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उदयपुर एयरपोर्ट पर धुंध में भी होगी विमानों की लैंडिंग:कैटेगिरी 1 इस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम करेगा मदद, कोहरे में भी डायवर्ट नहीं होंगे विमान

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उदयपुर एयरपोर्ट पर धुंध में भी होगी विमानों की लैंडिंग:कैटेगिरी 1 इस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम करेगा मदद, कोहरे में भी डायवर्ट नहीं होंगे विमान

टूरिस्ट सिटी उदयपुर के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक पर घने कोहरे और धुंध के बीच भी अब फ्लाइट की लैंडिंग हो सकेगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने एयरपोर्ट को रन-वे न्यू कैटेगिरी 1 का इस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) से लैस कर दिया है। अब खराब मौसम में विमानों को दूसरे एयरपोर्ट पर डायवर्ट नहीं किया जाएगा। इससे यात्रियों को भी राहत मिलेगी।

टूरिस्ट सिटी होने के कारण यहां काफी पर्यटक आते है। ऐसे में खराब मौसम खासकर सर्दियों में कोहरे में फ्लाइट्स को लैंड करवाना मुशिकल होता है। इस कारण फ्लाइट्स को अहमदाबाद, सूरत और जयपुर एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ता था।

उदयपुर एयरपोर्ट पर स्थापित किया सिस्टम।

उदयपुर एयरपोर्ट पर स्थापित किया सिस्टम।

800 से कम विजिबिलिटी में भी उतर सकेंगे विमान

डबोक एयरपोर्ट डायरेक्टर योगेश नगाइच ने बताया कि इस अत्याधुनिक ILS सिस्टम 8 जनवरी को लगा दिया गया है। यह विमानन सुविधाओं को लगातार उन्नत करने के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। इस समस्या से निजात के लिए एयरपोर्ट को रन-वे न्यू कैटेगिरी 1 का इस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) से लैस कर दिया गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर लिखा कि, इस सिस्टम से लैस होने के बाद अब धुंध में हवाई यात्रा बाधित नहीं हो पाएगी। खराब मौसम में विमानों को दूसरे हवाई अड्डों पर डायवर्ट करने की समस्या से भी राहत मिलेगी। इससे अब विमान 800 से कम विजिबिलिटी में भी उतर सकेंगे।

नए सिस्टम का किया परीक्षण
इस नए सिस्टम का परीक्षण भी किया गया। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के विमान से इसकी जांच की गई। उपकरण को विभिन्न मानकों पर परखने के बाद इसे शुरू कर दिया गया है। अपग्रेड सिस्टम से पहले जो सिस्टम लगा था, उसमें 800 मीटर से कम विजिबिलिटी होने पर फ्लाइट्स की लैंडिंग होने में मुश्किल होती थी और फ्लाइट्स को अहमदाबाद, सूरत और जयपुर डायवर्ट करना पड़ता था।

खराब मौसम में मिलेगी मदद
कैटेगिरी 1 आइएलएस उत्तम तकनीक से लैस एक रेडियो नेविगेशन सिस्टम है। ये सिस्टम रात में या खराब मौसम में विमान को रनवे तक पहुंचने में मदद करता है। बताते है कि तय मापदंड के अनुसार समय-समय पर इसकी जांच भी जाती है।

सिस्टम में ये है तकनीक
मुख्य उपकरणों के साथ ही यहां एंटिना टावर भी लगाया गया है। इससे एयर ट्रैफिक क्षेत्र में पहुंचे विमानों को इलेक्ट्रॉनिक प्लेट संपर्क प्रणाली की मदद से लैंडिंग के समय बेहतर दिशा-निर्देश दिए जा सकेंगे। धीरे-धीरे कम होती दृश्यता के समय भी विमान सुरक्षित लैंड हो सकेंगे। विमानों को टेकऑफ होने में भी मदद मिलेगी। नया अपडेटेड सिस्टम से अब 800 मीटर से कम व 550 मीटर से ज्यादा विजिबिलिटी होने पर भी फ्लाइट्स लैंड होने के साथ ही टेकऑफ प्रक्रिया में भी आसानी से होगी।

एएआई ने X पर शेयर की पोस्ट

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‘इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम’ को जानिए-

  • यह सटीक रनवे देखने में सहायता करने वाला सिस्टम है।
  • लैंडिंग के समय पायलट सीधा और सामने से रनवे को देखने-समझने के लिए दो रेडियो बीम का उपयोग करते हैं।
  • लोकलाइजर (एलओसी) मार्गदर्शन करके ब्लाइंड लैंडिंग में सहायता करती है।
  • विजिबिलिटी कम होने पर भी फ्लाइट की लैंडिंग आसानी से हो जाती है।

हर दिन 20 विमान भरते उड़ान
उदयपुर एयरपोर्ट पर नियमित 20 विमान उड़ान भरते हैं। हर दिन के हिसाब से करीब 2200 यात्री आते है और करीब 2400 यहां से रवाना होते हैं। फिलहाल डबोक ​एयरपोर्ट पर विंटर शेड्यूल के तहत उदयपुर को 10 शहरों के लिए उड़ान मिली हुई हैं। यह शेड्यूल 30 मार्च तक चलेगा। इनमें यहां से दिल्ली, मुंबई, भोपाल, इंदौर, जयपुर, बेंगलूरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, सूरत और राजकोट के लिए उड़ानें है।

पिछले चार साल में बढ़ा यात्री भार

सालएयरक्राफ्ट मूवमेंटयात्री भार
20205,8235,26,407
20218,4558,38,829
202210,37111,99,614
202313,63615,18,001
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