रही थी।

छात्रा निहारिका।

छात्रा निहारिका।

कोटा के बोरखेड़ा इलाके में 120 फीट रोड पर रहने वाले विजय सिंह की बेटी निहारिका (18) को परिजन फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजन ने बताया कि पढ़ाई के चलते तनाव में होने के कारण निहारिका ने जान दी।

पोस्टमॉर्टम के बाद छात्रा के शव काे परिजन को सौंप दिया जाएगा।

पोस्टमॉर्टम के बाद छात्रा के शव काे परिजन को सौंप दिया जाएगा।

तीन बहनों में बड़ी थी निहारिका
चचेरे भाई विक्रम ने बताया कि तीन बहनों में निहारिका सबसे बड़ी थी। उसके पिता विजय बैंक में गनमैन हैं। सोमवार सुबह विजय ड्यूटी पर चले गए। निहारिका दूसरी मंजिल पर अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी। परिवार के अन्य सदस्य नीचे थे।

सुबह करीब 10 बजे दादी ने रूम का दरवाजा खटखटाया। निहारिका ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर दादी ने चिल्लाकर सबको आवाज दी। मौके पर जाकर देखा तो निहारिका ने दरवाजे के ऊपर बने रोशनदान से फंदे पर लटकी हुई थी।

विक्रम ने बताया कि निहारिका पढ़ने में अच्छी थी। पिछले साल 12वीं में उसके कम नम्बर आए थे। इसलिए वह दोबारा 12वीं कर रही थी, साथ में JEE की भी तैयारी कर रही थी। 30 जनवरी को उसका JEE मेन का एग्जाम था। एग्जाम को लेकर वो काफी तनाव में थी। रोज 6-7 घंटे पढ़ती थी।

एक सप्ताह में दूसरा सुसाइड
कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड की एक सप्ताह में यह दूसरी घटना है। इससे पहले NEET की तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने 23 जनवरी को सुसाइड कर लिया था। मोहमद जैद (19) उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद का रहने वाला था। कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके में वह एक हॉस्टल में रहता था। उसने हॉस्टल के कमरे में फांसी का फंदा लगा लिया था। 24 जनवरी को घटना का पता चला था। साल 2024 में स्टूडेंट सुसाइड की ये दूसरी घटना है।

