ओमिक्रान के बढते कहर और स्कूल कालेजों के बंद होने की वर्तमान परिस्थिति के परिप्रेक्ष्य में इंडियन सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (आइस्पैल इंडिया) के साहित्यिक सत्संग में अति महत्वपुर्ण विषय “मिररिंग आन द गो: बीइंग ए प्रोडक्टिव टीचर इन द ईऑन ऑफ टेक्नोलॉजी” पर विशेष चर्चा की गई। प्रोफेसर नागाकला नंजनगुड गोपालकृष्ण, असिंटटेंट प्रोफेसर, आई ए युनिवर्सिटी, दमाम, सऊदी अरब ने अहम वक्ता के रूप में विद्यार्थियों को कैसे तकनीकी के उचित उपयोग के लिए प्रोत्साहित कर बेहतर शिक्षा दी जाए और एक अच्छे शिक्षक के रूप में शिक्षकों के दायित्व क्या हो इस पर प्रकाश डाला।
डाॅ कैप्टेन इंद्राणी एम आर, असिंटटेंट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, एस बी आर आर महाजना फर्स्ट ग्रेड कालेज, मैसूर, कर्नाटक ने विशेष रूप से इस कार्यक्रम को संयोजित किया।
एम डी शाह महिला कालेज आॅफ आर्ट्स एंड कामर्स, मुम्बई से असिंटटेंट प्रोफेसर दिनेश कुमार शिंदे ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया। सुदेशणा दत्ता, टीजीटी, अंग्रेजी विभाग, शारदा विद्या भवन स्कूल, कोलकात्ता ने सेशन में चेयर पर्सन की अहम भुमिका निभाकर शैक्षणिक स्तर को बेहतर बनाने के सुझाव दिए।
तत्पश्चात् डाॅ इंद्राणी ने सभी प्रबुद्ध श्रोतागणों के प्रति तहेदिल से सादर आभार व्यक्त किया। यह कार्यक्रम ऑनलाइन जूम प्लेटफार्म पर श्री प्रमोद ढींगले, आइटी कोर्डिनेटर, आइस्पैल इंडिया के विशेष सहयोग से सम्पन्न हुआ।
तकनीकी युग में शिक्षा प्रणाली कैसे बेहतर हो पाए इस पर विशिष्ट चर्चा से कार्यक्रम का उद्देश्य परिपूर्ण प्रतीत हुआ।
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