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आदर्श सोसायटी घोटाला:सबसे बड़ा चिटफंड फ्रॉड…12 साल में 20 हजार निवेशकों ने गंवाए 36 करोड़, 4 साल से रिफंड के लिए भटक रहे

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आदर्श सोसायटी घोटाला:सबसे बड़ा चिटफंड फ्रॉड…12 साल में 20 हजार निवेशकों ने गंवाए 36 करोड़, 4 साल से रिफंड के लिए भटक रहे
बीकानेर। प्रदेश के सबसे बड़े आदर्श क्रेडिट सोसाइटी के फ्रॉड में बीकानेर के करीब 20 हजार निवेशक 36 करोड़ रुपए गंवा चुके हैं। चार साल से निवेशक रिफंड के लिए अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं। पुलिस ने एक केस में चालान तक किया पर बरामदगी कुछ नहीं हुई।आदर्श क्रेडिट सोसायटी महा घोटाले को लेकर सदर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस जांच के दौरान आरोपी मुकेश मोदी और राहुल मोदी को खेतड़ी जेल से पकड़ कर लाई थी। दोनों के विरुद्ध चालान पेश कर उन्हें जेल भेज दिया गया, लेकिन बरामद कुछ नहीं हो पाया। इस कांड में करीब 16 आरोपी बताए जा रहे हैं।
उनके विरुद्ध बीकानेर, जयपुर सहित प्रदेश के विभिन्न थानों में केस दर्ज होने के कारण लंबे समय से रिमांड पर ही चल रहे हैं। लेकिन निवेशकों को पैसा सरकार नहीं दिला पा रही। बता दें, इस महा घोटाले की एसओजी ने 2020 में चार्जशीट दाखिल की थी। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया।सोसायटी की ओर से लोगों को झांसा दिया जाता था कि उनकी निवेश की हुई रकम कंपनियों व लोगों को ऊंची ब्याज दर पर लोन के रूप में दी जा रही है। इस झांसे में आकर 20 लाख लोगों ने 14800 करोड़ रुपए का निवेश सोसायटी में किया था।

इनके संचालकों ने रिश्तेदारों के नाम पर ही 45 फर्जी कंपनियां खोलीं और सोसायटी में निवेश की गई रकम में से 12414 करोड़ रुपए इन्हीं फर्जी कंपनियों को बतौर लोन देना दर्शा दिया। सोसायटी में लगे लोगों के पैसे से संचालकों ने पूरे देश में संपत्ति खरीदी।

प्रदेश के कई थानों में चल रहे केस
आदर्श क्रेडिट सोसायटी घोटाले के मुकदमे में मुकेश मोदी और राहुल मोदी के खिलाफ कोर्ट में चालान हो चुका है। दोनों को खेतड़ी से अरेस्ट किया था। वहां भी मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ प्रदेशभर के थानों में केस चल रहे हैं।
-एसएन गोदारा, एसएचओ सदर

बीकानेर में 2006 में आई थी सोसायटी
आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी स्थापना 1999 में हुई थी। जिसका मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में है। इसकी स्थापना मुकेश मोदी ने की थी और राहुल मोदी इसके प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए। स्थापना के बाद से इस सोसायटी ने 31 अगस्त 2016 तक देश के 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं। इनमें से 309 राजस्थान में खोली गई। सोसायटी की पहली शाखा 1999 में सिरोही में उसके बाद 2006 में बीकानेर में भी खुली। यह देश की सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव सोसायटी बन गई।

निवेशकों को इंतजार, कब मिलेगा पैसा
आदर्श क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी के निवेशक लंबे समय से इस जवाब का इंतजार कर रहे हैं कि उनके पैसों भुगतान कब होगा। एक जानकारी के अनुसार आयकर ​विभाग 3000 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां जब्त कर चुका है। लेकिन मामला न्यायालय में होने से वसूली नहीं हो सकी है। कोर्ट से मामले का निस्तारण होने पर आयकर विभाग का इन सम्पत्तियों पर अधिकार होगा। सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव ने मामले पर निगरानी करने के लिए एक लिक्विडेटर भी नियुक्त किया था। जिनके पास आदर्श की सम्पत्तियों को नीलाम कर निवेशकों के पैसे लौटाने की जिम्मेदारी है। ईडी 1854.97 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुका है।

11.50 लाख जमा कराए थे
मैंने 2012 से सोसायटी में निवेश करना शुरू किया था। पैसों पर ब्याज भी अच्छा मिला। मेरे, पत्नी और भाई के खाते में 2016 में कुल 11 लाख 50 हजार रुपए जमा कराए, जो अब तक नहीं मिले। मानवाधिकार आयोग तक को ज्ञापन दे चुके हैं। सरकार ने कहा था ऐसी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019 में कार्रवाई होगी। शिकायतों के लिए पोर्टल भी लॉन्च किया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। -सुरेश कुमार जांगिड़, निवेशक

ब्रांच हैड ने भी 13 लाख गंवाए
आदर्श सोसायटी 2006 में बीकानेर आई थी। पहले ऑफिस नगर निगम के पास था। बाद में मोर्डन मार्केट शिफ्ट हो गया। मैं सहायक कर्मचारी लगा था। 2011 में प्रमोशन देकर जूनियर ऑफिसर बना दिया और श्रीडूंगरगढ़ भेज दिया। 2016 में मुझे वापस बीकानेर लगा दिया। मैंने अपने परिवार के करीब 13 लाख रुपए निवेश किए थे। 12 साल की नौकरी में इतनी तो सेलेरी भी नहीं मिली थी। रिफंड के लिए केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल से भी मिले, लेकिन उनसे भी बात नहीं बनी। – उत्तम सिंह, तत्कालीन ब्रांच हैड

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