जयपुर, 7 अप्रेल। कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए निजी चिकित्सालयों से बेहतर संवाद एवं समन्वय स्थापित करने तथा आमजन को सहज व सुलभ उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोविड-19 में कार्यरत निजी चिकित्सालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थ महाजन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के परिप्रेक्ष्य में निजी चिकित्सालय कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम एवं उपचार सेवाओं में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस विषम परिस्थिति में कई निजी चिकित्सालयों ने आमजन के प्रति अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी नियुक्त होने से कोविड उपचार हेतु उपलब्ध बैड्स की संख्या बढ़ाने, निजी चिकित्सालयों के समक्ष आने वाली समस्याओं के निराकरण तथा वैक्सीनेशन के कार्य में गति मिलेगी।
शासन सचिव ने बताया कि जयपुर जिले के 45 निजी चिकित्सालयों में नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये गये हैं। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में निजी चिकित्सालयों हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए संबंधित जिला कलक्टरों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारियों को संबंधित निजी चिकित्सालय में नियमित रूप से भ्रमण कर आवश्यक सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र में भरकर भिजवायेंगे।
श्री महाजन ने बताया कि नोडल अधिकारी 60 या इससे अधिक बिस्तर क्षमता वाले चिकित्सालयों में उपलब्ध बैड्स में से श्रेणीवार 25 प्रतिशत बैड्स कोविड-19 मरीजों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। कोविड संक्रमित मरीजों, राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री हैल्पलाईन या जिला प्रशासन द्वारा रैफर किये गये मरीजों को हैल्प डेस्क के माध्यम से बैड्स उपलब्ध होने पर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। साथ ही आवश्यकता के अनुसार आरक्षित बैड्स की संख्या बढ़ाने हेतु निजी चिकित्सालयों को प्रेरित करेंगे। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की मांग व आपूर्ति की समीक्षा कर निराकरण करेंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सभी मरीजों का निर्धारित दरों पर उपचार किया जाये।
शिकायत के निस्तारण के लिए कमेटी गठित
निजी चिकित्सालयों द्वारा कोविड के उपचार हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दरों से अधिक की वसूली की शिकायत के निस्तारण के लिए जिला कलक्टर या नामित अतिरिक्त जिला कलक्टर की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने प्राप्त प्रकरणों का 7 दिवस में निस्तारण करने के भी निर्देश दिये हैं।
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