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हैदरपोरा एनकाउंटर पर पुलिस का खुलासा, किसी ने विदेशी आतंकवादियों को ठिकाने में दी थी पनाह; महबूबा मुफ्ती मुठभेड़ पर उठा चुकी हैं सवाल

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REPORT BY SAHIL PATHAN
जम्मू-कश्मीर में हैदरपोरा एनकाउंटर को लेकर पुलिस ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गुरुवार को कहा कि हैदरपोरा एनकाउंटर की चल रही जांच से पता चलता है कि उसके चारों ओर आतंकवादी और एक सपोर्टिव टेरर नेटवर्क है जो उनका समर्थन कर रहे है। इस एनकाउंटर को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती सवाल उठा चुकी हैं।
theinternalnews.co से बात करते हुए सिंह ने कहा ‘एनकाउंटर की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। मैं पूरे अधिकार के साथ कह सकता हूं कि पुलिस पेशेवर काम कर रही है और हमारे अधिकारी ऑपरेशन करना जानते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की जांच जारी है और उसके आसपास एक आतंकी नेटवर्क है जो उनका समर्थन कर रहा है।
सिंह ने आगे कहा कि इस मामले में पुख्ता सबूत हैं, कोई है जो अपने ही परिसर में विदेश आतंकियों को ठिकाना मुहैया करा रहा है और आतंकी वही से शहर में घूमकर अपने टारगेट तक पहुंच रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि कोई है जो उनको निर्दोष नागरिकों के बीच ले जा रहा है और उन्हें टारगेट बता रहा है। इस मामले में जांच जारी है और सही समय पर इसकी जानकारी साझा की जाएगी।
अवैध कॉल सेंटर में हुआ था एनकाउंटर
जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में 15 नवंबर को एक निजी इमारत में अवैध कॉल सेंटर में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में पुलिस को इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एनकाउंटर शुरू हुआ था। एक आधिकारिक बयान में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा था कि दो आतंकवादी, जिसमें एक पाकिस्तानी आतंकी हैदर और उसका सहयोगी बनिहाल निवासी आमिर अहमद (हाईब्रिड टेररिस्ट) एनकाउंटर में मारे गए। पुलिस ने आगे कहा था कि एनकाउंटर के समय बिल्डिंग के मालिक अल्ताफ अहमद के साथ किराएदार मुदासिर अहमद को भी सर्चिंग पार्टी ने बुलाया था। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में दोनों को गोलियां लग गई और फिर उनकी मौत हो गई।
क्या कहा था महबूबा मुफ्ती ने?
“मुझे नहीं पता कि उन्हें (मकान मालिक और डॉक्टर) किस श्रेणी में रखा जाएगा, लेकिन यह देखकर दुख होता है कि आपने आतंकवादियों से लड़ते हुए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह गलत है।” पार्टी कार्यालय में युवाओं के एक समूह को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा था, “मुझे हैदरपोरा में एक मुठभेड़ की खबर मिली। आतंकवादी मारे गए, समझा जाता है, लेकिन परिवार का आरोप है कि घर के मालिक को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था। वह एक एक युवा डॉक्टर के साथ मारा गया।”

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