पाकिस्तान ने ईरानी हमले के जवाब में एयरस्ट्राइक की:कहा- कई आतंकियों को ढेर किया; रिपोर्ट्स में दावा- 4 बच्चे, 3 महिलाओं की मौत
पाकिस्तान के ईरान में हमले के बाद भागते लोग। (फुटेज पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।)
पाकिस्तान की एयरफोर्स ने बुधवार देर रात जवाबी कार्रवाई में ईरान में बलूच लिबरेशन आर्मी के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज बलोच ने कहा- ये कार्रवाई सभी खतरों के खिलाफ देश की रक्षा के लिए की गई है। ऑपरेशन की सफलता पाकिस्तानी सेना की काबिलियत का सबूत है।
पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान में कई आतंकियों को मार गिराया। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की एयरस्ट्राक में 4 बच्चे और 3 महिलाओं की मौत हुई है।
इससे पहले मंगलवार रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद दोनों देशों में टकराव बढ़ गया था। ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल पर हमला किया था।
ईरान में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक के बाद इकट्ठा हुए लोग। (द पाकिस्तान डेली)
ईरान में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर किए हमले
ईरान के विदेश मंत्री अमीर अब्दोल्लाहियन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी से फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि यह हमला ईरान के आंतकी संगठन पर किया गया था। पाकिस्तान का कोई भी नागरिक इसमें घायल नहीं हुआ है।
इस पर जिलानी ने कहा था कि किसी भी देश को इस तरह जोखिम वाले रास्ते पर नहीं चलना चाहिए। ईरान के हमले पर पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का पूरा हक है। इसके बाद पाकिस्तान एयरफोर्स ने 24 घंटे में ईरान पर हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने ईरान में चलाए ऑपरेशन को ‘मार्ग बार सरमाचर’ नाम दिया।
पाकिस्तान के सिक्योरिटी ऑफियशियल ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि पाक एयरफोर्स ने बलूच अलगाववादियों के 7 ठिकानों को निशाना बनाया। एयरस्ट्राइक ईरान की सीमा में 48 किलोमीटर अंदर घुसकर की गईं। इसके लिए फाइटर जेट्स और ड्रोन्स का इस्तेमाल किया।
भारत-अमेरिका का रिएक्शन
ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को तेहरान से अपने ऐंबैस्डर को वापस बुला लिया और ईरान के राजदूत को देश छोड़ने को कह दिया था। वहीं, ईरान के हमले के बाद पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वॉर्टर रावलपिंडी में बुधवार तड़के से मीटिंग्स चल रही थीं। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने सभी कमांडर्स को फौरन बुलाया था।
पाकिस्तान में ईरान की एयरस्ट्राइक पर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- अगर कोई देश अपनी हिफाजत के लिए कार्रवाई करता है तो भारत उसकी स्थिति समझ सकता है।
उन्होंने कहा- ये पाकिस्तान और ईरान के बीच का मामला है। जहां तक हमारी राय का सवाल है तो हम कई बार साफ कर चुके हैं कि आतंकवाद के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं, अमेरिका ने ईरान की स्ट्राइक को गलत बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि ईरान ने हाल ही के दिनों में अपने तीन पड़ोसी मुल्कों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।
ईरान ने पाकिस्तान पर हमला क्यों किया?
ईरान एक शिया बहुल देश है, जबकि पाकिस्तान में करीब 95% लोग सुन्नी हैं। पाकिस्तान के सुन्नी संगठन ईरान का विरोध करते रहे हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान का जैश अल अदल आतंकी संगठन ईरान की सीमा में घुसकर कई बार वहां की सेना पर हमले करता रहा है। ईरान की सेना को रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा जाता है।
ईरान सरकार कई बार पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने की वॉर्निंग दे चुकी है। 2015 में पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। तब ईरान के आठ सैनिक पाकिस्तान से ईरानी क्षेत्र में घुसे सुन्नी आतंकवादियों के साथ संघर्ष में मारे गए। यह आतंकी भी जैश अल अदल के थे।
तब ईरान सरकार ने कहा था- हमारी सीमा पर तैनात सैनिकों का पाकिस्तान से घुसे आतंकवादियों के साथ संघर्ष हुआ। हमारे आठ सैनिक शहीद हो गए। हम इस मामले में जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे।
चीन की राय- तनाव न बढ़ाएं
इधर, चीन ने पाकिस्तान और ईरान दोनों से कहा कि वो तनाव न बढ़ाएं, क्योंकि इससे दोनों देशों को नुकसान है। पाकिस्तान और ईरान दोनों ही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के मेंबर हैं और चीन के करीबी ट्रेडिंग पार्टनर हैं।
ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।
इसका असर दिखना शुरू हो चुका है। ईरानी समाचार एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के एक सदस्य की पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे देश के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत में गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
ईरान तीसरा देश है, जिसने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की है। ईरान से पहले अमेरिका ने 2011 और भारत ने सितंबर 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। – फाइल फोटो
जवाबी कार्रवाई से पहले पाकिस्तान में क्या हुआ था
- मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।
- इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।
- बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के ऐंबैस्डर को भी देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।
- मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।
ईरान के फॉरेन मिनिस्टर अब्दुल्लाहोनिया पाकिस्तान के केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ के साथ। यह तस्वीर सोमवार को दावोस समिट के दौरान की है। काकड़ बलूचिस्तान के ही रहने वाले हैं और ईरान ने मंगलवार रात इसी राज्य में हमला किया है।
मीडिया कवरेज पर रोक
- पाकिस्तान ने मंगलवार रात कहा कि ईरान की तरफ से मिसाइल और ड्रोन हमलों में दो बच्चे मारे गए और तीन लड़कियां घायल हुईं। हालांकि, ये नहीं बताया गया कि वास्तव में ईरान ने बलूचिस्तान के किस इलाके में हमला किया।
- पाकिस्तान सरकार ने ईरान के हमले के बाद बलूचिस्तान को दो हिस्सों (पंजगुर और तुरबत) में हमले के बारे में किसी तरह की कवरेज पर रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं इन इलाकों में किसी भी जर्नलिस्ट के जाने पर भी रोक लगा दी थी।
- भारत ने जब बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, तब भी पाकिस्तान ने करीब तीन महीने तक लोकेशन पर किसी को जाने की मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद कुछ जर्नलिस्ट्स को एक छोटी सी जगह पर ले जाकर बताया था कि यहां सिर्फ कुछ पेड़ टूटे हैं। इस बार भी पाकिस्तान सच बताने को तैयार नहीं है।
- दूसरी तरफ, ‘आज टीवी’ ने कुछ लोगों से बातचीत की। ज्यादातर लोगों ने कहा- हमारे हर बॉर्डर पर तनाव और खतरा है। अफगानिस्तान दो रास्ते बंद कर चुका है। भारत के साथ संबंध बिल्कुल खत्म हो चुके हैं। अब ईरान भी पाकिस्तान पर खुलेआम हमले कर रहा है।
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