नाबार्ड द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविकोपार्जन हेतु कार्यक्रम का आयोजन
नाबार्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने हेतु अपने हुनर के आधार पर आय अर्जन कर समाज में जीवन स्तर सुधारने के लिए आजीविकोपार्जन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. नाबार्ड द्वारा प्रयास संस्थान के माध्यम से लूणकरणसर ब्लाक में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं हेतु सैनेटरी नैपकिन बाजार में उपलब्ध करवाने हेतु 15 दिवसीय सूक्ष्म उघमिता विकास कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया है. 15 दिवसीय कार्यक्रम के द्वारा महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से चुनी हुई 30 महिलाओं को प्रशिक्षित किया जावेगा तथा उनको समाज के कमजोर वर्ग तक सैनेटरी नैपकीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने हेतु प्रशिक्षित करते हुए उसकी उपयोगिता को महिलाओं तथा बालिकाओं के मध्य भेजा जावेगा. नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक, रमेश ताम्बिया द्वारा बताया गया कि इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन के प्रति जागरुक करते हुए इसकी उपयोगिता बताना है. जिला प्रशासन के सहयोग से बीकानेर के बोर्डर क्षेत्र की महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर इसकी उपयोगिता बताने का लक्ष्य रखा गया है यह माना जाता है कि बोर्डर क्षेत्र की महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन की उपलब्धता नगण्य है जिसके कारण महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पडता है तथा उनके स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पडता है. इन सभी समस्याओं को महिलाओं के मध्य तक पहॅुचाने के लिए महिला अधिकारिता विभाग, बीकानेर तथा प्रयास संस्थान द्वारा 30 कार्यकारी महिलाओं को चुनकर प्रशिक्षित करते हुए महिलाओं के मध्य जानकारी साझा करने के लिए भेजा जावेगा. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए प्रयास संस्थान तथा नाबार्ड द्वारा सुदूर ग्रामीण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान वर्चुअल मोड पर ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए विपरीत परिस्तिथियों में बालिकाओं तथा महिलाओं को समस्याओं से बचाने के लिए जोडा जावेगा. 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन के साथ-साथ भारत सरकार की किसान उत्पाद संगठन योजना के अंतर्गत लूणकरणसर में सरसों उत्पादको को अच्छी उत्पादकता के लिए धीरेरा सहाकरी समिति के माध्यम से किसानों के लिए जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सहायक महाप्रबंधक, नाबार्ड द्वारा किसानों को किसान उत्पादक संगठन के साथ जुडकर भारत सरकार तथा राज्य सरकार की योजनाओं में लाभ प्रापत करते हुए अपनी उपज को सही मूल्य पर बेचने के लिए माध्यम के बारे में बताते हुए राज्य सरकार की गोदाम तथा प्रसंस्करण नीति 2019 के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की. खेती के साथ ही साथ पशुपालन की उपयोगिता बताते हुए पशुपालन केसीसी तथा राष्ट्रीय पशुधन योजना के माध्यम से मुर्गी पालन, भेड/ बकरी पालन करने वाले किसानों को भारत सरकार से 50 प्रतिशत अनुदान योजना के बारे में बताया.










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