उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण मुख्यतः रेल यातायात भी प्रभावित होता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल के रेलखण्ड प्रमुखतः कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डो में रेलसेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिये रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबन्ध किये है। जिसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल एंव दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन हेतु दिशानिर्देश जारी किये गये है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान गाडी संचालन में संरक्षा एवं सुरक्षा को देखते उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा विशेष प्रंबध किये गये है। संरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने के लिये श्री विजय शर्मा, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिये समीक्षा बैठक में भी निर्देशित किया।
कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पर कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों को चिन्हित किया गया है तथा सभी कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजीबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट (VTOs) की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। विजीबिलिटी टेस्ट आब्जेक्ट के उपयोग से स्टेषन पर दृश्यता को जांचा जाता है। इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखण्डों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलेट को फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध करवाये जा रहे है। सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 877 फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध है एवं इन सभी में धुन्ध/कोहरे वाले रेलखण्ड की जीपीएस मैपिंग कर दी गई है। इस रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल पर प्रायः धुन्ध एवं कोहरे की अधिकता रहती है। इस कारण इन मण्डलों पर अधिक फोग सेफ्टी डिवाईस का प्रयोग किया जाता है। फोग सेफ्टी डिवाईस को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाईस ऑन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खण्ड में स्थित सभी सिग्नलों की दूरी के बारे में लोको पायलेट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है। जिससे लोको पायलेट अपनी गाडी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है।
इसके अतिरिक्त कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिये सेफ्टी सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है तथा कम तापमान के दौरान रेल/वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया जा रहा है तथा फिश प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रेक रिन्यूअल जैसे कार्य पूरे किये जा रहे है।
कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। लोको पायलेट को सिगनल एवं अन्य संकेतको की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे इसके लिए संकेतको पर पुनः पेटिंग एवं चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढाकर रेलपथ की निगरानी को बढाया गया है। कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों/अधिकारियों द्वारा रेलवे स्टॉफ की सजगता (Alertness) को लगातार चैक किया जा रहा है।
कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा हेतु कटिबद्ध है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाडियॉ देरी से संचालित हो सकती है, अतः यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in अथवा NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाये एवं असुविधा से बचें।
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