गीजर की गैस लीक होने से बच्चे का दम घुटा:बाथरूम में नहाने के दौरान हुआ हादसा; आधे घंटे तक बेहोश पड़ा रहा
गीजर की गैस ने एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली। बाथरूम में गैस लीक हुई तो उसका दम घुटने लगा। करीब आधे घंटे तक जब वह बाहर नहीं आया तो घरवालों ने बाथरूम का गेट तोड़ा। बच्चा अचेत था। इस पर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। मामला शाहपुरा (भीलवाड़ा) जिले के कायमखानी मोहल्ले में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे का है।
इधर, एक ऐसा ही मामला पाली जिले से भी सामने आया है। यहां सर्दी से बचने के लिए मां-बेटी कमरे में अंगीठी लगाकर सो गए थे। कुछ ही देर में कमरे में धुंआ हो गया। इस पर परिजन जब कमरे में पहुंचे तो मां-बेटी अचेत पड़े थे, दोनों को बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
गीजर ने ली मासूम की जान
जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर शाम भीलवाड़ा के कायमखानी मोहल्ला निवासी नूर मोहम्मद (लाला) कायमखानी का 14 साल का बेटा इमरान शाम को बाथरूम में नहाने गया था। आधे घंटे बाद भी जब वह नहीं लौटा तो घर वाले चिंता करने लगे और उसे आवाज लगाई।
आवाज लगाने पर भी जब इमरान बाहर नहीं आया तो घर वालों ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस पर घरवालों ने जब बाथरुम का दरवाजा तोड़ा तो इमरान अंदर बेहोश मिला। इस पर परिजन उसे शाहपुरा के सरकारी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इमरान 11वीं क्लास का साइंस का स्टूडेंट था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा था। पढ़ने में तेज था। अब घर में बड़ा भाई और बड़ी बहन हैं। उसकी मौत के बाद परिजन बिना पोस्टमॉर्टम के ही बच्चे को अपने साथ लेकर चले गए। परिजनों ने थाने में भी किसी तरह का मामला नहीं दिया है। इमरान के पिता नूर मोहम्मद मोटर साइकिल मिस्त्री हैं। भीलवाड़ा में कालिंजरी गेट पर उनकी शॉप है। वे प्रॉपर्टी का काम भी करते हैं।
गौरतलब है कि इससे पूर्व शाहपुरा में ही 15 मार्च शीतला सप्तमी पर्व पर गीजर से गैस लीक होने के चलते दम घुटने से सुरेश झंवर (35), पत्नि कविता (32) और बेटे विहान (9) की मौत हो गई थी।
गीजर से कम हो जाती है ऑक्सीजन
ईएसआईसी हॉस्पिटल भीलवाड़ा के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. शांतनु टाक का कहना है कि गैस गीजर के बर्नर्स से पैदा होने वाली आग से ऑक्सीजन की खपत अधिक होती है। गीजर का बर्नर तभी जलता है, जब इसे ऑक्सीजन मिलती है। गैस गीजर के इस्तेमाल से कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। कार्बन मोनो ऑक्साइड भी बनती है। यह रंगहीन, गंधहीन और जहरीली होती है। यही गैस मौत का कारण बन जाती है। दिल और दिमाग को जरूरत के अनुसार, ऑक्सीजन न मिलने के कारण व्यक्ति बेहोशी में चला जाता है। उसकी मौत हो सकती है।
बाथरूम की ऑक्सीजन खत्म होने से घटना
डॉ. शांतनु टाक ने कहा- जिन बाथरूम में वेंटिलेशन नहीं होता, वहां बाथरूम में मौजूद ऑक्सीजन को गैस बर्नर ऑब्जर्व कर लेता है। ऐसे में बाथरूम में ऑक्सीजन खत्म हो जाती है। इससे अंदर मौजूद व्यक्ति का दम घुटने लगता है। समय पर मदद न मिले तो मौत भी हो सकती है। इस मामले में ऐसा ही हुआ होगा।
पाली में सिगड़ी जलाकर सोने से मां-बेटी अचेत, पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में भर्ती मरीज।
इधर, पाली में मां-बेटी दोनों अचेत
पाली शहर के इंद्रा कॉलोनी में रहने वाली 35 साल की नसरीन पत्नी मोहम्मद युसूफ ने सर्दी से बचने के लिए कमरे में कोयल की सिगड़ी जलाई और 15 साल की बेटी रेशमा के साथ सो गई। कमरे का दरवाजा और खिड़की बंद होने से धुआं कमरे में फैल गया।
ऐसे में इसकी गैस से दोनों अचेत हो गई। कमरे के बाहर से धुआं आता देख परिजन घबरा गए। कमरा जब खोला तो धुआं के बीच दोनों मां-बेटी अचेत थी। दोनों को बांगड़ हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। हालांकि दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
Add Comment