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केन्द्रीय कारागृह के खुला बंदियों के आर्केस्ट्रा बैंड ने रवीन्द्र रंगमंच पर बिखरी सुर लहरियां

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खुला बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला -आशाएं के तहत आयोजित हुआ कार्यक्रम
बंदियों के जीवन सुधार की दिशा में अभिनव पहल है आशाएं कार्यक्रम – रुपिंदर सिंह

बीकानेर,7 जनवरी। केन्द्रीय कारागृह बीकानेर के खुला बंदियों के द जेल आर्केस्ट्रा बैंड की स्वर लहरियों से मंगलवार को रवीन्द्र रंगमंच गूंज उठा। केन्द्रीय कारागृह बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए चलाए जा रहे में आशाएं के कार्यक्रम के तहत खुला बंदी शिविर सदस्यों द्वारा ये प्रस्तुतियों दी गई। द जेल आर्केस्ट्रा बैंड द्वारा बिखेरी धुनों ने पूरे रंगमंच को एक सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त महानिदेशक कारागार
रुपिंदर सिंह ने कहा कि आशाएं कार्यक्रम जेल‌ बंदियों के जीवन सुधार की दिशा में एक बेहतरीन शुरुआत है। जेल प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन सहित अन्य सभी सहयोगी एजेंसियों इसके लिए बधाई की पात्र है।‌ उन्होंने कहा कि जेल बंदियों की मानसिक स्थिति को समझते हुए उनके सुधार के लिए की गई इस पहल से बंदियों की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिल सकेगी। उन्होंने आमजन से भी द जेल आर्केस्ट्रा बैंड को बुक करने की अपील की जिससे होने वाली आय का उपयोग इस बैंड हेतु सुविधाएं विकसित करने में किया जा सके।
कार्यक्रम में आईजी बीकानेर ओमप्रकाश ने कहा कि छोटे छोटे प्रयास बड़े बदलाव‌ के महत्वपूर्ण घटक हैं।‌ केन्द्रीय कारागृह प्रशासन का आशाएं कार्यक्रम इसकी एक बानगी है। उन्होंने कहा कि सुधार की
संभावना हर व्यक्ति में होती है। इस आंदोलन के माध्यम से 1406 कैदियों के जीवन सुधार की दिशा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। कैदियों के सामने तमाम‌ समस्याओं के बावजूद यह नवाचार आशा की एक किरण है‌ जिससे उनकी ऊर्जा को‌ सकारातमक ररुख दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हुनर और रोजगार से इन लोगों के जीवन को उज्जवल बनाया जा सकेगा ।
संयुक्त सचिव गृह पूजा पार्थ ने कहा कि केंद्रीय कारागृह बीकानेर में बंदियों के सुधार और सकारात्मक विकास के लिए चलाया जा रहा आशाएं कार्यक्रम अपने नाम के अनुरूप सार्थकता लिए हुए हैं ।‌ ये नवाचार बंदियों को हुनर सीखाने में तो मददगार साबित होगा ही इसके जरिए जेल में सकारात्मक वातावरण निर्माण में भी मदद मिल सकेगी। उन्होंने बंदियों के लिए जेल में स्थापित हेल्प डेस्क, उद्योग शाला, बैंड जैसे नवाचार की सराहना की और बंदियों के जीवन में सुधार की दिशा में इसे अभिनव पहल बताया। उन्होंने कहा कि जेल‌ प्रशासन ने विषम परिस्थितियों के बावजूद बेहतरीन कार्य किया है।
इससे पहले जेल सुपरिटेंडेंट सुमन मालीवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया और
बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य, कौशल विकास के लिए चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कारागृह बीकानेर 1406 बंदी है।‌ जेल प्रशासन द्वारा अवैध सामग्री प्रवेश रोकथाम के साथ ‌बंदियो में सकारात्मक ऊर्जा संचार के लिए कई नवाचार किए गए हैं। ‌साक्षरता , उच्च शिक्षा में प्रवेश , आईटीआई में कम्प्यूटर,डीजल मैकेनिक कोर्स सहित कौशल विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। बंदियों की सहायता के लिए
‌हेल्पडेस्क स्थापित की गई है।
बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिला प्रशासन और भामाशाहों के सहयोग से ब्रास बैंड और आर्केस्ट्रा बैंड स्थापित किया गया है । बंदी मजदूरी के रूप में 14 लाख 35 हजार का भुगतान किया गया है।

स्वर लहरियों से सरोबार हुआ रंगमंच
द जेल बैंड द्वारा मेरे देश की धरती, मैं रंग शरबतों का सहित राजस्थानी फ्यूजन की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गई।

इस दौरान पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी रमेश देव, नगर विकास न्यास सचिव अपर्णा गुप्ता सीईओ जिला परिषद सोहनलाल,
सहित गणमान्य नागरिक भामाशाह आदि मौजूद रहे।
इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले जेल और पुलिस कार्मिकों को सम्मानित किया गया।

केन्द्रीय कारागृह का किया निरीक्षण, देखी व्यवस्थाए
इससे पहले वरिष्ठ अधिकारियों ने जेल का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जेल की सुरक्षा व्यवस्था‌ सहित जेल बंदियों के लिए चलाई जा रही उद्योगशाला, हेल्प डेस्क, आर्केस्ट्रा बैंड, लाइब्रेरी आदि का अवलोकन किया।

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