हमारे विधायकों को गुस्सा क्यों आता है?:एसडीएम-डॉक्टर से विवाद, एनकाउंटर की धमकी, एक्सपर्ट बोले-सूझबूझ की कमी व जनता को प्रभावित करने की कोशिश
बयान नंबर 1 : शर्म करो, आने वाली औलाद लूली-लंगड़ी पैदा होंगी
बयान नंबर 2 : नई-नई नौकरी में तकलीफ हो जाएगी, बहस मत कीजिए
बयान नंबर 3 : यह छोटी काशी है और इसे कराची नहीं बनने दूंगा
बयान नंबर 4 : अब गुंडों का करेंगे एनकाउंटर
नई सरकार के विधिवत काम शुरू होने से पहले ही बीजेपी विधायकों के ऐसे बयान सुर्खियों में बने हुए हैं। हर दूसरे-तीसरे दिन कोई न कोई बीजेपी विधायक अधिकारियों का फटकारता नजर आता है।
व्यवस्था में सुधार के लिए कड़ी मॉनिटरिंग जरूरी है, लेकिन लगातार सामने आ रहे ऐसे बयानों से सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर क्यों सार्वजनिक और सरकारी कार्यक्रमों में नए विधायकों के ऐसे तेवर सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों की पड़ताल की और विशेषज्ञों से इसकी वजह जानने का प्रयास किया।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
कारण 1 : राजनीतिक सूझबूझ न हो
राजनीति में भी गहराई और सूझबूझ होना आवश्यक है। कुछ प्रत्याशी गांव या छात्र राजनीति से नहीं आए हैं। कई बार नेताओं के पुत्र-पुत्रियों को भी सत्ता मिल जाती है। उन्हें सिचुएशन से डील करना नहीं आता।
कारण 2 : राजनीतिक संस्कार की कमी
निजी जीवन की तरह राजनीतिक जीवन में भी कुछ संस्कार तय हैं। इन संस्कारों की कमी के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। यही वजह है कि नए-नए जनप्रतिनिधि घमंड और अहंकार के प्रतिनिधि बन जाते हैं। अनुभवी नेताओं के साथ ऐसी घटनाएं कम होती हैं।
कारण 3 : जनता पर प्रभाव जमाने की कोशिश
नए विधायकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है, जनता के बीच अपनी खास पहचान बनाना। उन्हें पता होता है कि उनका हर एक्शन मीडिया और सोशल मीडिया के कैमरे की नजर में है। विवादित बयान और गुस्से भरा एक्शन उन्हें कम समय में जनता के बीच चर्चित बना देता है।
कारण 4 : तल्खी जरूरी भी है
एक्सपट्र्स का कहना है कि पिछली सरकार की कमियों को दूर करने और जनता की आकांक्षाओं को भी जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कई बार नेता तल्खी का इस्तेमाल करते हैं। प्रशासनिक तंत्र को ठीक करने के लिए भी तल्खी जरूरी है, लेकिन शालीनता के साथ।
कारण 5 : पावर मिलने पर छिपा हुआ व्यक्तित्व आता है सामने
एक्सपट्र्स इस तरह की घटनाओं के पीछे उस नेता के व्यक्तित्व की भूमिका को बड़ा कारण मानते हैं, जो पावर मिलने पर उभर कर सामने आ जाता है।
कारण 6 : स्ट्रेस को मैनेज नहीं कर पाते
एक्सपट्र्स का कहना है कि कई बार कम अनुभव के साथ ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी मिल जाती है तो स्ट्रेस भी बढ़ जाता है। उस स्ट्रेस को मैनेज नहीं कर पाने के कारण भी व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है और भड़ास उस व्यक्ति पर निकालता है, जो पद में उससे नीचे होता है।
अब पढ़िए विधायकों के विवादित बयान…
सहाड़ा विधायक बोले- शर्म करो, एक्सीडेंट में मारे जाओगे
सहाड़ा से भाजपा विधायक लादूलाल पितलिया गंगापुर के जय अम्बेश गुरु सैटेलाइट अस्पताल में कुछ दिन पहले औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे।
कार्यकर्ताओं ने शिकायत की कि प्रभारी राजेंद्र मौर्य ने अपने चैम्बर से भगवान की तस्वीरें हटा दी हैं। इस पर विधायक बोले-ये दुकानदारी यहां मत चलाओ, किसी और जगह चलाना। ‘आप इतने समझदार आदमी हो, सनातन धर्म को नहीं मानते हो। मेरे आने से पहले तस्वीरें क्यों नहीं लगी।’
अस्पताल में अव्यवस्था देखकर एमएलए ने प्रभारी मौर्य से कहा-‘आप लोग चिट्ठी लिख कर देते हो…. मरीजों को दवाइयां बाहर से लानी पड़ती हैं। जांच भी बाहर करवानी पड़ती है। भगवान से डरो, शर्म करो। आने वाली औलाद लूली- लंगड़ी पैदा होगी।’
उनका गुस्सा यही नहीं थमा। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, ‘शर्म करो, कमीशन लेते हो, एक्सीडेंट में मारे जाओगे।’
शाहपुरा विधायक ने महिला एसडीएम को धमकाया
शाहपुरा से विधायक लालाराम बैरवा 23 दिसंबर को रायला में हुए विकसित भारत यात्रा शिविर में पहुंचे थे। यहां एमएलए बैरवा ने अवैध कोयला भटि्टयों को बंद करने को लेकर बनेड़ा एसडीएम नेहा छीपा से सवाल पूछा।
इस पर एसडीएम ने नोटिस जारी करने की बात कही, जिससे एमएलए गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा, ‘जब अतिक्रमण किया गया तो आपसे पूछा था क्या?
