- विशिष्ट अतिथि द्वारकाप्रसाद अग्रवाल ने साझा किए रतन टाटा के प्रेरणादायक विचार
बीकानेर। देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए बीकानेर जिला उद्योग संघ के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक भावपूर्ण सभा आयोजित की गई, जहां कैफी आजमी का लिखा और मोहम्मद रफी द्वारा गाया गीत “मेरी आवाज़ सुनो…” गूंजता रहा। इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन राजस्थान पैंशनर्स इंजीनियर सोसाइटी द्वारा किया गया, गीत के दौरान बीकानेर के उद्यमी, डॉक्टर, इंजीनियर्स, और साहित्यकार आदि मौन खड़े रहे।
सभा की अध्यक्षता इंजीनियर महेंद्र कुमार गुप्ता और अशोक कुमार गुप्ता ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर से आए मोटिवेशनल स्पीकर द्वारकाप्रसाद अग्रवाल मौजूद थे। महेंद्र कुमार गुप्ता ने द्वारकाप्रसाद अग्रवाल का जीवन परिचय दिया।
अग्रवाल ने अपने संबोधन में रतन टाटा के कर्मचारियों के प्रति उनके संवेदनशील दृष्टिकोण और उत्कृष्ट नेतृत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रतन टाटा अपने कर्मचारियों का बहुत ख्याल रखते थे, जिससे वे एक यादगार मुकाम तक पहुंच सके। इसके अलावा, उन्होंने संवाद के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बातचीत हमेशा दो-तरफा होनी चाहिए, जिसमें सुनना और बोलना दोनों शामिल हों।
प्रश्नोत्तर सत्र में, डॉ. एस.एन. हर्ष द्वारा नई पीढ़ी से संबंधित एक सवाल के जवाब में, अग्रवाल ने बताया कि आज की पीढ़ी स्वतंत्र सोच रखती है और उन्हें बाहरी दुनिया से मिलने वाला मार्गदर्शन अधिक प्रभावित करता है। उन्होंने सलाह दी कि जब तक नई पीढ़ी स्वयं सलाह नहीं मांगे, तब तक उन पर सलाह थोपना ठीक नहीं है। हमें बच्चों के मन को समझने की आवश्यकता है और पुरानी परंपराओं को उनके साथ न दोहराएं।
इससे पहले, बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, रतन चंद कोचर, नरेश मित्तल, अनन्तवीर जैन, सुभाष गुप्ता, अशोक गुप्ता, के.के. मेहता, निर्मल पारख व सुभाष ने द्वारकाप्रसाद अग्रवाल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। अग्रवाल की पत्नी का स्वागत डॉ. बसंती हर्ष और सभा में उपस्थित महिलाओं द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. बसंती हर्ष, इंजीनियर सुशील कुमार, पत्रकार हेम शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन राजस्थान पैंशनर्स इंजीनियर सोसाइटी के महासचिव कमल कांत सोनी ने किया।
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