दलित बहनों की रेप-हत्या के बाद दरिंदों के 15 घंटे:एक आरोपी घर जाकर सो गया, 5 आधी रात को भागने की फिराक में थे
लखीमपुर में दो दलित बहनों की हत्या कर दी गई। दोनों लड़कियों के साथ पहले गैंगरेप किया गया, फिर गला दबाकर उन्हें मारा गया। इस हत्याकांड को सुसाइड बनाने के लिए आरोपियों ने दोनों लड़कियों के शव को पेड़ से लटका दिया। मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक आरोपी जुनैद को एनकाउंटर में पैर में गोली लगी है।
वारदात के बाद कौन आरोपी कहां गया और किस तरह पुलिस से बचने की कोशिश की, पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
बुधवार शाम 4 बजे के करीब तीन आरोपी घर के बाहर से दोनों लड़कियों को बाइक पर ले गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार 5 बजे के करीब गैंगरेप के बाद इन लड़कियों की गला दबाकर हत्या कर दी गई। बाद में 5 लोगों ने मिलकर इन दोनों के शव पेड़ पर लटका दिए, ताकि लोग इसे सुसाइड समझें। हत्या के बाद ये युवक मौके से फरार हो गए।
कुछ देर बाद इन आरोपियों की मुलाकात छोटू से हुई। उन्होंने छोटू को घटना की पूरी जानकारी दी और अपने गांव की ओर चले गए। रात 9 बजे जब सड़क पर जाम लगाकर हंगामा शुरू हुआ तो युवतियों के पिता ने पड़ोस में रहने वाले छोटू पर साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया। इस बीच छोटू अपने दोस्तों से मिलने के बाद घर जाकर चुपचाप लेट गया था, ताकि किसी को शक न हो। इसी बीच पुलिस ने छोटू को घर से गिरफ्तार कर लिया।

यह बुधवार की तस्वीर है, जब लड़कियों को गैंगरेप करके पेड़ से लटका दिया गया था।
घर जाकर खाना खाया और कपड़े चेंज किए
पुलिस ने जब छोटू से कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो उसने सारा राज उगल दिया। छोटू ने ही पुलिस को सुहैल, जुनैद और हफीजुलर्रहमान के मोबाइल नंबर दिए। पुलिस ने सभी के नंबर सर्विलांस पर ले लिए। ये आरोपी रात 10.30 बजे के करीब अपने-अपने घर चले गए। यहां उन्होंने आराम से कपड़े चेंज किए और खाना खाया।
रात 12 बजे मिलने का टाइम फिक्स किया
तीनों रात 12 बजे के आस-पास गांव के बाहर मिलने की बात फिक्स करके निकले थे। सुहैल अपनी बाइक से सबसे पहले गांव के बाहर पहुंचा, फिर हफीजुलर्रहमान और करीमुद्दीन आ गए। ये लोग गांव छोड़ने के लिए अपने दोनों साथियों का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने रात को ही आरिफ को उठा लिया। इस बीच मौका पाकर जुनैद फरार हो गया।
पुलिस ने जुनैद को ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन उसी गांव में गन्ने के खेत में मिली। पुलिस ने वहां सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सुबह करीब 8 बजे पुलिस ने जब उसे घेर लिया तो जुनैद ने फायरिंग की धमकी दी। पुलिस ने गोली चलाई जो उसके पैर में लगी। पुलिस ने उसके पास से एक तमंचा और दो कारतूस भी बरामद किए।

