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अडानी के गिरते शेयरों के बीच कहां से आ गया चीन वाला ये नया एंगल?

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अडानी के गिरते शेयरों के बीच कहां से आ गया चीन वाला ये नया एंगल?
Adani Hindenburg row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद देश में सियासी बवाल मचा हुआ है। रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयर नीचे जा रहे हैं लेकिन इन सबके बीच यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इस रिपोर्ट के आने से किसको सबसे अधिक फायदा हो रहा है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जब संसद का सत्र आता है कोई न कोई मुद्दा चला आता है।
REPORT BY SAHIL PATHAN
नई दिल्ली: अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद न केवल शेयर बाजार बल्कि देश के भीतर भी सियासी हंगामा मचा हुआ है। शेयर बाजार में लगातार अडानी ग्रुप के शेयर नीचे जा रहे हैं वहीं संसद की कार्यवाही बजट सत्र में स्थगित करनी पड़ रही है। विपक्ष की ओर से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की जा रही है वहीं दूसरी इस रिपोर्ट की सच्चाई को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस बीच चर्चा इस बात की है आखिर इससे सबसे अधिक किसको फायदा है। अमेरिका की इस एजेंसी की रिपोर्ट वहां की कंपनियों को लेकर कुछ पब्लिश नहीं कर सकती लेकिन भारत की कंपनी को लेकर वह ऐसा करने को स्वतंत्र हैं। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि यह देखने की जरूरत है कि इससे किसको फायदा है।
एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में जब बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से पूछा गया कि क्या इसके पीछे चीन या कोई और अंतरराष्ट्रीय कारण मौजूद है। इसके जवाब में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं कुछ चीजें सामने रखना चाहता हूं और उदाहरण देता हूं। भारत की ग्रोथ स्टोरी पर कट लगाने के लिए लोग तैयार बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जब एपल की ओर से फैसला हुआ कि 25 फीसदी उत्पादन भारत के बेंगलुरु की फैक्ट्री से होगा उस वक्त आईफोन फैक्ट्री के भीतर हिंसक स्ट्राइक होती है। आप समझ सकते हैं इसको समझाने की जरूरत नहीं है।
सुंधाशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं सरकार के आंकड़े को नहीं रख रहा। IMF की ओर से भारत के लिए 6 प्रतिशत ग्रोथ की बात कही गई है। ग्लोबल 2.9 है। विश्व के कई देशों में महंगाई किस स्तर पर है और भारत कहां है देखिए। पाकिस्तान में क्या स्थिति है। लोग खाने को मोहताज हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा आप पिछले 7 से 8 साल को देखिए। जब संसद का सत्र आता है तो कभी राफेल तो कभी पेगासस और कभी कुछ और। हो हल्ला होता है और कुछ निकलता नहीं है। मीडिया में चर्चा आसान है क्योंकि जवाब नहीं देना लेकिन सदन के भीतर गलत आंकड़ा रख नहीं सकते।
चीन की साजिश लगती है या नहीं इस सवाल के जवाब पर स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि इस हिंडनबर्ग रिपोर्ट को ऐसे देखिए। क्या यूएस में यह कंपनी ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए स्वतंत्र है नहीं। वहां इसकी इजाजत नहीं लेकिन भारत के लिए ऐसा हो सकता है। आज अडानी की कंपनी को लेकर सवाल किए जा रहे हैं लेकिन दूसरी कंपनी के जब निवेशकों का पैसा डूबता है तब सवाल नहीं उठता। हाल के दिनों में पोर्ट, सोलर पैनल, सेमी कंडक्टर इसको लेकर इस कंपनी ने सबसे अधिक किसके सामने चुनौती पेश की। इस रिपोर्ट के आने के बाद चीन को सबसे अधिक फायदा है। इसलिए इस पूरे मामले में चीन का हाथ है कि नहीं इसकी भी जांच होनी चाहिए।

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