*अग्निपथ के विरोध में रोहतक में सुसाइड:पिता बोले- बेटे को सेना में जाने का जुनून था, आखिरी बार बात हुई तो मन नहीं भांप पाया*
भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम ‘अग्निपथ’ के विरोध में सुसाइड करने वाले युवक का परिवार अपने बेटे की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार मानता है। हरियाणा के रोहतक में बतौर पेइंग गेस्ट (PG) रहकर दो साल से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे जींद के लिजवाना कलां गांव के सचिन ने सुसाइड से चंद घंटे पहले ही अपने पिता सत्यपाल से बात की थी।22 साल के बेटे के सुसाइड की खबर मिलने के बाद रोहतक PGI में उसकी बॉडी लेने पहुंचे सत्यपाल को इस बात का मलाल है कि बेटे से बातचीत में वह उसके मन की बात को भांप नहीं पाए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि कल शाम को उनकी सचिन से हुई बातचीत आखिरी थी और अब उनका बेटा कभी लौटकर नहीं आएगा।
*पिता ने कहा- आखिरी बार बात हुई तो मायूसी का अहसास नहीं हुआ*
सत्यपाल के अनुसार, कल शाम को जब सचिन से बात हुई तो उन्होंने उससे पूछा कि तूझे किसी चीज की जरूरत तो नहीं है? जवाब में उसने कहा कि सबकुछ है। इसके बाद उन्होंने बेटे से अच्छे से भर्ती की तैयारी करने को कहा। इसके बाद फोन कट गया।
सेना से रिटायर्ड सत्यपाल ने अफसोस भरे लहजे में कहा कि अगर बातचीत में बेटे की परेशानी या मायूसी का जरा सा भी अहसास हो जाता तो मैं 35 किलोमीटर दूर गांव से दौड़कर रोहतक में उसके पास पहुंच जाता। उसके कभी सुसाइड नहीं करने देता।
डबडबाई आंखों से आकाश की तरफ निहारते हुए सत्यपाल ने कहा, ‘सचिन छोटा था, इसलिए सबका लाड़ला था। बेटे की तरह उनका भी सपना था कि उनका खून उन्हीं की तरह फौज में भर्ती होकर देश सेवा करे।’इस बीच सचिन की मौत से आहत लिजवाना कलां और उसके आसपास के चार गांवों के लोगों ने शनिवार को जींद-रोहतक रोड जाम करने की चेतावनी दी है। इन चारों की गांवों के बच्चे लिजवाना कलां गांव के स्टेडियम में सेना में भर्ती की तैयारी करते हैं।
*परिवार को सचिन से थी बड़ी उम्मीदें*
जींद के ऐतिहासिक गांव लिजवाना कलां के सत्यपाल ने बताया कि वह खुद सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। सचिन सबसे छोटा था। उसकी चारों बहनों और बड़े भाई मंगत की शादी हो चुकी है। मंगत बेरोजगार है। परिवार में केवल सचिन ही अविवाहित था। वह अपना और अपने परिवार का सपना पूरा करने के लिए दो बरसों से रोहतक में रहकर आर्मी की भर्ती की तैयारी कर रहा था। परिवार को भी सचिन से बड़ी उम्मीदें थीं। देश सेवा के साथ-साथ परिवार का खर्च चलाने के लिए वह सेना में भर्ती होना चाहता था।
*2 साल पहले आर्मी भर्ती में फिजिकल और मेडिकल टेस्ट दिया था*
सचिन 2 साल पहले गोवा में हुई आर्मी की ‘रिलेशन भर्ती’ में फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पूरा कर चुका था। अब केवल लिखित पेपर होना बाकी था। कोरोना और दूसरी वजहों से 2 साल में कई बार पेपर की तारीख आगे खिसकती रही। सेना में जाना उसका जुनून बन चुका था।
लिखित पेपर के लिए सचिन दो साल से रोहतक में रहकर कोचिंग ले रहा था। सचिन की बड़ी बहन पूनम कहती हैं कि उन्होंने कई बार समझाना चाहा लेकिन सचिन के दिमाग पर केवल सेना में जाने का भूत सवार था। वह कोई दूसरी नौकरी या काम करने को तैयार नहीं था।
*बहन से साझा किया भाई का दर्द*
रोहतक में बतौर पेइंग गेस्ट रहकर सेना भर्ती की तैयारी कर रहा सचिन आर्मी में भर्ती के लिए लाई गई अग्रिपथ योजना से मायूस हो गया था। बुधवार को ही उसने अपने पिता सत्यपाल को फोन किया था कि वह जल्दी ही गांव आएगा। केंद्र सरकार की नई योजना आने के बाद सचिन ने खरकरामजी में ब्याही गई अपनी बड़ी बहन पूनम को भी फोन किया था। बहन से बातचीत में उसने कहा था कि अब वह अपना शायद सपना पूरा नहीं कर पाएगा। पूनम के अनुसार, उन्होंने फोन पर बातचीत में सचिन को हौसला बनाए रखने के लिए कहा था मगर वह सुसाइड कर लेगा, इसका आभास नहीं था।
*रात में दोस्त के जन्मदिन पर की पार्टी*
परिवार ने बताया कि बुधवार को सचिन के दोस्त का जन्मदिन था। वह उसके जन्मदिन की पार्टी में भी गया और देर रात लौटा। पार्टी में भी वह दोस्तों के साथ बहुत ज्यादा घुलमिल नहीं पाया। सचिन के रूम मेट रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शालीन स्वभाव का था और सबके साथ घुल मिलकर रहता था। बुधवार शाम को उसने बताया था कि वह बर्थ-डे पार्टी में जा रहा है और वापसी में उसके साथ कुछ साथी होंगे इसलिए आप दूसरे कमरों में सो जाना। देर रात जब सचिन लौटा तो वह लोग सो चुके थे। गुरुवार सुबह उन्होंने आवाज लगाई लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने गेट तोड़ दिया। अंदर सचिन की बॉडी फंदे पर झूल रही थी।
*तीन-चार दिन से परेशान था*
पेइंग गेस्ट में सचिन के साथ रहकर कोचिंग लेने वाले युवकों ने उसके परिवार को बताया कि सचिन तीन-चार दिन से परेशान था। हालांकि अपनी परेशानी का पता उसने घरवालों को नहीं लगने दिया। सेना भर्ती की परीक्षा न होने और नई स्कीम के कारण वह परेशान था। उसने अपनी परेशानी का जिक्र दोस्तों के आगे किया तो था मगर खुलकर कुछ नहीं बताया। इसलिए दोस्तों को भी आभास नहीं हुआ कि सचिन आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है।
*पिता ने दिया युवाओं को संदेश*
सचिन के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी तरह के हालात में युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वह अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे उनके परिवार को दिक्कत हो। सत्यपाल ने कहा कि शायद उनके बेटे का वक्त आ गया था।
*4 गांवों के युवाओं में मायूसी*
सचिन अपने गांव लिजवाना कलां के स्टेडियम में ही आर्मी भर्ती की तैयारी करता था। इस स्टेडियम में लिजवाना कलां के अलावा आसपास के अकालगढ़, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा भी आते हैं। यह सभी युवा सेना और पुलिस में भर्ती के लिए मेहनत करते हैं। सचिन की मौत से मायूस इन युवाओं ने कहा कि सरकार की गलत नीति की वजह से यह घटना घटी है। शनिवार को चारों गांवों के युवा जुलाना पहुंचकर जींद-रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।
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