NATIONAL NEWS

डिप्रेशन में रहीं, शादी के 16 साल बाद टीचर बनीं:KBC का ऐसा जुनून, 3 बार रिजेक्ट हुईं, चौथी बार अमिताभ के सामने बैठीं

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

डिप्रेशन में रहीं, शादी के 16 साल बाद टीचर बनीं:KBC का ऐसा जुनून, 3 बार रिजेक्ट हुईं, चौथी बार अमिताभ के सामने बैठीं

कोटा की शोभाकंवर ने KBC में 6.40 लाख रुपए जीते।

कोटा की शोभा कंवर ने अपने जुनून के दम पर 21 साल पुराना सपना पूरा किया है। वह मंगलवार रात अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठी थीं। उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में एक के बाद एक 11 सवालों के सही जवाब दिए। KBC में जाने का उनका सपना कई सालों से था। पहले वह तीन बार रिजेक्ट हो गई थीं, इस बार चौथे प्रयास में वह सफल रहीं और 6 लाख से ज्यादा की रकम जीतकर लौटीं।

उन्होंने अपनी 21 साल की जर्नी शेयर की। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था वह डिप्रेशन में आ गई थीं। फिर डॉक्टर्स की सलाह पर बिजी रहना शुरू किया तो RAS प्री तक क्लीयर कर लिया पर इंटरव्यू में सलेक्शन नहीं हुआ। आखिरकार आरपीएससी का एग्जाम क्लियर कर टीचर बनीं। आगे पढ़िए- शोभा कंवर की कहानी, उन्हीं की जुबानी…

‘मैं बूंदी जिले के बरूधन के सरकारी स्कूल में थर्ड ग्रेड टीचर हूं। साल 1991 में मेरी शादी हुई थी। पति ब्रह्मानन्द सिंह प्रॉपर्टी का काम करते हैं। घर का सारा काम करने व पति के काम पर चले जाने के बाद वो अक्सर अकेली रहती थी। इस दौरान टीवी देखती थी। मन में घर से बाहर निकलकर कुछ काम करने की इच्छा थी। परिवार की बंदिशों और बड़े बुजुर्गों की सोच के चलते घर से बाहर नहीं निकल सकीं। साल 2006 मेरी सास का देहांत हो गया। मेरे बच्चे भी नहीं थे। घर में अकेलापन मुझे खटकने लगा। गुमसुम रहने लगी। पति मुझे डॉक्टर के पास ले गए। डॉक्टर ने कहा घर के अकेलेपन ने डिप्रेशन का शिकार बना दिया है। इन्हें व्यस्त (बिजी) करना जरूरी है।

शोभा कंवर बूंदी जिले के बरूधन के सरकारी स्कूल में ग्रेड थर्ड टीचर हैं।

शोभा कंवर बूंदी जिले के बरूधन के सरकारी स्कूल में ग्रेड थर्ड टीचर हैं।

शादी के 16 साल बाद बंदिश तोड़ RPSC का एग्जाम दिया

शादी के 16 साल बाद बिना तैयारी के RPSC का एग्जाम दिया। एग्जाम फाइट कर टीचर बनी। आगे की पढ़ाई भी पूरी की। इसके बाद मैंने RAS का एग्जाम भी दिया। RAS प्री क्लीयर किया, लेकिन मेन क्लीयर नहीं कर सकी।

स्कूल में 450 बच्चे पढ़ते हैं।

स्कूल में 450 बच्चे पढ़ते हैं।

21 साल का सपना पूरा हुआ

मुझे बचपन से ही जीके (जनरल नॉलेज) में रुचि थी। साल 2000 से KBC की शुरुआत हुई तब से देखती थी। खुद भी लगातार कोशिश करती रही। उस समय लैंडलाइन का जमाना था। मेरी जिद के कारण पति को घर में लैंडलाइन लगाना पड़ा। लैंड लाइन से कॉल करती थी। हर महीने 4 से 5 हजार का बिल आता था। 21 साल इंतजार के बाद चौथे प्रयास में मुझे हॉट सीट पर बैठने का मौका मिला। इससे पहले मैं 3 बार (एक बार अहमदाबाद और दो बार मुंबई) पर्सनल इंटरव्यू (PI) दे चुकी थी, पर सलेक्शन नहीं हुआ। फिर अब 13 साल के गैप के बाद चौथे प्रयास में मुझे दिल्ली में सफलता मिली। ऑडिशन के दिन मेरे पति ने प्लॉट लिया था। उसी दिन भाग्य के चमकने का एहसास हुआ।

पहले 4 सितंबर को शूटिंग होनी थी। अभिताभ बच्चन के बीमार होने के कारण नवरात्र स्पेशल एपिसोड करने का मौका मिला। शूटिंग के लिए 16 से 24 सितंबर तक का समय दिया था। 16 को पति के साथ फ्लाइट से रवाना हुई। 17 व 19 को शूटिंग हुई। 20 को वापस लौट आई। इसके बाद तो लाइफ ही बदल गई। वापस लौटने पर रिश्तेदारों,कॉलोनी के लोगों और साथी टीचर्स व स्कूल में सम्मान किया।​​​​​​​

परिचितों और रिश्तेदारों ने उनका सम्मान किया।

परिचितों और रिश्तेदारों ने उनका सम्मान किया।

बच्चों की मदद के लिए पैसों की जरूरत थी

शोभा कंवर की शादी को 30 साल हो चुके हैं, लेकिन बच्चे नहीं हैं। सरकारी टीचर बनने के बाद से वह सामाजिक कार्यों में जुट गईं। खासतौर पर स्कूल में पढ़ने वाले गरीब बच्चों की मदद को हमेशा आगे रहीं। उन्होंने स्कूल में बच्चों के लिए डिजिटल रूम, गार्डन ,वाटर कूलर, टीनशेड, लगवाया। इस काम में उनके अमेरिका में रहने वाले दोस्त ने भी मदद की। उन्हें साल 2020 में गरिमा अवॉर्ड का सम्मान मिला। 25 हजार की राशि मिली। उन्होंने इन पैसों को अलग बैंक अकाउंट में डलवाया। इन पैसों से बच्चों की फीस से लेकर किताबें कॉपी दिलवाई। उन्होंने 60 से 70 लड़कियों को गोद ले रखा है।

पति ब्रह्मानन्द सिंह के साथ शोभा कंवर। दोनों की शादी 1991 में हुई थी।

पति ब्रह्मानन्द सिंह के साथ शोभा कंवर। दोनों की शादी 1991 में हुई थी।

कभी-कभी स्टूडेंट मम्मी कह कर पुकारते हैं, अच्छा लगता है…

शोभा कंवर बताती हैं कि उनकी स्कूल में 450 बच्चे हैं। कभी-कभी छोटे-छोटे बच्चे उन्हें मम्मी कह कर पुकारते हैं। बच्चों के इस प्यार से उन्हें बहुत खुशी मिलती है। उनका सपना था कि वो सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए कुछ करे, स्कूल में कमरा बनवाएं। बच्चों की बेहतर वातावरण के साथ अच्छी शिक्षा मिले, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे। ये बच्चों की किस्मत थी कि मैं KBC की हॉट सीट पर बैठ सकी। 6 लाख 40 हजार जीत सकी। इन पैसों से स्कूली बच्चों को काफी मदद मिलेगी। इस दौरान उन्होंने 3 लाइफ लाइन का उपयोग भी किया।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!