फ्रांस के राष्ट्रपति ने पूछा- हवामहल की खिड़कियां रंगीन क्यों?:चाय पर चर्चा में मोदी ने मैक्रों को बताया- क्या होता है कुल्हड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जयपुर विजिट के दौरान आमेर फोर्ट, जंतर-मंतर और हवामहल को देखा। दोनों नेता हवामहल के पास हैंडीक्राफ्ट्स की शॉप पर भी गए। इस दौरान दोनों के बीच जयपुर के हेरिटेज, क्राफ्ट और राम मंदिर को लेकर चर्चा भी हुई।
मोदी और मैक्रों ने हवामहल के पास बैठकर जयपुर की प्रसिद्ध साहू की चाय भी पी। मोदी और मैक्रों ने यहां चाय पर चर्चा की। मोदी ने मैक्रों को चाय के बारे में समझाया। वहीं, सिकोरे (मिट्टी का ग्लास) का महत्व भी उन्हें बताया।
दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने मोदी-मैक्रों को हवामहल की जानकारी देने वाले टूर गाइड संजय शर्मा, हैंडीक्राफ्ट की दुकान के ऑनर राजीव अग्रवाल और साहू की चाय दुकान के ऑनर राम साहू व हिमांशु साहू से बात की। उनसे जाना कि इन नेताओं ने उनसे क्या सवाल पूछे और उन्होंने दोनों नेताओं को क्या जानकारी दी…
मैक्रों ने टूर गाइड से हवामहल को लेकर 2 सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि हवामहल में कितनी खिड़कियां हैं?
टूर गाइड ने हवामहल के इतिहास और आर्किटेक्ट की दी जानकारी
सबसे पहले टूर गाइड संजय शर्मा से बात की और उनसे पूछा कि हवामहल देखने के दौरान मोदी और मैक्रों ने उनसे क्या सवाल पूछे। इस पर संजय शर्मा ने बताया कि मुझे 5 से 7 मिनट का समय मिला था। मैंने पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति को हवामहल के इतिहास व आर्किटेक्ट के बारे में बताया। इस दौरान मैक्रों ने 2 सवाल पूछे। उन्होंने मुझसे पूछा कि हवामहल की खिड़कियों के शीशे रंगीन क्यों हैं और हवामहल में कितनी खिड़कियां हैं।
मैंने उनको बताया कि हवामहल मुकुट के आकार में बना है और खिड़कियां उसके रत्नों को रिप्रजेंट करती हैं। इसकी खिड़कियों के बारे में बताया कि इसमें 365 खिड़कियां हैं और क्रॉस वेंटिलेशन के कारण यह महल पूरी तरह वेंटिलेटेड रहता है। मैंने इस महल की खासियतें पीएम मोदी और मैक्रों को बताई। मैक्रों ने मुझे इस महल के बारे में बताने पर धन्यवाद कहा और जाते समय भी मुझे थैंक्यू कहा। इस पर मैंने उनसे कहा कि आप फिर आइएगा, इस जगह को देखने।
हैंडीक्राफ्ट की दुकान पर प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर का मॉडल खरीदा और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को गिफ्ट किया।
मोदी-मैक्रों ने हैंडीक्राफ्ट की दुकान में की शॉपिंग
हवामहल देखने के बाद मोदी और मैक्रों एक हैंडीक्राफ्ट की दुकान पर गए और शॉपिंग की। भास्कर रिपोर्टर ने दुकान के ऑनर राजीव अग्रवाल से पूछा कि प्रधानमंत्री आपके यहां आए तो उन्होंने कितना समय बिताया और क्या बातचीत हुई। इस पर राजीव अग्रवाल ने बताया कि पीएम मोदी और मैक्रों करीब 7 से 8 मिनट दुकान पर रुके। हवामहल के सामने बने स्टेज से दोनों दुकान में आए और डिस्प्ले में रखे राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट को देखा और बहुत सराहना की।
उन्होंने पूछा कि जयपुर में कौन-से आइटम बनते हैं और जयपुर के बाहर कौन-से आइटम बनते हैं। मैक्रों ने पूछा कि ये आइटम हाथ से बनते हैं या मशीन से बनते हैं। कौन बनाता है। इसके बाद जब उनकी नजर राम मंदिर के मॉडल पर पड़ी तो उन्होंने पूछा कि ये क्या है। इस पर मोदी जी ने उनको पूरा समझाया कि ये उसी मंदिर का मॉडल है, जहां 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस राम मंदिर के मॉडल की रेट पूछी और 500 रुपए यूपीआई से पेमेंट करके राम मंदिर का मॉडल खरीदा। इसके बाद उस मॉडल को यहीं पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को गिफ्ट कर दिया। मैक्रों ने हमारी दुकान पर हैंडीक्राफ्ट के कई आइटम को हाथ में लेकर देखा और राजस्थान के हैंडीक्राफ्ट की सराहना की।
मोदी और मैक्रों ने हवामहल के पास बैठकर जयपुर की प्रसिद्ध साहू की चाय पी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मैक्रों को कुल्हड़ का महत्व बताया।
चाचा-भतीजे ने मोदी-मैक्रों के लिए बनाई चाय
मोदी और मैक्रों ने हवामहल देखने के बाद जयपुर की प्रसिद्ध साहू की चाय भी पी। दोनों ने यहां करीब 10 मिनट का समय गुजारा। इस दौरान साहू चाय के ऑनर राम साहू और हिमांशु साहू ने चाय बनाकर सर्व की। दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं। भास्कर ने बात की तो उन्होंने बताया कि हमने इसको लेकर खास तैयारियां की थी। हमारी जो पारंपरिक चाय है, वही बनाकर हमने उनको पिलाई। दोनों नेताओं ने चाय की तारीफ की। मैंने मोदी जी को अपने सपने के बारे में बताया कि मेरा सपना था कि मैं उनको चाय पिलाऊं तो आज मेरा सपना साकार हो गया। इस पर मोदी जी ने कहा कि चाय पीकर बहुत अच्छा लगा।
मोदी ने चाय पर चर्चा के दौरान मैक्रों के साथ राजस्थान के हेरिटेज पर भी चर्चा की। मोदी ने मैक्रों को चाय के बारे में समझाया। साथ ही सिकोरे (कुल्हड़) का महत्व भी बताया। दोनों नेताओं ने आनंद के साथ चाय पी और हमसे कहा कि आपकी चाय बहुत अच्छी थी। उन्होंने बताया कि दोनों नेता आपस में बातें कर रहे थे। मोदी जी जो बोल रहे थे, वो हमें समझ में आ रहा था और फ्रांस के राष्ट्रपति बोल रहे थे, तो उनके साथ जो ट्रांसलेटर था, वो हिंदी में बता रहा था। चाय पीने के बाद पीएम मोदी ने कीमत पूछी, तो हमने चाय के पैसे लेने से मना कर दिया। हमने उन्हें प्रतीकात्मक रूप से 2 रुपए देने के लिए कहा। इस पर पीएम मोदी ने यूपीआई से 2 रुपए का पेमेंट किया।
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