उज्ज्वला योजना का नाम बदल रहे हैं CM अशोक, BJP बोली-सस्ती मार्केटिंग
बीजेपी विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस आज भी गांधी परिवार से बाहर नहीं निकल सकती। परिवार को खुश करने के लिए सभी फैसले लिए जाते हैं
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का नाम इंदिरा गांधी गैस सब्सिडी योजना में बदलने के बाद सियासत शुरू हो गई है। मालूम हो कि उज्ज्वला योजना के तहत आने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 500 रुपये में 12 एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे। हालांकि, बीजेपी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राजनीतिक लाभ हासिल करने और गांधी परिवार के प्रति वफादारी दिखाने के लिए नाम बदलने की घोषणा की। बीजेपी विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस आज भी गांधी परिवार से बाहर नहीं निकल सकती। परिवार को खुश करने के लिए सभी फैसले लिए जाते हैं। इसीलिए उज्ज्वला योजना का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू से बाहर नहीं निकल सकती। कांग्रेस वंशवाद की पूजा करती है।
राज्य में विपक्ष के उप नेता सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। मेरी जानकारी में आयुष्मान भारत की तर्ज पर और भी योजनाओं के नाम बदले जा रहे हैं। आयुष्मान भारत का नाम बदलकर चिरंजीवी योजना कर दिया गया। सस्ती मार्केटिंग के लिए उज्जवला योजना का नाम बदला जा रहा है। यह वोट बटोरने की नाकाम कोशिश है।
जब खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से नाम बदलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नाम कौन बदल रहा है? इंदिरा गांधी सिलेंडर सब्सिडी योजना गरीबों के लाभ के लिए है। आप उज्ज्वला योजना में सब्सिडी नहीं दे रहे हैं। जब कांग्रेस की सरकार थी तो रसोई गैस सिलेंडर 400 रुपये में मिलता था। आज 1150 रुपये है। वह हम 500 रुपये दे रहे हैं। केंद्र 500 रुपये में सिलेंडर नहीं दे रहा है। अगर देते तो हम हाथ जोड़कर उनका शुक्रिया अदा करते। हम 500 रुपये में सिलेंडर देंगे। जनता को फायदा हो रहा है तो होने दीजिए।’
बीजेपी और कांग्रेस दोनों का सरकारी योजनाओं के नाम बदलने का इतिहास रहा है। गहलोत सरकार ने पिछली बीजेपी सरकार द्वारा लाई गई कई योजनाओं के नाम बदल दिए। पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई अन्नपूर्णा योजना को इंदिरा रसोई योजना और आयुष्मान भारत को चिरंजीवी में बदल दिया गया था। पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने राजीव गांधी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल सेवा केंद्र कर दिया था। अब जब कांग्रेस सत्ता में आई तो इन केंद्रों का नाम बदलकर राजीव गांधी अटल सेवा केंद्र कर दिया गया। वसुंधरा सरकार में राजीव शिक्षा संकुल का नाम बदलकर डॉ राधाकृष्णन शिक्षा संकुल कर दिया गया।
गहलोत सरकार ने सभी सरकारी दस्तावेजों से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीरें हटा दीं। दीनदयाल उपाध्याय वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना कर दिया गया। गुरु गोलवलकर ग्रामीण जनभागीदारी योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी ग्रामीण जनभागीदारी योजना कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना अब राजीव गांधी जल स्वावलंबन योजना है। भामाशाह अब राजस्थान जन आधार योजना है। अहम सवाल यह है कि क्या नाम बदलने से राज्य में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में मौजूदा सरकार को मदद मिलेगी।

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