हेलिकॉप्टर से उतरे जवानों ने बरसाई गोलियां:युद्धाभ्यास में भारत-जापान की सेना ने आतंकियों को घेर कर मारा
बीकानेर
बीकानेर में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पिछले बारह दिन से भारत और जापान की सेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं। दोनों देशों के 40 जवानों ने शुक्रवार को संयुक्त प्रदर्शन किया। इस दौरान हेलिकॉप्टर से उतरे जवानों ने आतंकी ठिकानों को चारों तरफ से घेरकर आतंकियों को मार गिराया।
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 25 फरवरी से युद्धाभ्यास “धर्मा गार्डियन” चल रहा है। युद्धाभ्यास का शनिवार को समापन होगा।
धोरों के बीच बने बंकरों में छिपे दोनों देशों के जवानों ने मौका मिलते ही हमला बोल दिया।
घर में छुपे थे आतंकी
युद्धाभ्यास के दौरान शुक्रवार को घर में छिपे आतंकियों का खात्मा किया गया। इससे पहले आतंकियों को घेरने के लिए आर्मी के जवान भारी-भरकम हथियार के साथ हेलिकॉप्टर से नीचे उतरे।
दोनों देशों के जवानों ने आतंकियों के खात्मे के लिए संयुक्त योजना बनाई। कई तरह के टेक्निकल सपोर्ट के साथ दुश्मन की लोकेशन को ट्रेस किया गया। इस दौरान एक बाज के सिर पर कैमरा लगाकर उसे भी दुश्मन के क्षेत्र में भेजा गया। लोकेशन मिलने के बाद हमला किया गया।
आतंकी से हथियार छीनता सेना का डॉग। इससे ये बताया गया कि डॉग स्क्वायड टीम कैसे काम करती है।
डॉग स्क्वायड ने पकड़ा
इस दौरान एक शख्स को आतंकी मानते हुए उसके पास विस्फोटक सामग्री रखी गई। सेना के डॉग स्क्वायड ने इस आतंकी को तलाश कर दबोच लिया। डॉग ने आतंकी के हाथ को मुंह में पकड़ लिया। इतना ही नहीं, आतंकी का हथियार भी छीनकर ले आया। इस अभ्यास से सेना ने बताया कि किस तरह डॉग स्क्वायड काम करता है।
आतंकी ठिकानों का पता चलने पर भारतीय जवान हेलीकॉप्टर से नीचे उतरे।
बंकरों से किया हमला
दोनों देशों के जवानों ने धोरों के बीच बने बंकरों में छिपकर हमले करने की योजना पर काम किया। इस दौरान बंकरों में छिपकर दुश्मन पर नजर रखने और मौका मिलते ही बाहर निकलकर हमला किया । इस दौरान दुश्मन के रूप में कुछ आकृति बनाकर रखी गई, जिस पर दोनों देशों के जवानों ने अपने-अपने हथियारों से निशाने साधे।
दोनों देशों के अधिकारी रहे
इस दौरान भारतीय और जापानी सेना के आला अधिकारी भी उपस्थित रहे। जापानी बटालियन कमांडर कर्नल टेमोयुकी कबूटो और कंपनी कमांडर मेजर अबे इसाया ने युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। भारतीय सेना से ब्रिगेडियर आईपी सिंह, कर्नल जॉनी मलिक और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रतीक ने हिस्सा लिया।
इस दौरान दोनों देशों के आला अधिकारी उपस्थित रहे।
दो चरणों में अभ्यास
युद्धाभ्यास दो चरणों में हुआ। इसमें कॉम्बेट कंडीशनिंग और टेक्निकल पक्ष पर ज्यादा ध्यान दिया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देशों के तहत सेमी अरबन क्षेत्र में रहते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने पर जोर दिया गया। इस दौरान अस्थायी ऑपरेटिंग बेस स्थापित करने, खुफिया निगरानी ग्रिड बनाने, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करने, दुश्मन के गांव में सर्च ऑपरेशन करने, हेलिबोर्ड ऑपरेशन और बिल्डिंग इंटरवेंशन अभ्यास करने पर जोर दिया गया। इस मौके पर एक आयुद्ध और सामग्री प्रदर्शन और “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” का प्रदर्शन किया गया, जिसने राष्ट्र की समृद्धि और बढ़ती औद्योगिक क्षमता को दर्शाया।
इस दौरान जापानी जवानों को कई कठिन पड़ावों से गुजरना पड़ा।
इसलिए नाम पड़ा धर्म गार्डियन
बोधिधर्मन एक भारतीय संत थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए भारत से चीन होते हुए जापान तक की यात्रा की थी। बोधिधर्मन की एक प्रतिकृति को युद्धाभ्यास में रखा गया, जिनकी एक आंख में रोशनी दिखाई गई और दूसरी आंख को काला बताया गया। भारत और जापान के जवानों ने मिलकर शुक्रवार को दूसरी आंख में भी रंग भरा। इससे संदेश दिया कि दुनिया में भारत और जापान मिलकर शांति की रोशनी फैलाएंगे।
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