NATIONAL NEWS

किसको पूछकर मोबाइल सर्विलांस पर लिया ? हाईकोर्ट ने नोटिस किया जारी

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

अधिनियम के तहत किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन केवल लोक आपात या लोक सुरक्षा के हित में होने की स्थिति में ही सर्विलांस पर ले सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल सर्विलांस के संबंध में गृह विभाग का मुख्य अधिकारी का आदेश होना जरूरी है.

Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव और एसीबी के डीजी सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि आरोपी के मोबाइल सर्विलांस पर लेने के लिए तय प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है ? जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने ये आदेश राजेश कुमार सिंह की आपराधिक याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि किसी भी व्यक्ति का मोबाइल फोन भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बने नियमों के अनुसार ही सर्विलांस लिया जा सकता है.

अधिनियम के तहत किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन केवल लोक आपात या लोक सुरक्षा के हित में होने की स्थिति में ही सर्विलांस पर ले सकते हैं. इसके अलावा मोबाइल सर्विलांस के संबंध में गृह विभाग का मुख्य अधिकारी का आदेश होना जरूरी है.

 वहीं इस आदेश के बाद सात दिन में मामले को रिव्यू के लिए मुख्य सचिव, विधि सचिव और एक अन्य सचिव की कमेटी को भेजा जाता है. यह कमेटी प्रकरण के तथ्यों के आधार पर इस संबंध में निर्णय लेती है.

 याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के मामले में एसीबी के प्रार्थना पत्र पर गृह सचिव ने बिना कानूनी प्रावधान मोबाइल सर्विलांस पर लेने की अनुमति दे दी. वहीं गृह सचिव के इस आदेश को रिव्यू कमेटी को भी नहीं भेजा गया और गृह सचिव ने अपने स्तर पर ही याचिकाकर्ता के मोबाइल को सर्विलांस पर रखने की अवधि को दो बार बढा दिया.

 इसके बाद एसीबी ने मोबाइल सर्विलांस के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!