आगरा। लिटिल चैंप स्कूल के अंतर्गत हिंदी दिवस कार्यक्रम आयोजन के दौरान अतिथि के रूप में पधारे माइक्रो कंपनी से श्री लखन यादव जी तथा अध्यापिका रुचि पचौरी जी ने हिंदी दिवस के बारे में अपने-अपने विचार रखें और इसी के साथ प्रधानाध्यापिका डॉ रेशमा वर्मा ने बताया कि 14 सितंबर हमारी मातृभाषा हिंदी दिवस 1949 में संविधान सभा में हिंदी देवनागरी लिपि संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया थाआज हिंदी न केवल पूरे भारत में बल्कि कई देशों में बोली और पढ़ाई जाती है पिछले 75 वर्षों में हिंदी को राजभाषा के रूप में पूरी तरह स्थापित करने में कई चुनौतियां और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि सबसे बड़ी चुनौती विविधता है विज्ञान और तकनीकी के युग में भाषा का महत्व अत्यधिक बढ़ता जा रहा है हिंदी को विज्ञान की समृद्धि भाषा बनाना आवश्यक है क्योंकि यह समाज के समग्र विकास के लिए अनिवार्य है हिंदी विश्व में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है
कानूनी कार्य प्रणाली पूरी तरह से हिंदी में होनी चाहिए क्योंकि हमारी जनता हिंदी भाषी है हमारी हिन्दी में कोई कैपिटल या स्मॉल लेटर नहीं होता है। यहां आधे अक्षर को भी सहारा देने के लिए पूरा अक्षर हमेशा तैयार रहता है। ऐसी भाषा है हिन्दी अध्यापिका रिया ज्ञानी ने बताया कि हिंदी हमारी मातृभाषा है जन-जन की भाषा है और बहुत ही सरल भाषा है जिसके माध्यम से हम बहुत आसानी से एक दूसरे को अपने पाठ्यक्रम को अपनी पढ़ाई लिखाई को अच्छी तरीके से समझ सकते हैं और शब्दों का बहुत आसानी से आदान-प्रदान कर सकते हैं जानवी गौतम ने अपने विचार रखे और भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई सभी ने मिलकर शपथ ली कि अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग हम अपने दिनचर्या में करेंगे और आपस में हिंदी में ही बातचीत करेंगे और हिंदी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करेंगे
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