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गहलोत अध्यक्ष पद की रेस से बाहर , सीएम की कुर्सी भी जाएगी -सूत्र

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बड़ी खबर मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़के का नाम रेस में आगे।
ना मैं अध्यक्ष पद का नामांकन कर रहा हूं ना मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करूँगा: कमलनाथ

नई दिल्ली: पायलट से अदावत में अपना नुकसान कर गए गहलोत? कांग्रेस अध्यक्ष के लिए टाला नामांकन

नई दिल्ली: जयपुर में 24 घंटे पहले तक खबरें थी कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो पायलट राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन जयपुर में रविवार रात तेजी से बदलने घटनाक्रम ने अब सबकुछ उलट-पुलट कर रख दिया है। अब यह भी साफ नहीं है कि कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव में गहलोत की दावेदारी होगी या नहीं। इस बीच, गहलोत के करीबी सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने फिलहाल नामांकन टाल दिया है। पहले गहलोत मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल करने वाले थे। नामांकन की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।

गहलोत के करीबी सूत्रों ने अजय माकन के उन आरोपों को भी नकारा है कि विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री की सहमति से बुलाई गई थी। माकन ने सोमवार को विधायकों की शांति धारीवाल के घर पर बैठक बुलाए जाने को अनुशासनहीनता बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर ही और उनकी पसंद के स्थान, समय पर बैठक बुलाई गई थी। फिर भी विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। अब मुख्यमंत्री के करीबियों ने इसका खंडन किया है। सीएम अशोक गहलोत के करीबियों ने सचिन पायलट पर भी कई आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पायलट करीब 15 दिनों से विधायकों को बुलाकर उन्हें धमका रहे थे। पायलट कोच्चि गए और इस तरह का माहौल बनाया कि वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। गहलोत के करीबियों ने विधायकों के इस्तीफे में सीएम का हाथ होने से इनकार किया। उनका कहना है कि 92 विधायकों का इस्तीफा देना बताता है कि यह स्वत: हुई घटना है, कोई अजेंडा नहीं। गौरतलब है कि रविवार रात अशोक गहलोत कैंप के 80 से अधिक विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इनका कहना है कि सचिन पायलट को राजस्थान में मुख्यमंत्री का पद ना दिया जाए, क्योंकि उन्होंने 2 साल पहले कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश की थी। विधायकों ने कुल तीन मांगें पर्यवेक्षकों के सामने रखी थी, जिसमें एक मांग यह भी थी कि नए सीएम पर फैसला तब हो जब गहलोत अध्यक्ष बन जाएं.

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