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देवनानी बोले- 90 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस अल्पमत में:कहा- गहलोत तत्काल इस्तीफा दे, विधानसभा भंग की जाए

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देवनानी बोले- 90 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस अल्पमत में:कहा- गहलोत तत्काल इस्तीफा दे, विधानसभा भंग की जाए

पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ चुकी है और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरकार चलाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है। इसलिए उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा राज्यपाल को सौंप कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य की जनता बेहतर तरीके से अपनी नुमाइंदगी करने वाले राजनीतिक दल को चुन सके।

देवनानी ने राजस्थान कांग्रेस में चल रहे घमासान का जिक्र करते हुए मंगलवार को जारी बयान में कहा कि जो मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक अपने आलाकमान के सगे नहीं हुए, वे जनता के सगे कभी भी नहीं हो सकते हैं। ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। कांग्रेस में इतना ज्यादा बवाल होने के बाद भी गहलोत का मुख्यमंत्री बने रहना बड़ी हास्यास्पद और अचरज वाली बात है। देवनानी ने कहा कि जब गहलोत खेमे के 90 विधायक विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप चुके हैं, तो वे अब विधायक ही नहीं रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस सरकार पूरी तरह अल्पमत में आ गई है। इसलिए गहलोत को तत्काल प्रभाव से राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर देनी चाहिए।

जनता बीजेपी को आशाभरी नजरों से देख रही

देवनानी ने कहा कि यदि विधानभा भंग की जाती है, तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा और फिर कुछ समय बाद विधानसभा चुनाव हो जाएंगे, तो जनता को अपने हितों की चिंता व रक्षा करने वाली पार्टी भाजपा को चुनने का अवसर मिल जाएगा। देवनानी ने दावा किया कि अगली भाजपा सरकार निश्चित रूप से जनता की नुमाइंदगी करेगी और सुशासन देगी। जनता आज भी भाजपा को आशाभरी नजरों से देख रही है। जनता भाजपा को फिर से सत्ता में लाने का पूरी तरह मन बना चुकी है। देवनानी ने कहा कि वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव होने और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से जनता दुखी है। यही नहीं, मुख्यमंत्री गहलोत जनता की फिक्र करने की बजाय अपनी सरकार को बचाने में जुटे रहे। पिछले चार साल से गहलोत सरकार डांवाडोल स्थिति में चल रही है और मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।

गहलोत ने खोया राजनीतिक वजूद

देवनानी ने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश में हालात बहुत ज्यादा विकट हो गए हैं। गहलोत अपना राजनीतिक वजूद खो चुके हैं। इसलिए सरकार चलाना अब उनके वश की बात नहीं है। यदि अपने खिलाफ इतना भारी विरोध होने के बाद भी गहलोत मुख्यमंत्री पद पर बने रहते हैं, तो इससे बड़ी शर्म की बात और कोई नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। यदि कारण है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था भी दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। सत्ता से कांग्रेस के बाहर हुए बिना प्रदेश में हालात सुधरने की उम्मीद बिल्कुल नहीं है।

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