एसडीएम ने मना किया तो एमएलए ने कहा, ‘जब अतिक्रमण करने के लिए पूछा नहीं जाता तो हटाने के लिए क्यों पूछा जाता है? मैं बात करूं कलेक्टर साहब से, आपको तकलीफ हो जाएगी। नई-नई नौकरी है। आप बहस मत करिए। आप किससे बात कर रही हैं, आपको पता है?’
इस पर एसडीएम ने जवाब दिया कि नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। एमएलए यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा, ‘हमें जनता ने जनता के काम के लिए चुना है। पहले कैसे भी कार्य कर रहे थे, उससे लेना-देना नहीं है, लेकिन अब सरकार बदल गई है तो काम में बदलाव लाएं, अन्यथा नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।’
हवामहल विधायक बोले- न मिठाई खाऊंगा, न किसी को खाने दूंगा
हवामहल से विधायक बालमुकुंदाचार्य चुनाव परिणाम के दूसरे दिन ही एक्टिव नजर आए। अपने विधानसभा क्षेत्र में चारदीवारी के बाजार में खुले में मीट बेच रहे दुकानदारों से लाइसेंस मांगे।
लाइसेंस नहीं होने पर विधायक ने नगर निगम के अधिकारियों को फटकार लगाई। बोले- न तो मैं मिठाई खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा। इस दौरान उन्होंने अवैध मीट बेच रहे दुकानदारों को कहा कि जयपुर छोटी काशी है, इसे कराची नहीं बनने दूंगा।
लाइट गुल हुई तो शेरगढ़ विधायक ने दी सस्पेंड करने की धमकी
जोधपुर के शेरगढ़ से विधायक बाबू सिंह राठौड़ 17 दिसंबर को बावरली में थे। वे यहां विकसित भारत यात्रा कार्यक्रम में पहुंचे थे। भाषण के दौरान लाइट गुल हो गई।
इस पर विधायक ने डिस्कॉम के अधिकारियों को धमकाते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अगर ऐसा हुआ तो हाथों-हाथ सस्पेंड कर दूंगा।
एक कार्यक्रम में शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ ने भाषण के दौरान लाइट जाने पर नाराजगी जताई थी।
मांडल विधायक बोले-अब गुंडों का करेंगे एनकाउंटर
मांडल विधायक उदयलाल भडाना का भी बयान चर्चा में रहा। भीलवाड़ा के आरजिया में उन्होंने कहा- बीजेपी सरकार ने पुलिस प्रशासन से कहा है, जो गुंडा बदमाशी करे, उसे जेल में डाल दो। फिर भी नहीं माने तो गोली मार दो या एनकाउंटर कर दो। फिर चाहे वो मेरे समाज का हो या मेरा भाई ही क्यों ना हो। इसके लिए दिनेश एमएन एडीजी क्राइम की नई टीम भी बनाई है।
भीलवाड़ा के आरजिया में मांडल विधायक भड़ाना ने गुंडों के एनकाउंटर को लेकर बयान दिया था।
बांदीकुई विधायक बोले- 10 दिन में सुधर जाएं या नई जगह ढूंढ लें
दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र से विधायक भागचंद टांकड़ा भी जीत के बाद उप जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां गंदगी का आलम देखकर भड़क गए। अस्पताल का टॉयलेट गंदा देखकर खुद ही टॉयलेट साफ करने लगे। इस दौरान एमएलए ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो 10 दिन में खुद सुधर जाएं या नई जगह ढूंढ़ लें। उन्होंने कहा कि अब राज बदल गया है, तुम लोगों को रिवाज बदलना होगा। बांदीकुई क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधा देनी होगी।
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