पिछले साल 26 सुसाइड हुए

14 जनवरी: यूपी निवासी अली राजा ने सुसाइड किया था। वह कोटा में JEE की तैयारी कर रहा था। वह पिछले 1 महीने से कोचिंग नहीं जा रहा था।
15 जनवरी: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले रणजीत (22) ने फंदा लगाकर सुसाइड किया था। उसके पास सुसाइड नोट मिला था। लिखा था- मैं विष्णु का अंश हूं, मैं भगवान से मिलने जा रहा हूं।
8 फरवरी: कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के लैंडमार्क सिटी इलाके में एक छात्रा ने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के 10वें माले से कूदकर सुसाइड कर लिया। छात्रा कृष्णा (17) बाड़मेर की रहने वाली थी।
8 फरवरी: उत्तरप्रदेश के धनेश कुमार ने फांसी लगाई थी। वह 3 महीने पहले ही कोटा आया था।
24 फरवरी: यूपी के बदायूं के रहने वाले 17 साल के अभिषेक ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वह दो साल से कोटा में रह रहा था। अभिषेक NEET की तैयारी कर रहा था।
26 अप्रैल: राशि जैन (19) ने हॉस्टल के रूम में फंदा लगाया था। वह मध्यप्रदेश के सागर की रहने वाली थी। जो एक साल से कोटा में रहकर NEET की कोचिंग कर रही थी।
8 मई: स्टूडेंट नासिर (22) बेंगलुरु का निवासी था। उसने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के 10वें माले से कूदकर सुसाइड कर लिया। वह सुसाइड के एक दिन पहले जयपुर में NEET का एग्जाम देकर आया था।
11 मई: धनेश कुमार (15) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। स्टूडेंट 11वीं क्लास में पढ़ता था। NEET की तैयारी कर रहा था।
12 मई: बिहार के पटना निवासी नवलेश (17) ने हॉस्टल में फांसी लगाकर सुसाइड किया था। नवलेश 12वीं की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी कर रहा था।
24 मई: कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में बिहार के नांलदा के रहने वाले आर्यन (16) ने फांसी लगाकर सुसाइड किया था। वह नीट की तैयारी कर रहा था।
7 जून: पश्चिम बंगाल के कुरोलिया निवासी 18 साल के परितोष कोहिरी की संदिग्ध मौत हो गई। वह निजी कोचिंग से नीट की तैयारी कर रहा था।
12 जून: महाराष्ट्र निवासी 17 साल के भार्गव केशव ने कमरे में फांसी लगा ली। वो 2 महीने से JEE की तैयारी कर रहा था।
16 जून: बिहार के समस्तीपुर निवासी रोशन (21) ने सुसाइड किया था। उसने NEET का एग्जाम दिया था। जिसमें फेल हो गया था।
27 जून: यूपी के जोनपुर निवासी आदित्य (17) ने अपने रूम पर फांसी लगा ली। आदित्य नीट की तैयारी कर रहा था।
27 जून: उदयपुर के सलूंबर का निवासी मेहुल वैष्णव (18) ने हॉस्टल में फांसी लगा ली। स्टूडेंट दो महीने पहले ही कोटा आया था।
8 जुलाई: यूपी के रामपुर जिले के निवासी बहादुर सिंह (17) फांसी लगाकर सुसाइड किया। दो महीने पहले ही कोटा आया था।
3 अगस्त: NEET की तैयारी कर रहे यूपी के छात्र मनजोत ने सुसाइड किया था।
4 अगस्त: बिहार के चंपारण के भार्गव मिश्रा ने सुसाइड किया था। JEEकी तैयारी के लिए आया था।
10 अगस्त: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले मनीष प्रजापति (17) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मनीष 6 महीने पहले ही कोटा आया था और जेईई की तैयारी कर रहा था।द्व
16 अगस्त: बिहार का रहने वाला वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ (18) जुलाई 2022 में कोटा आया था। स्टूडेंट ने कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड किया था।
28 अगस्त: बिहार के रहने वाले आदर्श ने फंदे से लटककर सुसाइड कर लिया था।
28 अगस्त: महाराष्ट्र के स्टूडेंट आविष्कार संभाजी ने सुसाइड कर लिया। वह भी हॉस्टल के कमरे में फंदे से झूल गया था।
12 सितंबर: झारखंड की रिचा सिन्हा ने सुसाइड किया था। उसने बालकनी का दरवाजा बंद कर अपनी रूममेट के सामने ही सुसाइड किया था।
19 सितंबर: यूपी की मऊ की रहने वाली प्रियम सिंह ने सल्फास खाकर सुसाइड किया था। उसकी हॉस्टल के सामने तबीयत बिगड़ गई थी।
27 नवंबर: पश्चिम बंगाल के रहने वाले फोरिद ने फांसी लगाकर जान दी थी। फोरिद भी नीट की तैयारी कर रहा था।
30 नवंबर: नीट की तैयारी कर रही उत्तर प्रदेश के औरैया की रहने वाली निशा यादव ने फंदा लगाकर जान दे दी।

कमेटी ने बताए थे सुसाइड के कारण

कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को लेकर राजस्थान सरकार ने 20 अक्टूबर 2023 को एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्टूडेंट्स के सुसाइड करने के कई प्रमुख कारण बताए थे।

  • कॉम्पिटिटिव एग्जाम में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ और अच्छी रैंक लाने का प्रेशर।
  • कोचिंग के प्रैक्टिस टेस्ट में अच्छा परफॉर्म न कर पाने से होने वाली निराशा।
  • बच्चों की योग्यता, रुचि और क्षमता से ज्यादा पढ़ाई का बोझ और पेरेंट्स की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रेशर।
  • टीनएज में होने वाले मानसिक और शारीरिक बदलाव, परिवार से दूर रहना, काउंसिलिंग और सपोर्ट सिस्टम का अभाव।
  • बार-बार होने वाले असेसमेंट टेस्ट और रिजल्ट की चिंता, कम स्कोर करने पर डांट या टिप्पणी सुनना, रिजल्ट के आधार पर बैच बदलने का डर।
  • कोचिंग इंस्टीट्यूट का टाइट शेड्यूल, को-करिकुलर एक्टिविटीज न होना और छुट्टियां न मिलना।
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