NATIONAL NEWS

पुलिस ने किसानों पर किया लाठीचार्ज, एक किसान घायल:एसपी ने लगाया जवानों की जान जोखिम में डालने का आरोप, माकपा ने बताया दमनकारी नीति

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

पुलिस ने किसानों पर किया लाठीचार्ज, एक किसान घायल:एसपी ने लगाया जवानों की जान जोखिम में डालने का आरोप, माकपा ने बताया दमनकारी नीति

शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसान उग्र हो गए। - Dainik Bhaskar

शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसान उग्र हो गए।

हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग को लेकर किए गए भारत बंद के आह्वान के बीच शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान किसान उग्र हो गए। आक्रोशित किसानों ने ट्रैक्टरों पर सवार होकर जंक्शन में बाइपास रोड स्थित डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में चल रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से वर्चुअली संवाद कार्यक्रम स्थल में जबरन घुसने का प्रयास किया। किसान बाइपास रोड पर लगाए गए बैरिकेड्स को ट्रैक्टरों के जरिए तोड़कर आगे निकल गए। किसान पहला बैरिकेड्स तोड़कर अंदर घुसकर नजदीक तक किसान पहुंच गए। उसके बाद किसान दूसरे बैरिकेड्स को तोड़ने में भी कामयाब रहे। इधर एसपी ने कहा कि किसानों ने पुलिस जवानों पर ट्रेक्टर चढ़ाने का प्रयास किया और उनकी जान जोखिम में डाली।

पुलिस लाठी चार्ज में घायल हुआ किसान।

पुलिस लाठी चार्ज में घायल हुआ किसान।

पुलिस के हाथ-पांव फूले, हुई झड़प
डीएवी स्कूल के पास किसानों और पुलिस के बीच मे झड़प हो गयी। इससे मौके पर तैनात पुलिस अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। प्रधानमंत्री मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम स्थल तक जबरन पहुंचने का प्रयास कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर मौके पर तैनात पुलिस और आरएसी जवानों ने किसानों को खदेड़ने के लिए हल्का लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इससे किसान नेताओं के चोट भी आई। किसान सद्दाम हुसैन सिर में चोट लगने से लहूलुहान हो गया। जिसे किसानों ने ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया।

एसपी बोले किसानों ने पुलिस जवानों की जान जोखिम में डाली
इधर एसपी डॉक्टर राजीव पचार ने कहा कि किसानों ने पुलिस जवानों पर बैरिकेड्स तोड़कर ट्रेक्टर चढ़ाने का प्रयास किया। पुलिस जवानों की जान को जोखिम में डालने का कार्य किसानों ने किया है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करवाई है किसानों ने किस तरह से बैरिकेड्स तोड़ जवानों की जान जोखिम में डाली। एसपी बोले निश्चित ही हम इन पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।

पुलिस कप्तान ने किसानों पर लगाया पुलिस जवानों की जान जोखिम डालने का आरोप।

पुलिस कप्तान ने किसानों पर लगाया पुलिस जवानों की जान जोखिम डालने का आरोप।

तीन दिन से शांति की वार्ता, लेकिन हुई अशांति
एसपी ने बताया कि हम लगातार तीन दिन से सभी किसान संगठनों से बातचीत कर रहे थे। सभी संगठनों ने भरोसा दिलवाया था कि वो किसी भी प्रकार की अशांति नहीं फैलाएंगे। किसान प्रतिनिधियों ने कहा था कि वो सिर्फ मार्च निकालते हुए भगतसिंह चौक पर सभा करेंगे। लेकिन एक किसान ग्रुप ने आज अशांति फैलाने का कार्य किया। उस ग्रुप से भी हम लगातार बात कर रहे थे उन्होंने ऐसा नहीं करने का आश्वासन दिया था।

पुलिस ने करवा रखी थी बैरिकेडिंग
इससे पहले किसानों के संभावित विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस की ओर से अबोहर बाइपास स्थित प्रधानमंत्री मोदी के वर्चुअल कार्यक्रम स्थल डीएवी स्कूल के बाहर शुक्रवार की सुबह से ही सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए। मौके पर उच्चाधिकारियों के नेतृत्व में भारी मात्रा में जाब्ता तैनात किया गया। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सड़क के बीच बैरिकेडिंग करवाने के साथ टैंकर खड़े कर रास्ता रोक दिया। कार्यक्रम शुरू होने के बाद ट्रैक्टर लेकर पहुंचे किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे निकल गए।

किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस जाब्ता तैनात।

किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस जाब्ता तैनात।

नाराज किसान सड़क पर धरना देकर बैठे
किसानों पर हल्का बल प्रयोग करने से घायल हुए किसान के चलते किसान और ज्यादा आक्रोशित हो गए। इससे नाराज किसान मुख्य सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए और जाम लगा दिया। हालांकि उस रास्ते को पहले से ही आमजन के लिए पुलिस प्रशासन ने किसानों के विरोध को देखते हुए ब्लॉक कर रखा था। पीएम मोदी के वर्चुअली जनसंवाद कार्यक्रम का समापन होने के बाद किसानों को बैरिकेड्स खोलकर रवाना किया गया। किसानों की मांग थी कि वो इसी रास्ते से होकर मुख्य बाजार वापस जाएंगे और पीएम मोदी के कार्यक्रम का विरोध जताएंगे।

घायल किसान का ट्रॉमा सेंटर में करवाया इलाज, फिर पहुंचा सभा स्थल
लाठीचार्ज में सिर पर चोट लगने से घायल किसान नेता सद्दाम हुसैन को टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय के ट्रोमा सेंटर में भर्ती करवाया गया। सिर में चोट लगने की वजह से किसान सद्दाम मौके पर ही अचेत होकर वहीं गिर गया था। उसके बाद किसानों ने किसान को संभाल कर उसे तुंरत अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों ने उपचार के बाद सद्दाम हुसैन को छुट्टी दे दी। हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद भगतसिंह चौक पर किसानों की कि चल रही सभा में किसान पहुंच गया।

घायल किसान सद्दाम हुसैन हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद सीधा किसान सभा में पहुंचा।

घायल किसान सद्दाम हुसैन हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद सीधा किसान सभा में पहुंचा।

मजदूर संगठनों ने रैली निकालकर किया विरोध-प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा व मजदूर संगठनों की ओर से किए गए ग्रामीण बंद व आम हड़ताल के आह्वान के तहत शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ व भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र के बैनर तले मजदूर संगठनों की ओर से जंक्शन शहर में रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। मजदूर संगठनों के कार्यकर्ता सुबह रोडवेज डिपो में एकत्रित हुए। यहां से रैली के रूप में शहर के मुख्य-मुख्य मार्गो से होते हुए मुख्य बाजार पहुंचे और शहीद भगतसिंह चौक के नजदीक सड़क पर आम सभा की।

खेत किसान मजदूर यूनियन, सीटू यूनियन और किसान संगठन पैदल मार्च करते हुए भगतसिंह चौक पहुंच कर आमसभा की।

खेत किसान मजदूर यूनियन, सीटू यूनियन और किसान संगठन पैदल मार्च करते हुए भगतसिंह चौक पहुंच कर आमसभा की।

माकपा नेता बोले लाठीचार्ज करना दमनकारी नीति
किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में भगतसिंह चौक पर चल रही सभा में माकपा नेता रामेश्वर वर्मा ने पुलिस की ओर से किसानों पर लाठीचार्ज करने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। सिर्फ मोदी की भक्ति दिखाने के लिए किसानों पर दमन किया गया है। वर्मा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आह्वान करेगा उसे लागू किया जाएगा।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले केंद्र सरकार ने की वादाखिलाफी
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुरेन्द्र दादरी ने कहा कि 2014 में जब भाजपा की मोदी सरकार केन्द्र में सत्ता में आई, उस समय चुनाव घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि किसानों के लागत मूल्य से न्यूनतम डेढ़ गुना फसल का दाम दिया जाएगा। उसके बाद किसान की आय दोगुनी करने का वादा किया लेकिन किसान दिन-प्रतिदिन कमजोर होता गया। मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए तीन काले कृषि कानून लेकर आई। उसके खिलाफ किसानों ने 13 माह तक लड़ाई लड़ी। आंदोलन में 715 किसान शहीद हो गए। किसान आंदोलन में शामिल किसानों को कभी आतंकवादी बताया जाता तो कभी कुछ। दिल्ली में क़िलेबंदी की गई जो कभी अंग्रेजों के राज में भी नहीं हुआ। उस समय मोदी को घुटनों के बल आकर किसानों से समझौता करना पड़ा। तीन काले कानून वापस लेने पड़े। एमएसपी लागू करने के लिए कमेटी बनाई। किसानों पर हुए मुकदमे वापस लेने की बात कही। लेकिन किसी भी वादे पर अमल नहीं किया गया। अब किसान दोबारा शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर दिल्ली कूच कर रहे थे, फिर सरकार ने बॉर्डर सील कर दिए और कीलें लगा दी। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए जैसे कोई आतंकवादी गतिविधि हो रही है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!