हंगामा बढ़ा, मृतक इंजीनियर और सहायक के लिए एक करोड़ के मुआवजे की मांग
कोटा चंबल रिवर फ्रंट पर हुए हादसे में इंजीनियर देवेंद्र आर्य और सहायक सोनू गुर्जर की मौत के बाद बवाल जारी है। सोनू के परिजनों ने मृतक का शव उठाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने मांग की कि मृतकों को एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।
कोटा : राजस्थान के कोटा चंबल रिवर फ्रंट पर लगी घंटी के गिरने से हुए हादसे के मामले में सोमवार को भी हंगामा बरपा रहा। आज इंजीनियर देवेंद्र आर्य के सहायक सोनू गुर्जर के परिजनों ने मोर्चरी के बाहर हंगामा कर दिया । मृतक के परिजनों ने सोनू गुर्जर का शव उठाने से इनकार कर दिया। परिजनों ने UDH मंत्री शांति धारीवाल और यूआईटी के प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। साथ ही एक करोड रुपए मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
धारीवाल और यूआईटी प्रशासन पर लगे आरोप
मृतक सोनू गुर्जर के परिजन का कहना था कि सोनू और मृतक इंजीनियर देवेंद्र आर्य पर मंत्री शांति धारीवाल तथा यूआईटी के प्रशासन का भारी दबाव चल रहा था । मंत्री शांति धारीवाल और यूआईटी प्रशासन घंटे को जल्द से जल्द खुलवाना चाहता था। इसी के चलते उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा था, जिसे खोलने के लिए कल देवेंद्र आर्य और सोनू गुर्जर रिवर फ्रंट पर पहुंचे थे। जब वे घंटी को खोलने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान अचानक एक हादसे का शिकार हो गए और 35 फीट ऊंचे से नीचे आ गिरे।
इंजीनियर के बेटे ने लगाए गंभीर आरोप
इसमें सोनू गुर्जर की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं इंजीनियर देवेंद्र आर्य को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल ले जाया गया। यहां इलाज के दौरान देवेंद्र आर्य ने दम तोड़ दिया ।
वहीं इस हादसे के बाद देवेंद्र आर्य के बेटे धनंजय ने भी मंत्री शांति धारीवाल और यूआईटी को घेरा है। प्रशासन पर गंभीर लापरवाही की आरोप लगाते हुए धनंजय ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल का उनके पिता देवेंद्र आर्य पर भारी दबाव था कि वोटिंग से पहले घंटी को खोल दें। इस मामले पर बसपा के कोटा उत्तर प्रत्याशी भीम सिंह कुंतल ने भी UDH मंत्री शांति धारीवाल तथा यूआईटी के प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
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