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कोरोना को मात देने चलेगा तीन दिवसीय महा वैक्सीनेशन अभियान गुरुवार को 286 सत्रों में होगा कोविड टीकाकरण

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बीकानेर, 27 अक्टूबर। कोरोना को मात देने और तीसरी लहर की आशंकाओं को विराम लगाने जिले में कोविड टीकाकरण का तीन दिवसीय महा अभियान चलाया जाएगा। शासन सचिव वैभव गालरिया के निर्देशानुसार राज्य भर में गुरुवार से शुरू होने वाले इस विशेष अभियान के अंतर्गत ग्रामीण शहरी अस्पतालों, विद्यालयों, सामुदायिक भवनों आदि में टीकाकरण बूथ स्थापित कर अधिकाधिक व्यक्तियों को प्रतिरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने स्वास्थ्यकर्मियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी क्षमता लगाने के निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ ओम प्रकाश चाहर ने बताया कि 28, 29 व 30 अक्टूबर को चलने वाले इस विशेष अभियान के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में को-वैक्सीन व कोविशील्ड की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सभी केंद्रों पर प्रथम व वित्तीय डोज ऑन स्पॉट लगाने की व्यवस्था रहेगी। पीबीएम अस्पताल के जिरियाट्रिक व पीएमआर भवन में ऑनलाइन बुकिंग द्वारा टीकाकरण होगा।
आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अभियान के पहले दिन कुल 286 सत्रों में टीकाकरण किया जाएगा। इनमें 57 बीकानेर शहर जबकि 229 सत्र ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित होंगे। रेलवे अस्पताल व जेल डिस्पेंसरी में कार्यस्थल सत्र आयोजित किया जाएगा। वे लोग जिनके पास कोई फोटो पहचान पत्र नहीं है उनके लिए पीबीएम अस्पताल के जिरियाट्रिक सेंटर में विशेष सत्र भी लगाया जाएगा।

अब तक लगी साढ़े 21 लाख से अधिक डोज
डॉ गुप्ता ने बताया कि सभी ब्लॉक सीएमओ द्वारा अभियान को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की गई है। दूसरी डोज ड्यू लिस्ट अनुसार लाभार्थियों को एसएमएस द्वारा सूचना भेजी जा रही है। साथ ही आशा, एनएम, सीएचए द्वारा घर-घर सर्वे व आमंत्रण का कार्य किया जा रहा है।
जिले में अब तक 21 लाख 56 हजार से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है इनमें साढ़े 14 लाख प्रथम व 7 लाख द्वितीय डोज शामिल है।
यूएनडीपी के योगेश शर्मा ने जानकारी दी कि जिले में 2 लाख 77 हजार से अधिक लाभार्थियों की दूसरी डोज ड्यू हो चुकी है। इनमें लगभग 2 लाख 7 हजार कोवीशील्ड व लगभग 70 हजार को-वैक्सीन ड्यू हुई है। इन्हें प्राथमिकता से वैक्सीन देने के प्रयास किए जाएंगे।

दूसरी डोज में लापरवाही पड़ सकती है महंगी
डॉ चाहर ने बताया कि भारत में अत्यधिक संक्रामक माने जाने वाले यूरोपियन वैरीअंट ए वाई 4.2 के केस सामने आ चुके हैं। भारतीयों में इसके विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता या कहें इम्यूनिटी होने की संभावना कम है। इसलिए वैक्सीनेशन ही सही विकल्प है जिससे अधिकांश वैरीअंट के विरुद्ध इम्यूनिटी बन सकती है और वैक्सीन की दोनों डोज लगाने पर ही ऐसी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होने की संभावना बनती है। इसलिए जिनकी दूसरी डोज ड्यू हो चुकी है उन्हें बिना समय गवाएं इसे लगवा लेना चाहिए।

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