NATIONAL NEWS

कविता तड़क भड़क में नहीं बल्कि विनम्र और सांसारिक में निहित है

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

कविता कला, जुनून, सीमांतता और रोजमर्रा की जिंदगी की अनिश्चितताओं के बीच संबंधों के बारे में मौलिक प्रश्न उठाती है , यह बात डॉ दिव्या जोशी ने अपने एशिया पैसिफिक राइटर्स एंड ट्रांसलेटर्स लिटरेचर फेस्टिवल 2022 में सत्र के दौरान कही I17वें एशिया पैसिफिक राइटर्स एंड ट्रांसलेटर्स लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 28-30 नवंबर को गार्डन सिटी, बैंगलोर में हुआ जिसमें देश विदेश से लगभग 80 से भी ज्यादा कवियों तथा साहित्यकारों ने भाग लिया Iरोमांचक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ दुनिया भर के लेखकों और अनुवादकों की एक रोमांचक लाइन-अप की विशेषता लिए हुए इस 3 दिवसीय उत्सव में देवदत्त पटनायक, बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि श्री, कार्यकर्ता इरोम शर्मिला, चीनी लेखक मा जियान, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक मिहिर वत्स, लेखक और पत्रकार विक्टर मैलेट जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध वक्ताओं ने शिरकत की I राजकीय डूंगर महाविद्यालय की डॉ दिव्या जोशी ने इस फेस्टिवल में लेखनी अनुवाद पब्लिशिंग के सत्र में मौखिक तथा लोक परम्पराओं के संरक्षण तथा संवर्धन की आवश्यकता बतायी I उन्होंने राजस्थान तथा बीकानेर के विशेष संदर्भ में आख्यान और अनुवाद को चित्रात्मक उदाहरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया I परंपराओं से बचने वाली शैलियों, तरीकों और साहित्य के माध्यमों की चर्चा करते हुए उन्होंने समकालीन लेखन में सांस्कृतिक अनुवाद तथा पौराणिकी की उभरती उपस्थिति की भी बात रखी Iकविता पाठ तथा रचनात्मक सत्र में उन्होंने अपनी दोनो कविता संग्रह डांस ऑफ़ लाइफ और मातृयोष्का से कुछ कविताएं पढ़ी जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा I उनकी कविताओं की विषय वस्तु से सम्बंधित प्रश्न के उत्तर में उन्होंने सांस्कृतिक तथा सामाजिक सन्दर्भ से उत्त्पन चुनौतियों पर भी विस्तार से चर्चा कीI

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!