इजराइल-हमास जंग से ईसा के जन्मस्थान पर क्रिसमस फीका:रूस के खिलाफ यूक्रेन में 100 साल बाद 7 जनवरी की जगह 25 दिसंबर को सेलिब्रेशन

तस्वीर ‘चर्च ऑफ द नेटिविटी’ के बाहर की है। इसमें बेबी जीजस इनक्यूबेटर के अंदर दिखाए गए हैं। इसे गाजा में मारे गए बच्चों को समर्पित किया गया है।
इजराइल-हमास जंग के बीच क्रिसमस सेलिब्रेशन फीका पड़ गया है। इजराइली कंट्रोल वाला फिलिस्तीनी शहर बेथलहम प्रभु यीशु का जन्मस्थल है। यहां सड़कों पर रौनक नहीं है। अंधेरा और सन्नाट पसरा हुआ है। ईसा मसीह के जन्मदिन यानी क्रिसमस की खुशी यहां देखने को नहीं मिली।
इस बीच फिलिस्तीनी आर्टिस्ट राणा बिशारा ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बेथलेहम में ‘चर्च ऑफ द नेटिविटी’ के सामने एक इनक्यूबेटर के अंदर कांटों से घिरे यीशु की मूर्ति दिखाई, जिसमें ईसा मसीह नवजात शिशु के रूप में दिखाए गए। बिशारा ने मैंगर स्क्वायर में अपनी इस सांकेतिक कलाकृति को प्रदर्शित किया।

चर्च ऑफ द नेटिविटी में जीसस का जन्म हुआ था। यहां क्रिसमस के दिन लोगों की भीड़ नहीं है। चर्च खाली पड़ा है।

बेथलहम की सड़कों पर सन्नाट है। लोग इजराइली हमले के डर से घरों में बंद हैं।
बेथलहम के चर्च में क्रिसमस ट्री नहीं सजा
बेथलहम के किसी भी चर्च में क्रिसमस ट्री नहीं सजा। वहीं, इवेंजेलिकल लूथरन चर्च में एक झांकी बनाई गई है। इसमें पत्थरों के बीच नवजात प्रभु यीशु दिख रहे हैं। चर्च के पादरी फादर डॉ. मुंथर इशाक ने बताया कि यह झांकी फिलिस्तीनियों की स्थिति दिखाती है। पत्थरों को मलबे की तरह दिखाया गया है। इसके बीच जीसस हैं। यह जंग में मारे गए नवजातों, मलबे से निकाले गए बच्चों को समर्पित है।

पत्थरों के बीच प्रभु यीशु की यह झांकी बेथलहम के इवेंजेलिकल लूथरन चर्च की है।
यूक्रेन में ट्रेडिशनल ड्रेस पहनकर बच्चों ने गाए कैरोल
यूक्रेन में 100 साल बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस सेलिब्रेशन हो रहा है। आमतौर पर यहां यह सेलिब्रेशन 7 जनवरी को किया जाता है। इसकी वजह यह है कि यूक्रेन में ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन्स ही ज्यादा हैं और ये 7 जनवरी को यह फेस्टिवल सेलिब्रेट करते आए हैं।
इस बार रूस का विरोध करने के लिए सरकार ने 25 दिसंबर को किसमस सेलिब्रेट करने का फैसला लिया। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और यूक्रेन दोनों ही देश में जूलियन कैलेंडर को फॉलो किया जाता है। इसके अलावा रूस की तरह यूक्रेन में ज्यादातर लोग ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चिएनिटी के फॉलोअर हैं।
जुलाई 2023 में यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोल्दोमिर जेलेंस्की ने एक बिल को मंजूरी दी थी। इसमें 25 दिसंबर को क्रिसमस बताया गया था और सेलिब्रेशन के लिए पब्लिक हॉली-डे घोषित किया था। इस बिल के मुताबिक यूक्रेन अब पश्चिमी देशों की तर्ज पर ‘ग्रेगोरियन कैलेंडर’ फॉलो करेगा और इसीलिए क्रिसमस 7 जनवरी की बजाय 25 दिसंबर को ही सेलिब्रेट किया जाएगा।

यूक्रेन के लीव शहर में बच्चे सेलिब्रेशन के लिए जमा हुए। बच्चों ने क्रिसमस कैरोल गाए।

रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे सौनिकों ने क्रिसमस के मौके पर कैंडल जलाई।
नॉर्थ कोरिया में क्रिसमस पर प्रतिबंध
नॉर्थ कोरिया में क्रिसमस पर बैन लगा है। दरअसल, यहां ईसाई धर्म पर कई प्रतिबंध हैं, इस वजह से लोग क्रिसमस सेलिब्रेट नहीं करते। इसके बावजूद कुछ एक्टिविस्ट समुद्र के रास्ते से लोगों के बीच खुशियां भेजने की कोशिश कर रहे हैं। एक्टिविस्ट ने येलो सी में कुछ गिफ्ट फेंके हैं। उन्हें उम्मीद है कि ये तोहफे जल्द नॉर्थ कोरिया के तटीय शहरों तक पहुंचेंगे।
उत्तर कोरिया के शासन का विरोध करने वाले कांग जिमिन ने 2017 में ‘द इंडिपेंडेंट’ को बताया था- 1907 तक प्योंगयांग को होली सिटी कहा जाता था। लोग जीसस को मानते थे। 1948 में किम इल सुंग सत्ता पर काबिज हुए। वे चाहते थे कि नॉर्थ कोरिया के लोग उन्हें भगवान मानें।
कई ईसाई इसके खिलाफ थे, इसलिए किम इल सुंग ने ईसाइयों को मारना शुरू कर दिया। कई क्रिश्चियन लोगों को जेल भेज दिया। वे ईसा मसीह में भरोसा रखने वाले लोगों को खत्म करना चाहता था। उस समय के बाद से देश में क्रिसमस एक तरह से बैन हो गया और लोगों ने इसे सेलिब्रेट करना बंद कर दिया।

अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित नॉर्थ कोरियन फ्रीडम कोयलेशन ग्रुप के लोग बॉटल में गिफ्ट रखकर समुद्र में बहा रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि ये नॉर्थ कोरिया पहुंचेंगे।

लोगों ने समुद्र में जो बॉटल फेंकी हैं उसमें खाने का सामान है। इसमें बाइबल के वर्सेस लिखे हैं।
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