बीकानेर। नाबार्ड द्वारा आरएमजीबी बीकानेर क्षेत्रीय कार्यालय में महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ। बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की है और देश के लिए उनके द्वारा संघर्षपूर्ण किये गये कार्यो को याद करते हुए संविधान निर्माण के अनुकरणीय कार्यो के बारे में विस्तार से बताया। श्रद्वांजली के दौरान नाबार्ड सहायक महाप्रबंधक रमेश ताम्बिया द्वारा डॉ भीमराव अम्बेडकर के जीवन के विभिन्न अनुकरणीय कार्यो के बारे में बैंकर्स साथियों को बताते हुए बताया कि भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है जिसको सही रुप प्रदान किया था डॉ। भीमराव अंबेडकर साहब ने, उन्होने संविधान निर्माण के आधार पर एकता के साथ जीवन जीने की ओर सभी को प्रेरित किया। आज का दिन भारत में डॉ भीमराव अम्बेडकर के लाइफ, करियर, कामों और योगदान को याद करने के लिए है। भारतीय संविधान के मुख्य निर्माणकर्ता के रूप में भी उन्हें आज के दिन याद किया जाता है। आज बाबासाहेब के जीवन के हर पहलू को याद किया जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। ऐसे में आज का दिन उन्हें एक समाज सुधारक के रूप में जीवीत रखता है। दलितों की स्थिति में सुधार लाने, छूआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने जैसे बड़े समाज सुधारक काम उन्हें ने अपने जीवन में किए हैं। बाबासाहेब के अनुयायियों का मानना है कि उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे। संविधान के प्रारुक के आधार पर भारत के हर नागरिक को मौलिक अधिकार देना संविधान की सबसे बड़ी विशेषता है। संविधान में उललेखित 06 मौलिक अधिकार वह अधिकार है, जो हर नागरिक को हासिल है। इनका हनन नहीं किया जा सकता है। यह भारत के सभी नागरिकों को मूल अधिकार प्रदान करता है और उनकी रक्षा करता है। डॉ। आंबेडकर महिलाओं की उन्नति के प्रबल पक्षधर थे। उनका मानना था कि किसी भी समाज का मूल्यांकन इस बात से किया जाता है कि उसमें महिलाओं की क्या स्थिति है? दुनिया की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है, इसलिए जब तक उनका समुचित विकास नहीं होता कोई भी देश चहुंमुखी विकास नहीं कर सकता। इसी संदर्भ में जिला विकास प्रबंधक द्वारा नाबार्ड द्वारा महिलाओं के उत्थान में आरएमजीबी तथा अन्य बैंकों की सशक्त भूमिका के लिए सभी से सहयोग करने की आशा के साथ कहा की डॉ भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा देश को मूलरुप में तैयार कर दिये गये संविधान का मुख्य उद्देश्य था कि ” प्रत्येक संविधान, उस देश के आदर्शों, उद्देश्यों व मूल्यों का दर्पण होता है ।
इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रबंधक श्री अतुल सरदाना द्वारा भी भारत रत्न डॉ भीमवराव अम्बेडकर जी के द्वारा महिला उत्थान तथा समाजिक उत्थान के लिए किये गये उललेखनीय कार्यो के बारे में सभी को बताते हुए आरएमजीबी द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए किये जा रहें कार्यो पर प्रकाश डालते हुए अपने श्रद्वासुमन अपर्ति किये और बताया कि सभी को संविधान का पालन करना चाहिए और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करना चाहिए; डॉ भीमराव अंबेडकर जी को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। वह भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। उन्हें 1947 में संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। 06 दिसम्बर 1956 को उनकी मृत्यु के साथ ही देश ने एक सूपत खो दिया था अत पूरा भारतवर्ष 06 दिसम्बर को प्रतिवर्ष महापरिनिर्वाण दिवस के रुप में मनाते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर जी के अविस्मरणीय कार्यो के साथ याद किये जाते है।














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