नाग मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों को उड़ाया:सेना की एंटी टैंक मिसाइल टुकड़ियों ने पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में साधे निशाने

जैसलमेर। एंटी टैंक मिसाइल के साथ अभ्यास करते भारतीय सेना के जवान।
जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने नाग मिसाइल का सफल प्रदर्शन करते हुए इसकी क्षमता और सटीकता का आकलन किया। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना की शाहबाज डिवीजन की एंटी टैंक मिसाइल टुकड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए फील्ड फायरिंग रेंज में नाग मिसाइल का अभ्यास किया।
इस दौरान भारतीय सेना की शाहबाज डिवीजन ने एंटी टैंक मिसाइल नाग का भी परीक्षण किया। जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से उड़ाया गया। पांच किलोमीटर तक जमीन से जमीन पर मार कर सकने वाली नाग मिसाइल 3 से 7 किमी दूर खड़े दुश्मन को 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से तबाह करती है।

भारतीय सेना की शाहबाज़ डिवीजन की एंटी टैंक मिसाइल टुकड़ी ने इस एंटी टैंक मिसाइल के साथ अभ्यास किया।
सटीकता से लक्ष्य भेदने पर इसे फायर एंड फोरगेट मिसाइल भी कहा जाता है। भारतीय सेना की शाहबाज़ डिवीजन की एंटी टैंक मिसाइल टुकड़ी ने इस एंटी टैंक मिसाइल के साथ अभ्यास किया और इससे सटीक निशाने साधे। भारतीय सेना की साउर्थन कमांड ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि डिवीजन की कुशल रणनीति ने भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों और तकनीकी प्रगति के उच्चतम स्तर को प्रदर्शित किया।
42 किलो वजनी व 6 फीट 3 इंच लंबी मिसाइल
नाग मिसाइल रणक्षेत्र में सैनिक शत्रु के टैंक को देखने के बाद उन्हें तबाह करने के लिए ही बनी है। फायर एंड फोरगेट की रणनीति पर काम करने वाली ये मिसाइल 6 फीट 3 इंच लंबी है और इसका वजन करीब 42 किलो है। ये जमीन से जमीन पर दागी जाने वाली तीसरी पीढ़ी की मिसाइल है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक हर साल इस मिसाइल का परीक्षण और अभ्यास किया जाता है। साल 2017 से लेकर 2023 तक अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों के परीक्षण किए जा चुके हैं और इनमे से लगभग सभी परीक्षण सफल भी हुए हैं।

मिसाइल ने सटीक निशाना लगाया।
नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की होने के बावजूद दुश्मन को टैंक या अन्य सैन्य वाहनों के साथ कुछ ही सेकंड में नेस्तनाबूद कर सकती है। इसके अलावा एक हेलिना मिसाइल भी इसी का संस्करण है, जिससे हवा से जमीन पर फायर दागा जा सकता है। हेलिना मिसाइल को हेलीकॉप्टर से भी दागा जा सकता है।

अभ्यास के लिए तैयार भारतीय सेना के जवान।










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