यह आरोपी जुनैद है, जिसे सुबह एनकाउंटर के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
आरोपियों का कबूलनामा- संबंध बनाने के बाद गला दबाया
पुलिस के अनुसार सुहेल और जुनैद दोनों साथी हैं। छोटू ने दोनों लड़कियों से इनकी दोस्ती करवाई थी। कल शाम को भी सुहेल और जुनैद अपने तीसरे साथी हफीजुलर्रहमान के साथ बाइक से यहां पहुंचे। वो लड़कियों को बहलाकर ले गए। गांव के बाहर खेत में उन्होंने संबंध बनाए। इसके बाद लड़कियां शादी के लिए जिद करने लगीं। इस बात पर उनमें झगड़ा हुआ तो इन दोनों ने हफीजुलर्रहमान के साथ मिलकर गला दबाकर उन्हें मार दिया। इसके बाद सुहेल और अन्य आरोपियों ने करीमुद्दीन और आरिफ को बुलाया, फिर सबने मिलकर लड़कियों को दुपट्टे के सहारे पेड़ पर टांग दिया।
आइए अब आपको पीड़िता के गांव ले चलते हैं…
टीम गुरुवार सुबह जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर स्थित पीड़िता के गांव में पहुंची। यहां तनावपूर्ण माहौल है। गांव छावनी में तब्दील है। पुलिस ने गांव में एंट्री पॉइंट पर बैरिकेडिंग की है। हर आने-जाने वाले से पूछताछ हो रही है। पूछताछ के बाद अंदर जाने की इजाजत मिली। जब हम आगे बढ़े तो गांव की शुरुआत में ही एक घर के सामने कुछ लोग इसी घटना के बारे में चर्चा कर रहे थे।
जब टीम उनके पास पहुंची तो सभी चुप हो गए। कोई भी सामने बात नहीं करना चाहता था। एक बुजुर्ग ने कहा कि आजकल के बच्चों में संस्कार नहीं रह गए हैं। इससे ज्यादा वह कुछ बोलना नहीं चाह रहे थे। हालांकि इशारों में उन्होंने पीड़ित के घर का रास्ता बता दिया।

यह गांव का एंट्री पॉइंट है। यहां से आगे गाड़ी ले जाने पर मनाही है। यहां बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है।
महिला की चीख सुनकर हम मौके पर पहुंचे
पूरा गांव पार करने के बाद आखिरी छोर पर पीड़िता का घर बना हुआ है। उससे पहले ही घर के पास लगे एक हैंडपंप पर राम सूरत खड़े थे। धीरे-धीरे उनसे बातचीत शुरू हुई। हमारा परिचय पूछते हुए राम सूरत ने पूरी घटना बतानी शुरू की। राम सूरत ने कहा, “बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हम खेत से काम करके लौटे थे, खाना खाने के बाद मैं घर के बाहर चारपाई पर बैठा था। इसी बीच लड़कियों की मां बहुत तेजी से चीखने लगी। हम लोग मौके पर पहुंचे तो बताया कि कुछ लोग बेटियों को उठाकर ले गए हैं।
वो बाइक से थे और घर से थोड़ी दूरी पर सड़क की तरफ गए हैं। थोड़ी देर में और गांव वाले इकट्ठा हो गए। लड़कियों का पिता घर पर नहीं था। हम लोग उनको ढूंढने के लिए सड़क की तरफ निकले, लेकिन कुछ पता नहीं चला, शाम को 5 बजे के करीब हम लोग ढूंढते हुए गन्ने के खेत को पार करते हुए करीब 300 मीटर दूर अजय सिंह के खेत में पहुंचे। वहां दोनों के शव पेड़ पर लटके हुए मिले। इसके बाद पुलिस को सूचना दी, पुलिस ने शव को पेड़ से उतरवाया।”
आरोपी लड़कों के बारे में राम सूरत कहते हैं, “वे लड़के यहां छोटू के मचान पर आया करते थे। यहां बैठते थे, किसी को अंदाजा ही नहीं था कि इस तरह की हरकत भी करेंगे। उनके बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है।”
लड़कियों का शव पोस्टमॉर्टम के बाद गांव पहुंच गया है।
मां बोली- जैसे मेरी बेटी को लटकाया, इन्हें भी फांसी मिले
जब हम गांव में मृत लड़कियों के घर पहुंचे तो चारों ओर से महिलाएं उनकी मां को घेरे हुए बैठी थीं। बात-बात पर वह रोने लगतीं तो महिलाएं उन्हें सांत्वना देतीं। घर के बाहर भी पुलिस और मीडिया का जमावड़ा है। हमने जब उनकी मां से बात करने की कोशिश की तो वह बस रोने लगीं।
कुछ देर बाद हिम्मत बांधते हुए बोलीं, “जिस तरह से मेरी बेटियों को फांसी पर लटकाया गया है। उसी तरह से आरोपियों को भी फांसी पर लटकाया जाए। दरिंदों ने मेरी बेटी को तड़पा-तड़पाकर मारा है। उसी तरह से इनको भी मौत मिले। वो मेरी आंखों के सामने बेटियों को बाइक पर बैठाकर ले गए थे। मैं उन्हें रोकने के लिए दौड़ी तो मुझे लात मार दी थी।”

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