
बीकानेर । बीकानेर शहर को रेल फाटक की समस्या से निजात दिलवाने हेतु स्वयं रेल मंत्री तकनीकी हल निकालने के लिए प्रयास कर रहे हैं। बीकानेर की समस्याओं पर विशेष बातचीत करते हुए ऊर्जा मंत्री एवं बीकानेर से विधायक डॉ बी डी कल्ला ने विशेष बातचीत में कहा कि रेल फाटक की समस्या को लेकर बीकानेर शहर वासियों की सुविधा के संदर्भ में बातचीत करने के लिए सांसद तथा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ रेल मंत्री से विशेष वार्ता की गई थी। जहां उनके द्वारा रेल मंत्री ई कहा गया कि अब जब रेलवे के ट्रैक को इलेक्ट्रिफाई किया जा रहा है तो बीकानेर में इलेक्ट्रिक ट्रैक बनाना संभव नहीं हो पा रहा है।ऐसी स्थिति में बाईपास ही केवल मात्र एक उपाय है जिस पर रेल मंत्री ने एलिवेटेड रोड या ओवरब्रिज बनाने की बात कही परंतु डॉ बी डी कल्ला द्वारा उन्हें बताया गया कि रेलवे द्वारा स्वयं ही ये बीकानेर में असंभव बताया गया है। जिसके बाद रेल मंत्री ने शीघ्र ही इसका तकनीकी हल निकालने का प्रयास करने की बात कही है।
जल संसाधन मंत्री के रूप में में पानी की समस्याओं हेतु प्रयासों तथा जल जीवन मिशन योजना के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 2013 से पूर्व तक राजस्थान को केंद्र सरकार द्वारा 90% ग्रांट दी जाती थी जबकि अब यह ग्रांट 45% केंद्र ,45% राज्य सरकार एवं 10% गांव के लोगों के सहयोग से मिल रही है ।उन्होंने बताया कि इसके बावजूद राजस्थान सरकार हर घर पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है इसी कड़ी में अब तक 20लाख घरों को कनेक्शन दिए जा चुके हैं 30लाख को जल्दी कनेक्शन मिल जाएंगे तथा अगले 2 सालों में 52 लाख लोगों को जल कनेक्शन मुहैया करवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
बीकानेर के रंग कर्मियों के रविन्द्र रंगमंच से वंचित रहने के संदर्भ में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि आज प्रात ही उनके द्वारा बीकानेर के रविंद्र रंगमंच का अवलोकन किया गया है ।जहां ओपन एयर थिएटर तथा आर्ट गैलरी बनाने के लिए प्रस्ताव भिजवाया जा रहा है इस संदर्भ में कला एवं संस्कृति मंत्री तथा बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल से भी वार्ता की जाएगी, ताकि जल्दी से जल्दी इसे अमलीजामा पहनाया जा सके। बीकानेर के रंग कर्मियों को रंगमंच हेतु रविंद्र रंगमंच उपलब्ध ना होने की समस्या पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जयपुर की तर्ज पर यहां पर भी सरकार द्वारा रेट फिक्स करके आधी दर पर रंगकर्मियों को रंग मंच मुहैया करवाने के लिए वे स्वयं यूआईटी में बातचीत करेंगे ।











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